नई दिल्ली: राजधानी में बड़े नशा तस्करों के अलावा छोटे नशा तस्कर भी दिल्ली पुलिस के लिए मुसीबत बने हुए हैं. पुलिस सूत्रों के अनुसार, यह नशा तस्कर बड़े तस्करों से ज्यादा खतरनाक हैं क्योंकि इनका नेटवर्क गली मोहल्ले तक में फैला है. यह स्कूल के बच्चों से लेकर कामकाजी लोगों को टारगेट करते हैं. इसलिए पुलिस बड़े नशा तस्करों को पकड़ने के साथ ही छोटे नशा तस्करों पर भी विशेष ध्यान केंद्रित कर रही है.
पहचान करना मुश्किल: पुलिस अधिकारियों का कहना है कि छोटे नशा तस्करों की पहचान करना मुश्किल होता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि यह लोग तस्करी का काम फुल टाइम नहीं करते हैं. यह लोग अपनी नौकरी, काम या कोई छोटा मोटा व्यवसाय करने के साथ नशा तस्करी करते हैं. ये अपने काम धंधे से जुड़े लोगों को ड्रग्स आदि उपलब्ध कराते हैं. इनके कारोबार में इनसे जुड़े लोग ही शामिल होते हैं. साथ ही यह बाहरी लोगों को अपना ग्राहक नहीं बनाते हैं, इसलिए इनके पकड़े जाने की संभावना कम होती है और ये आपसी विश्वास को आधार बनाकर अपना धंधा करते हैं. इसके चलते पुलिस के मुखबिर भी इनके बारे में सटीक सूचना नहीं दे पाते हैं. लेकिन अब पुलिस ने ऐसे नशा तस्करों को दबोचने के लिए विशेष अभियान चलाया है. इसके तहत पुलिस ने अपने मुखबिर तंत्र को भी मजबूत करने की तैयारी की है.
कागजी कार्यवाही भी एक कारण: सूत्रों के अनुसार, पुलिस छोटे नशा तस्करों को इसलिए भी नजरअंदाज करती है क्योंकि आरोपियों से बरामद मादक पदार्थ की मात्रा कम हो या ज्यादा, कागजी कार्यवाही उतनी ही होती है. हालांकि अब पुलिस ने तय किया है कि नशा तस्करों का जाल तोड़ने के लिए बड़े तस्करों के साथ ही छोटे तस्करों पर लगाम कसना की जरूरी है.
दक्षिण पूर्वी दिल्ली जिले के पुलिस उपायुक्त राजेश देव ने बताया, छोटे नशा तस्करों की धरपकड़ का अभियान चलाया गया है. अभियान के तहत लाजपत नगर में सोमवार को एक नशा तस्कर को दबोचा गया, जिसके पास से 19 ग्राम ड्रग्स बरामद किया गया. उन्होंने बताया कि आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया गया. तस्कर छोटे हों या बड़े, बक्शे नहीं जाएंगे क्योंकि पुलिस की सब पर निगाह है.
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पुलिसकर्मियों को किया गया जागरूक: नशीली दवाओं का प्रयोग कितना घातक है, यह आम लोगों को बताना बेहद जरूरी है. इसलिए दिल्ली पुलिस के कर्मचारियों और प्रशिक्षुओं को इसके बारे में जागरूक करने के लिए सेमिनार का भी आयोजन किया गया था. इसमें दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर (वेलफेयर) संजय कुमार ने पुलिसकर्मियों को इस बात के लिए आगाह किया कि वह नशीली दवाओं और ड्रग्स से दूर रहें और आम जनता को भी इसके लिए प्रेरित करें. इस कार्यक्रम में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल डिफेंस (एनआईएसडी) के अधिकारी भी शामिल हुए थे.
एनआईएसडी के डायरेक्टर डॉ. आर गिरिराज ने कहा कि नशे की ओवरडोज आजकल सबसे बड़ी समस्या बन गई है. इसकी वजह से लोगों की जान भी चली जाती है. इसलिए इस पर लगाम लगाना बहुत जरूरी है. उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद लोगों को विभिन्न प्रकार के नशीले पदार्थों की पहचान, उनके सेवन से होने वाले नुकसान आदि के बारे में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि नशे से दूर रहकर ही समाज को सुरक्षित रखा जा सकता है.
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