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नशा मुक्ति केन्द्र में महिला के साथ हैवानियत, पुलिस और राष्ट्रीय महीला आयोग की जांच शुरू - delhi ncr news

छतरपुर इलाके के नशा मुक्ति केंद्र में एक लड़की के साथ हुई दरिंदगी के मामले की जांच राष्ट्रीय महिला आयोग ने शुरू कर दी है. छतरपुर इलाके में शांति रत्न फाउंडेशन डीएडिक्शन एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर के नाम से नशा मुक्ति केंद्र चलता है, जिसके खिलाफ 25 नवंबर को 22 साल के लड़की ने शिकायत दी है कि उसके साथ इस सेंटर में यहां के कई स्टाफ ने मिलकर हैवानियत की है. मामला मीडिया में आने के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है.

नशा मुक्ति केन्द्र मे महिला के साथ हैवानियत, पुलिस और राष्ट्रीय महीला आयोग की जांच शुरू
नशा मुक्ति केन्द्र मे महिला के साथ हैवानियत, पुलिस और राष्ट्रीय महीला आयोग की जांच शुरू
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Published : Dec 13, 2022, 8:26 PM IST

नशा मुक्ति केन्द्र मे महिला के साथ हैवानियत, पुलिस और राष्ट्रीय महीला आयोग की जांच शुरू

नई दिल्ली: छतरपुर के पॉश इलाके में शांति रत्न फाउंडेशन डीएडिक्शन एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर के नाम से नशा मुक्ति केंद्र चलता. इस सेंटर में काम करने वाले स्टाफ के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं. उत्तर प्रदेश की रहने वाली 22 साल की एक लड़की इस सेंटर में बीते महीने पहले इलाज के लिए रह रही थी. उसका आरोप है कि इस सेंटर में काम करने वाले 4 लोगों ने उसके साथ हैवानियत की है. इसमें 4 में से 3 महिलाएं हैं. जबकि एक पुरुष है.

लड़की ने आरोप लगाया है कि सेंटर में काम करने वाले चारों आरोपी उसे जबरन देह व्यापार के लिए जबरदस्ती कर रहे थे. उसने जब मना किया तो उसके हाथ पैर बांधकर पिटाई की. उसके बाद घंटों नुकीले ईंट पर बैठा कर रखा. उसके बाद भी लड़की तैयार नहीं हुई तो उसके मुंह में जबरदस्ती टॉयलेट साफ करने वाला ब्रश और पोछा ठूंस दिया. लड़की ने अपने ऊपर हो रहे जुल्म की कहानी जैसे तैसे अपने पिता को बताया. उसके बाद पीड़ित लड़की के पिता छतरपुर के इस सेंटर पर आएं और अपनी बेटी को लेकर महरौली थाने पहुंच गए.

महरौली थाने में पीड़ित लड़की के तरफ से शिकायत दी गई, जिसके बाद 25 नवंबर को दिल्ली पुलिस ने लड़की का मेडिकल कर मामला दर्ज कर लिया और जांच शुरू कर दी. लड़की के साथ हुई ऐसी दरिंदगी के बावजूद दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच में किसी तरह की मुस्तैदी नहीं दिखा रही थी. धीरे-धीरे यह बात मीडिया तक पहुंची, जिसके माध्यम से राष्ट्रीय महिला आयोग को इस घटना की जानकारी मिली.

मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने तुरंत एक एसआईटी बनाकर इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी. 13 दिसंबर को राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम महरौली थाने के एसएचओ को लेकर इस नशा मुक्ति केंद्र पर पहुंची और तथ्यों की जांच शुरू कर दी. शुरुआती जांच में महिला आयोग के तरफ से बताया गया कि इस सेंटर में चलाने को लेकर कई तरह की लापरवाही बरती जा रही है.

वहीं, दूसरी तरफ लड़की के आरोप के मुताबिक पुलिस ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. इस पूरे मामले की जांच में अभी काफी कमी देखने को मिल रही है, जिसके कारण पीड़ित लड़की ने जिन चार सदस्यों के ऊपर आरोप लगाया है. उनसे अभी तक पुलिस ने पूछताछ भी नहीं किया है. महिला आयोग की टीम जब उनसे पूछताछ करने के लिए सेंटर पर पहुंची तो पता लगा वह चारों सेंटर पर मौजूद नहीं है. सेंटर पर मौजूद स्टाफ ने जानकारी दी कि फिलहाल वह दिल्ली से बाहर है. मामले की गंभीरता को देखते हुए सेंटर के तरफ से आश्वासन दिया गया कि वो उन चारों को 13 दिसंबर के शाम तक बुला लेंगे. महिला आयोग की टीम आरोपी उन सदस्यों से पूछताछ का इंतजार कर रही है, जिसके बाद यह साफ हो पाएगा कि पीड़ित महिला के आरोप में कितनी सच्चाई है. उसके बाद ही महिला को इंसाफ भी मिल पाएगा.

ये भी पढ़ें: नोएडा में सेक्सटार्शन के मामले में युवक से सवा तीन लाख रुपये की ठगी

इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग के हस्तक्षेप करने के बाद दिल्ली पुलिस भी गंभीरता से जांच में जुट गई है. इस केस के इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर इस सेंटर में ही मौजूद थे, जिन पर आरोप था उनके बयान के लिए. वह यही इंतजार कर रहे थे. महिला आयोग के लोगों का कहना है कि जांच में अगर आरोप साबित होते हैं तो एफआईआर में कई धाराएं और भी जोड़ी जा सकती है

इस पूरे मामले में कई चीजें हैं, जो शक के घेरे में है, क्योंकि अगर पीड़ित लड़की ने इतने गंभीर आरोप पुलिस को बताई है तो फिर उसी हिसाब से पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की? इतने दिनों तक आरोपी गिरफ्त से कैसे बाहर है? वहीं साथ ही साथ जब महिला आयोग की जब पीड़ित के पिता से बात हुई तो उन्होंने बताया कि पुलिस उनसे भी संपर्क में नहीं है. ऐसे सवालों के जवाब अभी बाकी हैं.

