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दिल्ली में कोरोना के चलते अनाथ हुए बच्चों को देंगे गोद, पुलिस अधिकारियों ने की बैठक

राजधानी में जिस तरीके से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, उससे कई बच्चे अनाथ हो रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने बुधवार को ऐसे बच्चों को लेकर एक विशेष बैठक आयोजित की जिनके माता-पिता कोरोना संक्रमण के चलते जान गंवा चुके हैं. इस बैठक में इन बच्चों के अलावा महिलाओं से संबंधित विषयों को लेकर भी पुलिस अधिकारियों द्वारा चर्चा की गई.

पुलिस ने की बैठक
पुलिस ने की बैठक
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Published : May 5, 2021, 10:48 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में जिस तरीके से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, उससे कई बच्चे अनाथ हो रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने बुधवार को ऐसे बच्चों को लेकर एक विशेष बैठक आयोजित की जिनके माता-पिता कोरोना संक्रमण के चलते जान गंवा चुके हैं. इस बैठक में इन बच्चों के अलावा महिलाओं से संबंधित विषयों को लेकर भी पुलिस अधिकारियों द्वारा चर्चा की गई. यह बैठक महिला सुरक्षा की विशेष आयुक्त नुजहत हसन की अध्यक्षता में आयोजित की गई.

ये भी पढ़ें- अस्पताल झूठे SOS अलार्म न जारी करें- दिल्ली हाई कोर्ट

बैठक में 75 पुलिस अधिकारियों ने लिया हिस्सा

पुलिस के अनुसार बुधवार को आयोजित की गई इस बैठक में 75 पुलिस अधिकारियों के अलावा अनेक संस्थाओं के अधिकारियों ने हिस्सा लिया. इसमें महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय, बाल संरक्षण आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग, दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग, दिल्ली महिला आयोग, दिल्ली लीगल सर्विस अथॉरिटी एवं एनजीओ ने भाग लिया. इस बैठक में अधिकारियों द्वारा इस बात पर चर्चा की गई कि किस तरीके से महिला सेल कोविड-19 महामारी में अनाथ हुए बच्चों की मदद कर सकता है.



महिला एवं बच्चों की करेंगे मदद
इस बैठक में यह चर्चा की गई कि महिलाओं से संबंधित आ रही शिकायतों का किस तरीके से समाधान किया जाए. बैठक में यह तय किया गया कि बच्चों के लिए बनी हेल्पलाइन संख्या 1098 पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा मॉनिटरिंग की जाए. इसके अलावा महिलाओं के लिए बनाई गई हेल्पलाइन संख्या 181 को लेकर प्रचार प्रसार करने की आवश्यकता है. बैठक में इस बात पर भी विस्तार से चर्चा की गई कि जो बच्चे कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए हैं. उन्हें ऐसे परिवारों को गोद दिया जाए जो उनका ध्यान रख सके. इसके लिए पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें- कहानी दिल्ली के दर्द की... आख़िरी सफ़र में भी जद्दोज़हद ...कुछ तो करो सरकार ..!



बच्चों की तस्करी की आशंका
बैठक में कुछ सदस्यों द्वारा यह भी कहा गया कि इसमें बच्चों की तस्करी करने वाले भी शामिल हो सकते हैं. इसलिए बच्चों को गोद देने से पहले पूरी तरीके से छानबीन करना बेहद ही आवश्यक होगा. इसलिए अगर किसी भी सदस्य को बच्चे के अनाथ होने की जानकारी मिलती है तो वह तुरंत सबसे पहले नजदीकी पुलिस थाने को इसकी जानकारी दें. वहां चाइल्ड वेलफेयर ऑफिसर बच्चे से बात करने के बाद उसे चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के समक्ष पेश करेंगे. वहीं से यह तय किया जाएगा कि बच्चे को किस तरीके से गोद दिया जाना है.


