नई दिल्ली: दिल्ली के वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को विधानसभा में 2020-21 का आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया. इस पूरे आर्थिक सर्वेक्षण के सबसे महत्वपूर्ण तथ्य ईटीवी भारत आपको 25 बिंदुओं के जरिए बता रहा है.
इन तथ्यों में जानिए दिल्ली के आर्थिक हालात
1. वर्ष 2020-21 में दिल्ली के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का आकलन 7,98,310 करोड़ है, जिसमें पिछले वर्ष के मुकाबले 3.92 प्रतिशत की कमी आई है. जीएसडीपी में पिछले छह वर्षों में लगभग 45 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और यह वर्ष 2015-16 के 5,50,804 करोड़ से बढ़कर 2020-21 के दौरान 7,98,310 करोड़ हो गया है. कुल मिलाकर दिल्ली की जीएसडीपी में 2020-21 के दौरान 5.68 प्रतिशत की कमी रही, जबकि इसी अवधि में राष्ट्रीय स्तर पर यह कमी 8 प्रतिशत की थी.
2. वर्ष 2020-21 में टर्सरी सेक्टर का योगदान 84.59 प्रतिशत, सेकेंडरी सेक्टर का 13.56 प्रतिशत और प्राइमरी क्षेत्र का 1.85 प्रतिशत रहा. 2020-21 के दौरान दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय का आकलन 3,54,004 था, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर प्रति व्यक्ति आय 1,27,768 रही. इस प्रकार दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से लगभग तीन गुनी है.
3. दिल्ली ने अपना राजस्व आधिक्य बनाए रखा है, जो वर्ष 2019-20 के दौरान 7499 करोड़ था, जबकि 2018-19 के दौरान यह 6261 करोड़ था. 2019-20 के दौरान वित्तीय घाटा 3227.79 करोड़ रहा. 2018-19 में यह 1489.38 करोड़ था. वित्तीय घाटा 2018-19 के दौरान जीएसडीपी के 0.20 प्रतिशत की तुलना में 2019-20 में 0.39 प्रतिशत रहा. 2019-20 में 31 मार्च तक बकाया ऋण 34461.83 करोड़ था. वर्ष 2011-12 में ऋण और जीएसडीपी अनुपात 8.61 प्रतिशत था, जो घटकर 2019-20 में 4.15 प्रतिशत पर आ गया.
4. 2020-21 के बजट में समाज सेवा सेक्टरों में स्कीम और परियोजनाओं के तहत बजट आवंटन 74.77 प्रतिशत है. इस दौरान भी शिक्षा क्षेत्र सरकार के लिए प्राथमिकता क्षेत्र रहा. बजट आवंटन का 23.83 प्रतिशत शिक्षा क्षेत्र के लिए रखा गया. इसके बाद परिवहन क्षेत्र के लिए 14.67 प्रतिशत, चिकित्सा और जन स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 13.39 प्रतिशत, सामाजिक सेवा और कल्याण क्षेत्र के लिए 13.11 प्रतिशत, आवास और शहरी विकास के लिए 12.62 प्रतिशत तथा जलापूर्ति और स्वच्छता के लिए 12.62 प्रतिशत का आवंटन किया गया.
'पर्यावरण और वन तथा कृषि'
5. 1997 के बाद से वन और वृक्ष कवर क्षेत्र में बढ़ोतरी हो रही है. वन क्षेत्र वर्ष 2019 में बढ़कर 324.44 वर्ग किलोमीटर हो गया. इस प्रकार कुल क्षेत्र में वनों की हिस्सेदारी 21.88 प्रतिशत रही. कुल भौगोलिक क्षेत्र में वृक्ष कवर प्रतिशत की दृष्टि से दिल्ली का स्थान अन्य राज्यों में दूसरे नंबर पर है. 2020 के दौरान व्यापक पौधरोपण कार्यक्रम चलाया गया. इसमें 19 हरित एजेंसियों, ईको क्लबों और आरडबल्यूए ने भाग लिया और 30.08 लाख पौधे लगाए गए. इसके अलावा 5.57 लाख पौधे लोगों को लगाने के लिए बांटे गए. दिल्ली सरकार ने भारत सरकार द्वारा रखे गए 15.2 लाख का लक्ष्य पार कर लिया है.