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नशा मुक्ति केन्द्र मे महिला के साथ हैवानियत, पुलिस और राष्ट्रीय महीला आयोग की जांच शुरू

नई दिल्ली: छतरपुर के पॉश इलाके में शांति रत्न फाउंडेशन डीएडिक्शन एंड रिहैबिलिटेशन सेंटर के नाम से नशा मुक्ति केंद्र चलता. इस सेंटर में काम करने वाले स्टाफ के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं. उत्तर प्रदेश की रहने वाली 22 साल की एक लड़की इस सेंटर में बीते महीने पहले इलाज के लिए रह रही थी. उसका आरोप है कि इस सेंटर में काम करने वाले 4 लोगों ने उसके साथ हैवानियत की है. इसमें 4 में से 3 महिलाएं हैं. जबकि एक पुरुष है.

लड़की ने आरोप लगाया है कि सेंटर में काम करने वाले चारों आरोपी उसे जबरन देह व्यापार के लिए जबरदस्ती कर रहे थे. उसने जब मना किया तो उसके हाथ पैर बांधकर पिटाई की. उसके बाद घंटों नुकीले ईंट पर बैठा कर रखा. उसके बाद भी लड़की तैयार नहीं हुई तो उसके मुंह में जबरदस्ती टॉयलेट साफ करने वाला ब्रश और पोछा ठूंस दिया. लड़की ने अपने ऊपर हो रहे जुल्म की कहानी जैसे तैसे अपने पिता को बताया. उसके बाद पीड़ित लड़की के पिता छतरपुर के इस सेंटर पर आएं और अपनी बेटी को लेकर महरौली थाने पहुंच गए.

महरौली थाने में पीड़ित लड़की के तरफ से शिकायत दी गई, जिसके बाद 25 नवंबर को दिल्ली पुलिस ने लड़की का मेडिकल कर मामला दर्ज कर लिया और जांच शुरू कर दी. लड़की के साथ हुई ऐसी दरिंदगी के बावजूद दिल्ली पुलिस इस मामले की जांच में किसी तरह की मुस्तैदी नहीं दिखा रही थी. धीरे-धीरे यह बात मीडिया तक पहुंची, जिसके माध्यम से राष्ट्रीय महिला आयोग को इस घटना की जानकारी मिली.

मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने तुरंत एक एसआईटी बनाकर इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी. 13 दिसंबर को राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम महरौली थाने के एसएचओ को लेकर इस नशा मुक्ति केंद्र पर पहुंची और तथ्यों की जांच शुरू कर दी. शुरुआती जांच में महिला आयोग के तरफ से बताया गया कि इस सेंटर में चलाने को लेकर कई तरह की लापरवाही बरती जा रही है.

वहीं, दूसरी तरफ लड़की के आरोप के मुताबिक पुलिस ने अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है. इस पूरे मामले की जांच में अभी काफी कमी देखने को मिल रही है, जिसके कारण पीड़ित लड़की ने जिन चार सदस्यों के ऊपर आरोप लगाया है. उनसे अभी तक पुलिस ने पूछताछ भी नहीं किया है. महिला आयोग की टीम जब उनसे पूछताछ करने के लिए सेंटर पर पहुंची तो पता लगा वह चारों सेंटर पर मौजूद नहीं है. सेंटर पर मौजूद स्टाफ ने जानकारी दी कि फिलहाल वह दिल्ली से बाहर है. मामले की गंभीरता को देखते हुए सेंटर के तरफ से आश्वासन दिया गया कि वो उन चारों को 13 दिसंबर के शाम तक बुला लेंगे. महिला आयोग की टीम आरोपी उन सदस्यों से पूछताछ का इंतजार कर रही है, जिसके बाद यह साफ हो पाएगा कि पीड़ित महिला के आरोप में कितनी सच्चाई है. उसके बाद ही महिला को इंसाफ भी मिल पाएगा.

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इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग के हस्तक्षेप करने के बाद दिल्ली पुलिस भी गंभीरता से जांच में जुट गई है. इस केस के इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर इस सेंटर में ही मौजूद थे, जिन पर आरोप था उनके बयान के लिए. वह यही इंतजार कर रहे थे. महिला आयोग के लोगों का कहना है कि जांच में अगर आरोप साबित होते हैं तो एफआईआर में कई धाराएं और भी जोड़ी जा सकती है

इस पूरे मामले में कई चीजें हैं, जो शक के घेरे में है, क्योंकि अगर पीड़ित लड़की ने इतने गंभीर आरोप पुलिस को बताई है तो फिर उसी हिसाब से पुलिस ने कार्रवाई क्यों नहीं की? इतने दिनों तक आरोपी गिरफ्त से कैसे बाहर है? वहीं साथ ही साथ जब महिला आयोग की जब पीड़ित के पिता से बात हुई तो उन्होंने बताया कि पुलिस उनसे भी संपर्क में नहीं है. ऐसे सवालों के जवाब अभी बाकी हैं.

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