जुवेनाइल जस्टिस कानून का हो पालन
बैठक में शामिल संस्थाओं द्वारा यह भी कहा गया कि उन्हें इस बात पर जोर देना होगा कि बच्चों की देखभाल और सुरक्षा ठीक से की जाए. जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 का पूरी तरीके से पालन होना चाहिए. किसी भी अनाथ बच्चे को गोद देते समय सभी संस्थाओं को नियमों का पालन करना आवश्यक है.

नई दिल्ली: राजधानी में जिस तरीके से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं, उससे कई बच्चे अनाथ हो रहे हैं. दिल्ली पुलिस ने बुधवार को ऐसे बच्चों को लेकर एक विशेष बैठक आयोजित की जिनके माता-पिता कोरोना संक्रमण के चलते जान गंवा चुके हैं. इस बैठक में इन बच्चों के अलावा महिलाओं से संबंधित विषयों को लेकर भी पुलिस अधिकारियों द्वारा चर्चा की गई. यह बैठक महिला सुरक्षा की विशेष आयुक्त नुजहत हसन की अध्यक्षता में आयोजित की गई.

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बैठक में 75 पुलिस अधिकारियों ने लिया हिस्सा

पुलिस के अनुसार बुधवार को आयोजित की गई इस बैठक में 75 पुलिस अधिकारियों के अलावा अनेक संस्थाओं के अधिकारियों ने हिस्सा लिया. इसमें महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय, बाल संरक्षण आयोग, राष्ट्रीय महिला आयोग, दिल्ली बाल अधिकार संरक्षण आयोग, दिल्ली महिला आयोग, दिल्ली लीगल सर्विस अथॉरिटी एवं एनजीओ ने भाग लिया. इस बैठक में अधिकारियों द्वारा इस बात पर चर्चा की गई कि किस तरीके से महिला सेल कोविड-19 महामारी में अनाथ हुए बच्चों की मदद कर सकता है.



महिला एवं बच्चों की करेंगे मदद
इस बैठक में यह चर्चा की गई कि महिलाओं से संबंधित आ रही शिकायतों का किस तरीके से समाधान किया जाए. बैठक में यह तय किया गया कि बच्चों के लिए बनी हेल्पलाइन संख्या 1098 पर महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा मॉनिटरिंग की जाए. इसके अलावा महिलाओं के लिए बनाई गई हेल्पलाइन संख्या 181 को लेकर प्रचार प्रसार करने की आवश्यकता है. बैठक में इस बात पर भी विस्तार से चर्चा की गई कि जो बच्चे कोरोना महामारी के दौरान अनाथ हुए हैं. उन्हें ऐसे परिवारों को गोद दिया जाए जो उनका ध्यान रख सके. इसके लिए पूरी कानूनी प्रक्रिया का पालन किया जाना चाहिए.

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बच्चों की तस्करी की आशंका
बैठक में कुछ सदस्यों द्वारा यह भी कहा गया कि इसमें बच्चों की तस्करी करने वाले भी शामिल हो सकते हैं. इसलिए बच्चों को गोद देने से पहले पूरी तरीके से छानबीन करना बेहद ही आवश्यक होगा. इसलिए अगर किसी भी सदस्य को बच्चे के अनाथ होने की जानकारी मिलती है तो वह तुरंत सबसे पहले नजदीकी पुलिस थाने को इसकी जानकारी दें. वहां चाइल्ड वेलफेयर ऑफिसर बच्चे से बात करने के बाद उसे चाइल्ड वेलफेयर कमिटी के समक्ष पेश करेंगे. वहीं से यह तय किया जाएगा कि बच्चे को किस तरीके से गोद दिया जाना है.


जुवेनाइल जस्टिस कानून का हो पालन
बैठक में शामिल संस्थाओं द्वारा यह भी कहा गया कि उन्हें इस बात पर जोर देना होगा कि बच्चों की देखभाल और सुरक्षा ठीक से की जाए. जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 का पूरी तरीके से पालन होना चाहिए. किसी भी अनाथ बच्चे को गोद देते समय सभी संस्थाओं को नियमों का पालन करना आवश्यक है.

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