6. वर्ष 2019-20 में दिल्ली में सकल फसल बुआई क्षेत्र बढ़कर 43,500 हैक्टेयर हो गया, जो वर्ष 2011-12 में 36445 हैक्टेयर था. दिल्ली सरकार ने फसल अवशेष को डिकम्पोज करने के लिए जैव डिकंपोजर तकनीक अपनाई है. दिल्ली के चार जिलों-उत्तरी, उत्तर पश्चिमी, दक्षिण पश्चिमी और पश्चिमी में 1935 एकड़ क्षेत्र में जैव डिकंपोजर घोल का छिड़काव किया गया.
'पर्यटन, विद्युत और उद्योग'
7. दिल्ली की अर्थव्यवस्था में सेकेंड्री क्षेत्र में कंस्ट्रक्शन सब-सेक्टर प्रमुख योगदान करता है. कंस्ट्रक्शन क्षेत्र से आय बढ़कर 2011-12 के 18,907 करोड़ के मुकाबले अग्रिम आकलन 2020-21 के अनुसार 32,364 करोड़ हो गई. नीति आयोग के सतत विकास लक्ष्य भारत सूचकांक 2.0 की रिपोर्ट के अनुसार, एसडीजी-9 यानी समावेशी सतत औद्योगिकीकरण, नवाचार संवर्द्धन में दिल्ली देश में सबसे ऊपर रहा. व्यवसाय सुधार कार्य योजना के तहत 2019 में 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में दिल्ली ने 12वां स्थान हासिल किया.
8. 2019 के दौरान दिल्ली में लगभग 30.74 लाख, यानी 28.12 प्रतिशत विदेशी पर्यटक आए. वर्ष 2010-11 से 2019-20 की अवधि के दौरान दिल्ली में बिजली उपभोक्ताओं की संख्या 40.47 लाख से बढ़कर 61.68 लाख हो गई. दिल्ली में कुल तकनीकी और वाणिज्यिक (एटीएंडसी) हानि वर्ष 2002 (पूर्व सुधार अवधि) के 52 प्रतिशत से घटकर 2019-20 में 8.37 प्रतिशत पर आ गई.
9. बिजली की अधिकतम मांग वर्ष 2015-16 के 5846 मेगावाट से बढ़कर 2019-20 में 7409 मेगावाट हो गई. सौर परियोजनाओं से जुड़े सभी ग्रिडों ने दिल्ली की बिजली आपूर्ति में जनवरी 2021 तक लगभग 193 मेगावाट का योगदान किया है. दिल्ली में नवीकरणीय ऊर्जा की कुल स्थापित क्षमता 31 जनवरी 2021 को 249 मेगावाट थी, जिसमें सौर ऊर्जा का योगदान 193 मेगावाट था और कचरे से बनी बिजली थी 56 मेगावाट.
'परिवहन क्षेत्र की रिपोर्ट'
10. दिल्ली में सार्वजनिक परिवहन के दो प्रमुख माध्यम हैं-बस परिवहन और मेट्रो रेल. 2019-20 के दौरान डीटीसी बसों में औसत यात्री संख्या 33.31 लाख और कलस्टर बसों में 17.71 लाख रही. दिल्ली मेट्रो रेल का औसत दैनिक उपयोग वर्ष 2019-20 में 50.64 लाख यात्री रहा. दिल्ली सरकार ने मेट्रो फेज-4 परियोजना के सभी 6 कॉरिडोर की मंजूरी दे दी है. दिल्ली में 31 मार्च 2020 तक सड़कों पर मोटर वाहनों की कुल संख्या 118.92 लाख थी, जिसमें पिछले वर्ष के मुकाबले 4.40 प्रतिशत की वृद्धि रही. दिल्ली में विभिन्न स्थानों पर 87 फ्लाईओवर हैं. शास्त्री पार्क और सीलमपुर फ्लाईओवर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है और इसे अक्टूबर 2020 में यातायात के लिए खोल दिया गया है.
