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इंद्रलोक: 40 साल बाद भी नहीं मिला कब्रिस्तान, लोग बोले- सरकारों ने बनाया बेवकूफ

इंद्रलोक इलाके में रहने वाले लोग 40 साल बाद भी कब्रिस्तान की जमीन से महरूम हैं. स्थानीय लोगों का आरोप है कि दिल्ली की हर सरकार ने उन्हें बेवकूफ बनाया है.

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Published : Dec 29, 2019, 8:17 PM IST

People of Inderlok could not find cemetery even after 40 years
कब्रिस्तान की जिद पर अड़े लोग

नई दिल्ली: सदर बाजार विधानसभा क्षेत्र के तहत इंद्रलोक इलाके में रहने वाले लोग 40 साल बाद भी कब्रिस्तान की जमीन से महरूम हैं. स्थानीय लोग कहते हैं कि हर सरकार ने उन्हें बेवकूफ बनाया है.

कब्रिस्तान की मांग पर अड़े लोग

किसी ने भी हमारी इस समस्या का समाधान नहीं किया. इसीलिए हमने फैसला किया है कि आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव का बायकॉट करेंगे.

'सरकारों ने सौतेला व्यवहार बरता'
कफील अंसारी बताते हैं कि कब्रिस्तान के लिए हमारे साथ सारी सरकारों ने सोतेला व्यवहार बरता है. उन्होंने नाराजगी के साथ बताया कि पूर्व मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा था कि अब सुई के धागे में जितना रह गया है से उतनी ही देर लगेगी, लेकिन अफसोस आज तक भी कब्रिस्तान की जमीन हमें नहीं मिली है.

'सभी पार्टियों ने सिर्फ वादे किए'

'कब्रिस्तान नहीं तो वोट नहीं'
अनीस अहमद ने बताया कि इलाके के लोगों ने फैसला किया है कि अगर चुनाव से पहले कब्रिस्तान नहीं मिलता तो वोट नहीं देंगे और आने वाले चुनाव का बहिष्कार करेंगे. जरूरत पड़ी तो भूख हड़ताल और धरना भी देंगे.

'सीएम केजरीवाल ने किया है वादा'
मोहम्मद शाहीन के मुताबिक केजरीवाल ने भी लोक इलाके में एक सभा में भरोसा दिलाया था कि जीतने के बाद कब्रिस्तान की जमीन देंगे, लेकिन वह सब वादे अब तक अधूरे हैं.

'जनाजा ले जाने में 20हजार रुपए होते हैं खर्च'

मोहम्मद फिरोज ने बताया कि 5- 6 किलोमीटर दूर जनाजा (मय्यत ) ले जाने में 15 से 20 हजार रूपये खर्च हो जाते हैं और गरीब आदमी यह पैसे नहीं दे सकता.

नई दिल्ली: सदर बाजार विधानसभा क्षेत्र के तहत इंद्रलोक इलाके में रहने वाले लोग 40 साल बाद भी कब्रिस्तान की जमीन से महरूम हैं. स्थानीय लोग कहते हैं कि हर सरकार ने उन्हें बेवकूफ बनाया है.

कब्रिस्तान की मांग पर अड़े लोग

किसी ने भी हमारी इस समस्या का समाधान नहीं किया. इसीलिए हमने फैसला किया है कि आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव का बायकॉट करेंगे.

'सरकारों ने सौतेला व्यवहार बरता'
कफील अंसारी बताते हैं कि कब्रिस्तान के लिए हमारे साथ सारी सरकारों ने सोतेला व्यवहार बरता है. उन्होंने नाराजगी के साथ बताया कि पूर्व मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा था कि अब सुई के धागे में जितना रह गया है से उतनी ही देर लगेगी, लेकिन अफसोस आज तक भी कब्रिस्तान की जमीन हमें नहीं मिली है.

'सभी पार्टियों ने सिर्फ वादे किए'

'कब्रिस्तान नहीं तो वोट नहीं'
अनीस अहमद ने बताया कि इलाके के लोगों ने फैसला किया है कि अगर चुनाव से पहले कब्रिस्तान नहीं मिलता तो वोट नहीं देंगे और आने वाले चुनाव का बहिष्कार करेंगे. जरूरत पड़ी तो भूख हड़ताल और धरना भी देंगे.

'सीएम केजरीवाल ने किया है वादा'
मोहम्मद शाहीन के मुताबिक केजरीवाल ने भी लोक इलाके में एक सभा में भरोसा दिलाया था कि जीतने के बाद कब्रिस्तान की जमीन देंगे, लेकिन वह सब वादे अब तक अधूरे हैं.

'जनाजा ले जाने में 20हजार रुपए होते हैं खर्च'

मोहम्मद फिरोज ने बताया कि 5- 6 किलोमीटर दूर जनाजा (मय्यत ) ले जाने में 15 से 20 हजार रूपये खर्च हो जाते हैं और गरीब आदमी यह पैसे नहीं दे सकता.

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सदर बाजार विधानसभा क्षेत्र के तहत इंदरलोक इलाके में रहने वाले लोग 40 साल बाद भी कब्रिस्तान की जमीन से महरूम है, और स्थानीय लोग कहते हैं कि हर सरकार ने उन्हें बेवकूफ बनाया है, किसी ने भी हमारी इस समस्या का समाधान नहीं किया. इसीलिए हमने फैसला किया है कि आने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव का बायकॉट करेंगे.

सरकारों ने सौतेला व्यवहार बरता
कफील अंसारी बताते हैं कि कब्रस्तान के लिए हमारे साथ सारी सरकारों ने सोतेला व्यवहार बरता है. उन्होंने नाराजगी के साथ बताया कि पूर्व मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा था कि अब सुई के धागे में जितना रह गया है से उतनी ही देर लगेगी, लेकिन अफसोस आज तक भी कब्रिस्तान की जमीन हमें नहीं मिली है.

कब्रिस्तान नहीं तो वोट नहीं
अनीस अहमद ने बताया कि इलाके के लोगों ने फैसला किया है कि अगर चुनाव से पहले कब्रिस्तान नहीं मिलता तो वोट नहीं देंगे और आने वाले चुनाव का बहिष्कार करेंगे, और जरूरत पड़ी तो भूख हड़ताल और धरना भी देंगे.
Body:केजरीवाल भी कब्रिस्तान देने का कर चुके हैं वादा
मोहम्मद शाहीन के मुताबिक केजरीवाल ने भी लोक इलाके में एक सभा में भरोसा दिलाया था कि जीतने के बाद कब्रिस्तान की जमीन देंगे, लेकिन वह सब वादे अब तक अधूरे हैं.

मैयत ले जाना मैं 20हज़ार रुपए खर्च होते हैं

मोहम्मद फिरोज ने बताया कि5, 6किलोमीटर दूर जनाजा (मय्यत ) ले जाने में 15 से 20हज़ार रूपये खर्च होते हैं, और गरीब आदमी यह पैसे नहीं दे सकता है.Conclusion:पहली बाइट. कफील अंसारी
दूसरी बाइट. अनीस अहमद
तीसरी बाइट. मोहम्मद शाहिन
चौथी बाइट. फिरोज
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