नई दिल्ली: जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान ट्रैफिक को मैनेज करना दिल्ली यातायात पुलिस के लिए भी एक बड़ी चुनौती रही है. हालांकि यातायात पुलिस ने इस चुनौती का सफलतापूर्वक सामना किया है. यातायात पुलिस ने कहा कि गणमान्य व्यक्तियों के लिए यातायात व्यवस्था को सुविधाजनक बनाने में जनता का जबरदस्त समर्थन मिला. इस दौरान ट्रैफिक पुलिस को 7 से 10 सितंबर के बीच प्रतिदिन 2,500 फोन कॉल प्राप्त हुई. जबकि जी20 शिखर सम्मेलन से पहले ट्रैफिक कंट्रोल रूम को प्रतिदिन केवल 400 कॉल प्राप्त होती थीं.
विशेष पुलिस आयुक्त (यातायात) एसएस यादव ने बताया कि यात्रियों की परेशानी कम करने के लिए जनता की सहायता और सुविधा के लिए विस्तृत योजना बनाई गई थी. कुछ असुविधा की आशंका थी और हम इस ऐतिहासिक समय के दौरान स्थिति से अवगत थे. पहले से पता था कि कंट्रोल रूम में अधिक कॉल आएंगी इसलिए उनको संभालने के लिए अतिरिक्त कर्मचारियों को तैनात किया गया था.
जी20 शिखर सम्मेलन से पहले पब्लिक इंटरफेस यूनिट की हेल्पलाइन पर प्रतिदिन औसतन लगभग 400 कॉल प्राप्त होती थीं. शिखर सम्मेलन के दौरान सार्वजनिक इंटरफेस इकाई को 7 से 10 सितंबर के बीच प्रति दिन औसतन लगभग 2,500 टेलीफोन कॉल प्राप्त हुईं. शिखर सम्मेलन के लिए एक वेब पोर्टल और जी 20 ट्रैफिक वर्चुअल हेल्पडेस्क की स्थापना की गई थी. इस पर 163,000 से अधिक लोगों ने विजिट किया.
वहीं, व्हाट्सएप हेल्पलाइन नंबर को प्रतिदिन 2,000 प्रश्न प्राप्त हुए. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के ट्विटर हैंडल ने प्रतिदिन लगभग 75 प्रश्नों के लिए स्पष्टीकरण दिया. आम जनता ने दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के फेसबुक पेज पर भी जानकारी मांगी. ईआरएसएस-112 पर एम्बुलेंस की आवश्यकता के संबंध में कुल 440 कॉल प्राप्त हुईं और उन्हें सकारात्मक प्रतिक्रिया के साथ तुरंत निपटाया गया.
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