11. डीटीसी 448 शहर रूटों पर और सात एनसीआर रूटों पर 3762 बसों का परिचालन कर रहा है और एनसीआर में सबसे बड़ा सार्वजनिक परिवहन माध्यम है. इसके अलावा क्लस्टर योजना के तहत 2910 बसें चलाई जा रही हैं. सभी डीटीसी और क्लस्टर बसों में ईटीएम के जरिए कॉमन मोबिलिटी कार्ड और स्वचालित किराया वसूली प्रणाली लागू की गई है. महिलाओं की सुरक्षा के लिए 19 नवम्बर 2020 तक डीटीसी बसों में 8111 मार्शल और क्लस्टर बसों में 2809 मार्शल तैनात किए गए.
12. दिल्ली की वायु गुणवत्ता में महत्वपूर्ण सुधार लाने के उद्देश्य से दिल्ली विद्युत वाहन नीति को मंजूरी दी गई है. इस नीति के तहत 2024 तक सभी नए वाहनों के पंजीकरण में विद्युत वाहनों का हिस्सा 25 प्रतिशत करने का लक्ष्य है. दिल्ली सरकार ने 29 अक्टूबर 2019 से सभी डीटीसी और क्लस्टर बसों में महिलाओं के निःशुल्क यात्रा सुविधा उपलब्ध कराई है. 2019-20 के दौरान महिला यात्रियों ने डीटीसी की बसों में 10.58 करोड़ यात्रा और क्लस्टर बसों में 8.74 करोड़ यात्रा मुफ्त की है.
'आवास और जलापूर्ति की रिपोर्ट'
13. दिल्ली सरकार ने वाटर कनेक्शन मीटर वाले सभी परिवारों को 20 किलोलीटर तक पानी की खपत निशुल्क मुहैया कराना सुनिश्चित किया है. इस योजना के शुरू होने के बाद से लगभग 6 लाख उपभोक्ता इससे लाभान्वित हो चुके हैं. दिल्ली सरकार ने सुविधा वंचित और कम सुविधा वाले क्षेत्रों तक नियमित जलापूर्ति में सफलता प्राप्त की एवं 1571 (87 प्रतिशत) अनधिकृत कॉलोनियों तक पानी की आपूर्ति की है. दिल्ली के लगभग 93 प्रतिशत परिवारों को अब पाइप द्वारा जलापूर्ति की जा रही है. 31 मार्च 2020 तक दिल्ली जलबोर्ड की जल उपचार क्षमता, 12 उपचार संयत्रों के साथ, 916 एमजीडी रही. दिल्ली जल बोर्ड ने 31 मार्च 2020 तक अपनी अपजल उपचार क्षमता बढ़ाकर 597 एमजीडी कर ली है.
14. दिल्ली की मूल धरोहर विरासत बनाए रखने तथा पुरानी दिल्ली में पर्यावरणीय सुधार के लिए शाहजहानाबाद पुर्नविकास निगम के माध्यम से व्यापक पुर्नविकास योजना तैयार की गई है. दिल्ली में 10,650 एमटीपीडी ठोस कचरा एकत्र कर तीन लैंडफिल स्थलों और प्रसंस्करण संयंत्रों तक पहुंचाया गया. कुल कचरे का लगभग 55 प्रतिशत भाग संसोधित कर उससे ऊर्जा और कंपोस्ट प्रसंस्कृत किया गया. दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड (डूसिब), बेघर, बेसहारा लोगों को आश्रय उपलब्ध कराने के लिए 205 रैनबसेरों का संचालन और प्रबंधन कर रहा है.
