नई दिल्ली: वंदे मातरम को राष्ट्रगान की तरह का दर्जा देने की मांग करने वाली एक याचिका दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की गई है. हाईकोर्ट इस याचिका पर 23 जुलाई को सुनवाई करेगा.
'आजादी के बाद भुला दिया गया'
याचिका बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि देश के स्वतंत्रता संग्राम में वंदे मातरम का अहम योगदान रहा है. देश की आजादी के बाद राष्ट्रगान 'जन गण मन' को तो प्राथमिकता दी गई. लेकिन वंदे मातरम को भूला दिया गया.
वंदे मातरम के लिए कोई कानून भी नहीं बनाया गया. याचिका में मांग की गई है कि सभी स्कूलों में वंदे मातरम को राष्ट्रगान की तरह बजाया जाना चाहिए.
संविधान के अनुच्छेद 51 ए का दिया हवाला
17 फरवरी 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने अश्विनी उपाध्याय की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 51 ए यानी मौलिक कर्तव्य के तहत सिर्फ राष्ट्रगान और राष्ट्रीय ध्वज का उल्लेख है, इसलिए वंदे मातरम को अनिवार्य नहीं किया जा सकता है.