नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली का प्रदूषण स्तर ख़तरनाक श्रेणी में बना हुआ है. सुबह 8 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 462 दर्ज किया गया है. चारों तरफ़ स्मॉग की कुछ ऐसी चादर है कि 200 मीटर देखना भी मुश्किल हो रहा है. एक्स्पर्ट्स ने इस स्थिति को स्वस्थ लोगों के लिए भी ख़तरनाक स्थिति बताया है.
दिल्ली के मथुरा रोड पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 518 है. आंनद विहार में ये 470, पूसा 485, IGI एयरपोर्ट 485, ITO 486, बवाना 448, लोधी रोड 476, रोहिणी 464, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम 487, मंदिर मार्ग 454 और वज़ीरपुर में 480 दर्ज हुआ. सफ़र ने पहले ही यहां खराब स्तर की भविष्यवाणी की थी.
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उधर, सीपीसीबी के अधिकारियों की एक हाई लेवल बैठक में बीते नहीं आगामी एक हफ़्ते प्रदूषण स्तर से राहत नहीं मिलने की बात कही गई है. कल यानि रविवार को स्थिति और भी गम्भीर हो सकती है. ऐसे में लोगों को सावधानियां बरतने के लिए कहा गया है.
सेंटर फॉर साइंस एंड इन्वायरॉन्मेंट (Center for Science and Environment) की एक स्टडी में वाहनों से होने वाले प्रदूषण को दिल्ली में प्रदूषण का एक बड़ा कारण माना गया है. स्टडी कहती है कि सर्दियों के शुरुआत से वाहनों से होने वाला प्रदूषण दिल्ली में 50 फ़ीसदी तक बढ़ गया है. ख़ास बात यह है कि जिन श्रोतों को आधार बनाकर दिल्ली सरकार प्रदूषण पर काम करने की बात कर रही है वो इसके लिए सबसे कम ज़िम्मेदार माने गए हैं. इसमें कूड़ा जलाने को 4.6-4.9 फीसदी और धूल उड़ने को 3.6-4.1 फीसदी तक ज़िम्मेदार माना गया है.
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हाल ही में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने यहां चलाए जा रहे एंटी डस्ट कैंपेन के दूसरे चरण और एंटी ओपन बर्निंग कैंपेन का ऐलान भी किया है. वॉटर स्प्रिंक्लिंग और स्मॉग गन की मदद से भी प्रदूषण पर लगाम लगाने की कोशिश हो रही है. हालांकि मौजूदा स्थिति में सब प्रयास विफल साबित हो रहे हैं.
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