'शिक्षा क्षेत्र का आर्थिक सर्वेक्षण'
15. दिल्ली सरकार के 1230 सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूल हैं, जो राजधानी में चल रहे कुल स्कूलों का 21.61 प्रतिशत है. 2019-20 में सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में नामांकन का हिस्सा, दिल्ली के सभी स्कूलों में कुल नामांकन का 37.18 प्रतिशत था. 2018 में दिल्ली में प्राथमिक शिक्षा में कुल नामांकन अनुपात राष्ट्रीय स्तर के 101.25 प्रतिशत की तुलना में 120.15 प्रतिशत था. दिल्ली का निबल नामांकन अनुपात प्राथमिक स्तर पर, 89.14 प्रतिशत के राष्ट्रीय औसत की तुलना में 100 प्रतिशत था.
16. दिल्ली में स्त्री-पुरुष साक्षरता के अंतराल में गत वर्षों के दौरान गिरावट आई है. वर्ष 2001 में यह अंतराल 12.62 प्रतिशत का था, जबकि 2011 में यह कम होकर 10.1 प्रतिशत पर आ गया. भारतीय रिजर्व बैंक की राज्य बजट विश्लेषण रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली सरकार ने 2020-21 में देश के अन्य सभी राज्यों की तुलना में शिक्षा क्षेत्र में सबसे अधिक 23.2 प्रतिशत का बजटीय आवंटन किया.
17. शिक्षा निदेशालय के सभी सरकारी स्कूलों में हैप्पीनेस पाठ्यक्रम लागू किया गया. वर्ष 2019-20 के दौरान इससे लगभग 7.95 लाख विद्यार्थी लाभान्वित हुए. दिल्ली कौशल और उद्यमिता विश्वविद्यालय की स्थापना गुणवत्तापूर्ण कौशल शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई है, ताकि राष्ट्रीय विकास के लिए प्रशिक्षित और रोजगार योग्य मानव संसाधन विकसित करने की चुनौती से निपटा जा सके.
'स्वास्थ्य क्षेत्र की रिपोर्ट'
18. दिल्ली सरकार चार स्तरीय स्वास्थ्य देखभाल बुनियादी ढांचा मॉडल लागू कर रही है. पहले और दूसरे स्तर पर मोहल्ला क्लिनिक और पॉली क्लिनिक हैं. दिल्ली में स्वास्थ्य संबंधी बुनियादी ढांचे के अंतर्गत 31 मार्च 2020 तक 88 अस्पताल, 7 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, 1585 औषधालय, 1151 नर्सिंग होम, 305 विशेष क्लिनिक और 17 मेडिकल कॉलेज थे. दिल्ली सरकार के अपने 995 औषधालय हैं, जिसमें 496 आम आदमी मोहल्ला क्लिनिक, 181 ऐलोपैथिक, 46 आर्युवेदिक, 22 यूनानी और 107 होम्योपैथिक औषधालय और अन्य क्लिनिक हैं. इनके जरिए दिल्ली सरकार प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं उपलब्ध करा रही है.
19. दिल्ली में चिकित्सा संस्थानों में स्वीकृत बिस्तर क्षमता 54321 है. अभी जारी प्रोजेक्ट, नई परियोजनाओं और मौजूदा अस्पतालों की रिमॉडलिंग के जरिए लगभग 14 हजार नए बिस्तर और बढ़ाए जाने की योजना है. सरकार ने दिल्ली आरोग्य कोष के माध्यम से सूचीबद्ध निजी स्वास्थ्य केंद्रों में निशुल्क रेडियो लॉजिकल निदान सेवाएं और निशुल्क सर्जरी की सेवा शुरू की है. सड़क दुर्घटना, तेजाब हमले के शिकार और जलने से पीड़ित लोगों का ईलाज भी दिल्ली आरोग्य कोष से किया जा रहा है.
20. शिशु मृत्यु दर, नवजात मृत्यु दर और 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर के संदर्भ में दिल्ली क्रमशः 13, 10 और 19 की संख्या के साथ नीचे स्तर पर है. वर्ष 2018 के अनुसार, इसका राष्ट्रीय स्तर क्रमशः 32, 23, 36 रहा. दिल्ली में कुल प्रजनन दर (टीएफआर) 1.5 है, जो देश में सबसे कम दरों में है. राष्ट्रीय स्तर पर यह 2.2 है. दिल्ली में अशोधित मृत्यु दर (क्रूड डेथ रेट) 3.3 प्रतिशत है, जो देश में सबसे कम है. दिल्ली में स्वास्थ्य क्षेत्र में प्रति व्यक्ति व्यय 2014-15 के 1996 रुपये से बढ़कर 2019-20 में 3029 रुपये हो गया है.
