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जंतर मंतर पर भड़काऊ नारेबाजी: पिंकी चौधरी का खुलासा- कार्यक्रम के लिए जुलाई में हुई थी बैठक

जंतर-मंतर पर भड़काऊ नारेबाजी के मामले में पुलिस ने पिंकी चौधरी को एक दिन की रिमांड पर लिया. पिंकी चौधरी ने खुलासा किया जंतर-मंतर प्रदर्शन को लेकर कनॉट प्लेस में जुलाई में बैठक हुई थी. इसमें तय किया गया था कि इस प्रदर्शन को कैसे बड़ा बनाया जाए.

जंतर मंतर पर भड़काऊ नारेबारी
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Published : Sep 2, 2021, 10:55 AM IST

Updated : Sep 2, 2021, 11:19 AM IST

नई दिल्ली: जंतर-मंतर पर हुई नारेबाजी के मामले में अभी तक 9 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. इनमें से पिंकी चौधरी को पुलिस ने एक दिन के रिमांड पर लिया है. पिंकी ने पुलिस के सामने खुलासा किया है कि इस प्रदर्शन के लिए बीते जुलाई महीने में अश्वनी उपाध्याय समेत कई महत्वपूर्ण लोगों की एक बैठक कनॉट प्लेस में हुई थी. इसमें यह तय किया गया था कि इस प्रदर्शन को कैसे बड़ा बनाया जाएगा.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि जंतर-मंतर पर हुई नारेबाजी के मामले में बीते मंगलवार को पिंकी चौधरी अपने समर्थकों के साथ मंदिर मार्ग थाने पहुंचा था. वहां से कनॉट प्लेस पुलिस उसे अपने साथ ले गई और देर शाम उसकी गिरफ्तारी की गई. इस पूरे मामले को लेकर कनॉट प्लेस पुलिस ने पिंकी चौधरी से पूछताछ की. उसने पुलिस को बताया कि इस प्रदर्शन के लिए काफी पहले से तैयारी चल रही थी. जुलाई के पहले सप्ताह में कनॉट प्लेस स्थित आर्य समाज मंदिर में उनकी बैठक हुई थी. इस बैठक में अश्वनी उपाध्याय एवं प्रीत सिंह सहित कई प्रमुख लोग शामिल हुए थे.

ये भी पढ़ें- जंतर-मंतर पर नारेबाजी का मुख्य आरोपी पिंकी चौधरी गिरफ्तार, कनॉट प्लेस में किया था सरेंडर



पिंकी चौधरी ने बताया कि इस बैठक में 8 अगस्त को होने वाले प्रदर्शन को लेकर चर्चा हुई थी. यह तय किया गया था कि किस तरह से आयोजन में प्रदर्शनकारियों की संख्या को बढ़ाना है. इस प्रदर्शन में कौन लोग शामिल होंगे. कैसे इसे बड़े स्तर पर आयोजित किया जाए. पुलिस को यह भी पता चला है कि पिंकी चौधरी घटना के समय खुद मंच पर मौजूद था.

ये भी पढ़ें- जंतर मंतर पर सांप्रदायिक नारे लगाने के आरोप में हिंदू रक्षा दल प्रमुख गिरफ्तार

उसने यह कबूल किया है कि नारेबाजी करने वाले उसके समर्थक थे. अपने फरार होने को लेकर भी उसने पुलिस को जवाब दिया है. उसने बताया है कि वह अपने कानूनी अधिकार का इस्तेमाल कर रहा था. उसे जब जमानत नहीं मिली तो उसने पुलिस जांच में सहयोग के लिए सरेंडर कर दिया.

सूत्रों के अनुसार पुलिस ने पिंकी चौधरी से उसकी फरारी को लेकर भी पूछताछ की है. उसने पुलिस को बताया है कि वह इस दौरान दिल्ली, डासना और लखनऊ में ठहरा था. उसने अपना मोबाइल बंद कर दिया था ताकि पुलिस को उसकी लोकेशन न मिले. इस मामले में पुलिस सभी आरोपियों की कॉल डिटेल निकाल रही है जिससे उनके आपस में लिंक को साबित किया जा सके. इसके अलावा जल्द ही वायरल वीडियो को जांच के लिए एफएसएल भेजने की तैयारी है.

नई दिल्ली: जंतर-मंतर पर हुई नारेबाजी के मामले में अभी तक 9 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. इनमें से पिंकी चौधरी को पुलिस ने एक दिन के रिमांड पर लिया है. पिंकी ने पुलिस के सामने खुलासा किया है कि इस प्रदर्शन के लिए बीते जुलाई महीने में अश्वनी उपाध्याय समेत कई महत्वपूर्ण लोगों की एक बैठक कनॉट प्लेस में हुई थी. इसमें यह तय किया गया था कि इस प्रदर्शन को कैसे बड़ा बनाया जाएगा.

पुलिस सूत्रों ने बताया कि जंतर-मंतर पर हुई नारेबाजी के मामले में बीते मंगलवार को पिंकी चौधरी अपने समर्थकों के साथ मंदिर मार्ग थाने पहुंचा था. वहां से कनॉट प्लेस पुलिस उसे अपने साथ ले गई और देर शाम उसकी गिरफ्तारी की गई. इस पूरे मामले को लेकर कनॉट प्लेस पुलिस ने पिंकी चौधरी से पूछताछ की. उसने पुलिस को बताया कि इस प्रदर्शन के लिए काफी पहले से तैयारी चल रही थी. जुलाई के पहले सप्ताह में कनॉट प्लेस स्थित आर्य समाज मंदिर में उनकी बैठक हुई थी. इस बैठक में अश्वनी उपाध्याय एवं प्रीत सिंह सहित कई प्रमुख लोग शामिल हुए थे.

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पिंकी चौधरी ने बताया कि इस बैठक में 8 अगस्त को होने वाले प्रदर्शन को लेकर चर्चा हुई थी. यह तय किया गया था कि किस तरह से आयोजन में प्रदर्शनकारियों की संख्या को बढ़ाना है. इस प्रदर्शन में कौन लोग शामिल होंगे. कैसे इसे बड़े स्तर पर आयोजित किया जाए. पुलिस को यह भी पता चला है कि पिंकी चौधरी घटना के समय खुद मंच पर मौजूद था.

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उसने यह कबूल किया है कि नारेबाजी करने वाले उसके समर्थक थे. अपने फरार होने को लेकर भी उसने पुलिस को जवाब दिया है. उसने बताया है कि वह अपने कानूनी अधिकार का इस्तेमाल कर रहा था. उसे जब जमानत नहीं मिली तो उसने पुलिस जांच में सहयोग के लिए सरेंडर कर दिया.

सूत्रों के अनुसार पुलिस ने पिंकी चौधरी से उसकी फरारी को लेकर भी पूछताछ की है. उसने पुलिस को बताया है कि वह इस दौरान दिल्ली, डासना और लखनऊ में ठहरा था. उसने अपना मोबाइल बंद कर दिया था ताकि पुलिस को उसकी लोकेशन न मिले. इस मामले में पुलिस सभी आरोपियों की कॉल डिटेल निकाल रही है जिससे उनके आपस में लिंक को साबित किया जा सके. इसके अलावा जल्द ही वायरल वीडियो को जांच के लिए एफएसएल भेजने की तैयारी है.

Last Updated : Sep 2, 2021, 11:19 AM IST
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