नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने विधायक अमानतुल्लाह खान को दिल्ली वक्फ बोर्ड का सदस्य नियुक्त करने के दिल्ली सरकार के नोटिस को निरस्त करने की मांग करनेवाली याचिका खारिज कर दिया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करते हुए कहा कि ये जनहित नहीं है.
कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने याचिका में अमानतुल्लाह खान को पक्षकार भी नहीं बनाया है. दिल्ली सरकार की ओर से एएसजी संजय जैन ने कहा कि याचिकाकर्ता मोहम्मद तुफैल खान इस संबंध में इसके पहले भी याचिकाएं दायर की है. उन्होंने कहा कि ये कहीं से भी जनहित याचिका नहीं हो सकती है.
'अमानतुल्लाह के खिलाफ हैं भ्रष्टाचार के आरोप'
याचिकाकर्ता की ओर से वकील राजीव कुमार यादव ने कहा कि अमानतुल्लाह खान के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप हैं. उन्होंने कहा कि 10 नवंबर 2016 को दिल्ली के उप-राज्यपाल ने सीबीआई को पत्र लिखकर दिल्ली वक्फ बोर्ड में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को लेकर जांच करने को कहा था. सीबीआई ने 23 नवंबर 2016 को एफआईआर दर्ज किया था.
अमानतुल्लाह के खिलाफ सभी मामलों की जांच की मांग
याचिका में कहा गया था कि 21 फरवरी 2019 को दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ ने वक्फ की करीब दस हजार करोड़ रुपये की भूमि के फर्जीवाड़े के मामले में शिकायत दर्ज कराई थी. याचिका में अमानतुल्लाह खान के खिलाफ सभी मामलों की जांच कराने की मांग की गई थी. याचिका में पिछले 7 अगस्त को अमानतुल्लाह खान को दिल्ली वक्फ बोर्ड का सदस्य नियुक्त करने संबंधी नोटिस को निरस्त करने की मांग की गई थी.