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वंदे मातरम को राष्ट्रगान की तरह मिले सम्मान, हाईकोर्ट में याचिका दायर

बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने हाईकोर्ट में वंदे मातरम को राष्ट्रगान की तरह का सम्मान देने की मांग करने वाली याचिका दायर की है. 23 जुलाई को हाईकोर्ट इस पर सुनवाई करेगा.

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Published : Jul 22, 2019, 4:50 PM IST

नई दिल्ली: वंदे मातरम को राष्ट्रगान की तरह का दर्जा देने की मांग करने वाली एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है. हाईकोर्ट इस याचिका पर 23 जुलाई को सुनवाई करेगा.

'आजादी के बाद भुला दिया गया'
याचिका बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में वंदे मातरम का अहम योगदान रहा है. देश की आजादी के बाद राष्ट्रगान 'जन गण मन' को तो प्राथमिकता दी गई. लेकिन वंदे मातरम को भूला दिया गया.
वंदे मातरम के लिए कोई कानून भी नहीं बनाया गया. याचिका में मांग की गई है कि सभी स्कूलों में वंदे मातरम को राष्ट्रगान की तरह बजाया जाना चाहिए.

संविधान के अनुच्छेद 51 ए का दिया हवाला
17 फरवरी 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 51 ए यानी मौलिक कर्तव्य के तहत सिर्फ राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज का उल्लेख है, इसलिए वंदे मातरम को अनिवार्य नहीं किया जा सकता है.

नई दिल्ली: वंदे मातरम को राष्ट्रगान की तरह का दर्जा देने की मांग करने वाली एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है. हाईकोर्ट इस याचिका पर 23 जुलाई को सुनवाई करेगा.

'आजादी के बाद भुला दिया गया'
याचिका बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में वंदे मातरम का अहम योगदान रहा है. देश की आजादी के बाद राष्ट्रगान 'जन गण मन' को तो प्राथमिकता दी गई. लेकिन वंदे मातरम को भूला दिया गया.
वंदे मातरम के लिए कोई कानून भी नहीं बनाया गया. याचिका में मांग की गई है कि सभी स्कूलों में वंदे मातरम को राष्ट्रगान की तरह बजाया जाना चाहिए.

संविधान के अनुच्छेद 51 ए का दिया हवाला
17 फरवरी 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 51 ए यानी मौलिक कर्तव्य के तहत सिर्फ राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज का उल्लेख है, इसलिए वंदे मातरम को अनिवार्य नहीं किया जा सकता है.

Intro:नई दिल्ली। वंदे मातरम को राष्ट्रगान की तरह का दर्जा देने की मांग करने वाली एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है। हाईकोर्ट इस याचिका पर कल यानि 23 जुलाई को सुनवाई करेगा।


Body:याचिका बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर किया है। याचिका में कहा गया है कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में वंदे मातरम का अहम योगदान रहा है। लेकिन देश की आजादी के बाद राष्ट्रगान जन गण मन को को तो प्राथमिकता दी गई लेकिन वंदे मातरम को भूला दिया गया। वंदे मातरम के लिए कोई कानून भी नहीं बनाया गया। याचिका में मांग की गई है और सभी स्कूलों में वंदे मातरम को राष्ट्रगान की तरह बजाया जाना चाहिए।


Conclusion:आपको बता दें कि 17 फरवरी 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 51ए यानी मौलिक कर्तव्य के तहत सिर्फ राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज का उल्लेख है, इसलिए वंदे मातरम को अनिवार्य नहीं किया जा सकता है।
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