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प्रीमियम बस सेवा: लाइसेंस धारकों को कम से कम 25 बसों के बेड़े का संचालन करना होगा आवश्यक - दिल्ली में प्रीमियम बस सेवा

दिल्ली में ऐप बेस्ड प्रीमियम बस सेवा शुरू करने का रास्ता साफ हो गया है. दिल्ली की उपराज्यपाल की मंजूरी के बाद प्रीमियम बस सेवा के लिए नोटिफिकेशन जारी किया है. अब यह सेवा कब से और कैसे शुरू होगी, इस संबंध में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि चंद दिनों में लाइसेंस प्रदान करने के लिए प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. premium bsus service in delhi

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 22, 2023, 8:44 AM IST

Updated : Nov 22, 2023, 12:17 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में लंबे इंतजार के बाद प्रीमियम बस सेवा शुरू होने को लेकर मंजूरी मिल गई है. अब यह सेवा कब से और कैसे शुरू होगी, इस संबंध में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि चंद दिनों में लाइसेंस प्रदान करने के लिए प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. लाइसेंस मिलते ही धारक को 90 दिनों के भीतर प्रीमियम बस सड़कों पर उतारनी होगी, यह लाइसेंस की पहली शर्त रखी गई है. लाइसेंस धारकों के पास अपनी प्रीमियम बसों के संचालन के लिए संभावित मार्गों को निर्धारित करने की छूट होगी.

परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत, एग्रीगेटर लाइसेंस 5 लाख रुपये के भुगतान पर पांच साल की अवधि के लिए दिया जाएगा. इसके अलावा पांच साल की अवधि समाप्ति से पहले ढाई हजार रुपये का भुगतान करके अगले पांच वर्षों के लिए नवीनीकरण प्राप्त किया जा सकता है. इलेक्ट्रिक बसों पर कोई लाइसेंस शुल्क नहीं लगाया जाएगा. इसके अलावा, लाइसेंस धारकों को मिनी, मिडी या मानक आकार की कम से कम 25 प्रीमियम बसों के बेड़े का संचालन और रखरखाव करना आवश्यक है, जिसे लाइसेंस मिलने के 90 दिनों के भीतर चालू किया जाना आवश्यक है.

प्रीमियम बस सेवा
प्रीमियम बस सेवा

दिल्ली सरकार ने दिल्ली मोटर व्हीकल लाइसेंसिंग ऑफ एग्रीगेटर (प्रीमियम बस) योजना, 2023 को अधिसूचित कर दिया है. दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में इस योजना को ऐतिहासिक क़दम बताया जा रहा है. इस योजना के शुरू होते ही दिल्ली देश का पहला राज्य है जहां इस तरह की प्रीमियम बस एग्रीगेटर योजना लागू की गयी है. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि दिल्ली मोटर व्हीकल लाइसेंसिंग ऑफ एग्रीगेटर (प्रीमियम बस) योजना, 2023 की अधिसूचना दिल्ली के लिए ऐतिहासिक है. यह दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने और प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

ये भी पढ़ें : दिल्ली में चलेंगी एप बेस्ड प्रीमियम बसें, केजरीवाल बोले- पब्लिक ट्रांसपोर्ट व्यवस्था में आएगा बड़ा बदलाव

इस योजना के तहत इंट्रा-सिटी (शहर के भीतर) यात्राओं के लिए प्रीमियम बस शुरू करने का प्रावधान है. इसके तहत प्रीमियम बसें वैसी लक्जरी सार्वजनिक बस होगी जिसमें कम से कम 09 यात्रियों के बैठने की क्षमता होगी और बसें पूरी तरह से वातानुकूलित होगी. साथ ही इन बसों में वाईफाई, जीपीएस और सीसीटीवी के साथ पूर्व आरक्षित रिक्लाइनिंग सीटें होंगी.

लाइसेंस प्राप्त करने के लिए शर्तें

  1. लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदकों के पास सार्वजनिक या साझा परिवहन में वाहनों के संचालन व प्रबंधन का न्यूनतम 3 वर्ष का अनुभव होना चाहिए.
  2. उन्हें सालाना न्यूनतम 100 यात्री बसों या सालाना 1000 यात्री कारों का बेड़ा बनाए रखना होगा.
  3. यदि बसों और कारों के मिश्रित बेड़े की बात करें तो उन्हें मिश्रित बेड़े में न्यूनतम 100 बसें रखनी होंगी.
  4. मिश्रित बेड़े के लिए 1 बस के बराबर 10 कारों की गणना की जाएगी.
  5. लाइसेंस आवेदकों को कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बसों के समान ही यात्री वाहनों के उपयोग से संबंधित सभी लागू शर्तों का पालन करना होगा.
  6. सीएनजी बसों के मामले में योजना में यह प्रावधान है कि बस 3 वर्ष से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए.
  7. 1 जनवरी, 2025 के बाद सेवा में शामिल होने वाली सभी बसें इलेक्ट्रिक होंगी.
  8. इसके अलावा आवेदकों के पास राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में एक कॉर्पोरेट या शाखा कार्यालय होना आवश्यक है.