'सामाजिक सुरक्षा और कल्याण'
21. दिल्ली में 60 से 69 वर्ष के वरिष्ठ नागरिकों को प्रतिमाह 2000 रुपये और 70 वर्ष और इससे अधिक उम्र के वरिष्ठ जनों को 2500 रुपये की वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जा रही है. दिव्यांग लोगों और विपत्तिग्रस्त महिलाओं को भी 2500 रुपये प्रतिमाह की वित्तीय सहायता दी जा रही है. 2020-21 में दिसंबर 2020 तक लगभग 4.49 लाख वरिष्ठ नागरिकों को, मासिक वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई गई. वहीं, वर्ष 2019-20 के दौरान लगभग 4.64 लाख वरिष्ठ नागरिकों को वित्तीय सहयोग दिया गया था.
22. वित्त वर्ष 2020-21 में दिसंबर 2020 तक लगभग 2.75 लाख विपत्तिग्रस्त महिलाओं को मासिक वित्तीय सहायता दी गई. वर्ष 2019-20 में यह संख्या लगभग 2.50 लाख थी. 2020-21 में दिसंबर 2020 तक दिव्यांग लोगों के लिए वित्तीय सहायता योजना के तहत 1.06 लाख दिव्यांगों को वित्तीय सहयोग दिया गया. 2019-20 में यह संख्या 95,324 थी.
23. सरकार आर्थिक रूप से सुविधा वंचित अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अति पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परीक्षार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता और जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा योजना के तहत समुचित रोजगार पाने के लिए कोचिंग उपलब्ध करा रही है. 2019-20 में जय भीम मुख्यमंत्री प्रतिभा योजना के तहत विभिन्न कोचिंग संस्थानों में 2071 विद्यार्थियों का नामांकन किया गया. इनमें 22 विद्यार्थियों ने इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा, 56 ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा, 57 ने एसएससी और 85 विद्यार्थियों ने अन्य परीक्षाओं के लिए क्वालिफाई किया.
24. दिसंबर 2020 तक राष्ट्रीय परिवार लाभ योजना के अंतर्गत 11,145 परिवारों को वित्तीय सहयोग उपलब्ध कराया गया. वर्ष 2019-20 में यह संख्या 10,729 थी. दिल्ली महिला आयोग, 81 महिला पंचायतों के साथ मुसीबत में पड़ी महिलाओं को आवश्यक परामर्श और कानूनी सलाह उपलब्ध करा रही है. 10,755 आंगनबाड़ी केंद्रों के साथ 95 आईसीडीएस परियोजनाएं बच्चों (6 वर्ष तक की उम्र के बच्चों) और गर्भवती व दूध पिलाने वाली माताओं को पोषण, स्वास्थ्य देखभाल सेवा, टीकाकरण, पाठशाला पूर्व अनौपचारिक शिक्षा उपलब्ध करा रही हैं.
'सार्वजनिक वितरण प्रणाली की रिपोर्ट'
25. दिल्ली सरकार के सार्वजनिक वितरण नेटवर्क में 31 मार्च 2020 तक 2029 उचित मूल्य की दुकानें हैं, जो 17.50 लाख डिजिटल खाद्य सुरक्षा कार्ड के जरिए 71.08 लाख लोगों को खाद्यान्न उपलब्ध करा रही है.
लॉकडाउन के दौरान, राशन कार्ड नहीं रखने वाले जरूरतमंद लोगों को सूखा राशन उपलब्ध कराने के लिए विशेष राहत पहल मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना शुरू की गई थी. इस दौरान आर्थिक कठिनाइयों को कम करने के लिए, आवश्यक वस्तु किट का वितरण किया गया, जिसमें आठ जरूरी चीजें शामिल थीं.