नई दिल्ली: दिल्ली में लंबे इंतजार के बाद प्रीमियम बस सेवा शुरू होने को लेकर मंजूरी मिल गई है. अब यह सेवा कब से और कैसे शुरू होगी, इस संबंध में परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि चंद दिनों में लाइसेंस प्रदान करने के लिए प्रक्रिया शुरू हो जाएगी. लाइसेंस मिलते ही धारक को 90 दिनों के भीतर प्रीमियम बस सड़कों पर उतारनी होगी, यह लाइसेंस की पहली शर्त रखी गई है. लाइसेंस धारकों के पास अपनी प्रीमियम बसों के संचालन के लिए संभावित मार्गों को निर्धारित करने की छूट होगी.

परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार इस योजना के तहत, एग्रीगेटर लाइसेंस 5 लाख रुपये के भुगतान पर पांच साल की अवधि के लिए दिया जाएगा. इसके अलावा पांच साल की अवधि समाप्ति से पहले ढाई हजार रुपये का भुगतान करके अगले पांच वर्षों के लिए नवीनीकरण प्राप्त किया जा सकता है. इलेक्ट्रिक बसों पर कोई लाइसेंस शुल्क नहीं लगाया जाएगा. इसके अलावा, लाइसेंस धारकों को मिनी, मिडी या मानक आकार की कम से कम 25 प्रीमियम बसों के बेड़े का संचालन और रखरखाव करना आवश्यक है, जिसे लाइसेंस मिलने के 90 दिनों के भीतर चालू किया जाना आवश्यक है.

प्रीमियम बस सेवा
प्रीमियम बस सेवा

दिल्ली सरकार ने दिल्ली मोटर व्हीकल लाइसेंसिंग ऑफ एग्रीगेटर (प्रीमियम बस) योजना, 2023 को अधिसूचित कर दिया है. दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने की दिशा में इस योजना को ऐतिहासिक क़दम बताया जा रहा है. इस योजना के शुरू होते ही दिल्ली देश का पहला राज्य है जहां इस तरह की प्रीमियम बस एग्रीगेटर योजना लागू की गयी है. दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत का कहना है कि दिल्ली मोटर व्हीकल लाइसेंसिंग ऑफ एग्रीगेटर (प्रीमियम बस) योजना, 2023 की अधिसूचना दिल्ली के लिए ऐतिहासिक है. यह दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देने और प्रदूषण को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

ये भी पढ़ें : दिल्ली में चलेंगी एप बेस्ड प्रीमियम बसें, केजरीवाल बोले- पब्लिक ट्रांसपोर्ट व्यवस्था में आएगा बड़ा बदलाव

इस योजना के तहत इंट्रा-सिटी (शहर के भीतर) यात्राओं के लिए प्रीमियम बस शुरू करने का प्रावधान है. इसके तहत प्रीमियम बसें वैसी लक्जरी सार्वजनिक बस होगी जिसमें कम से कम 09 यात्रियों के बैठने की क्षमता होगी और बसें पूरी तरह से वातानुकूलित होगी. साथ ही इन बसों में वाईफाई, जीपीएस और सीसीटीवी के साथ पूर्व आरक्षित रिक्लाइनिंग सीटें होंगी.

लाइसेंस प्राप्त करने के लिए शर्तें

  1. लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदकों के पास सार्वजनिक या साझा परिवहन में वाहनों के संचालन व प्रबंधन का न्यूनतम 3 वर्ष का अनुभव होना चाहिए.
  2. उन्हें सालाना न्यूनतम 100 यात्री बसों या सालाना 1000 यात्री कारों का बेड़ा बनाए रखना होगा.
  3. यदि बसों और कारों के मिश्रित बेड़े की बात करें तो उन्हें मिश्रित बेड़े में न्यूनतम 100 बसें रखनी होंगी.
  4. मिश्रित बेड़े के लिए 1 बस के बराबर 10 कारों की गणना की जाएगी.
  5. लाइसेंस आवेदकों को कॉन्ट्रैक्ट कैरिज बसों के समान ही यात्री वाहनों के उपयोग से संबंधित सभी लागू शर्तों का पालन करना होगा.
  6. सीएनजी बसों के मामले में योजना में यह प्रावधान है कि बस 3 वर्ष से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए.
  7. 1 जनवरी, 2025 के बाद सेवा में शामिल होने वाली सभी बसें इलेक्ट्रिक होंगी.
  8. इसके अलावा आवेदकों के पास राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में एक कॉर्पोरेट या शाखा कार्यालय होना आवश्यक है.
Last Updated : Nov 22, 2023, 12:17 PM IST
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