ETV Bharat / state

पाइप लाइन में लीकेज और पानी को तरसती दिल्ली, जानिए जल बोर्ड के दावों की सच्चाई

दिल्ली में हर साल गर्मी बढ़ते ही पानी की किल्लत की समस्या लोगों के सामने आ जाती है. 18 हजार किमी लंबे पानी के पाइप लाइन द्वारा दिल्ली के लगभग दो करोड़ लोगों तक पीने का पानी पहुंचाया जाता है. इस खबर में जानिए आखिरकार जल बोर्ड का पानी की किल्लत न होने का दावा कितना सच है.

people facing problem due to  delhi jal board water pipeline leakage
दिल्ली जल बोर्ड की पाइप लाइन में लीकेज के कारण हो रही किल्लत
author img

By

Published : Jul 9, 2020, 10:23 PM IST

Updated : Jul 9, 2020, 10:35 PM IST

नई दिल्ली: हर साल गर्मी बढ़ने के साथ ही राजधानी दिल्ली में पानी की किल्लत शुरू हो जाती है. हालांकि जल बोर्ड द्वारा लगातार यह दावा किया जाता रहा है कि दिल्ली में पानी की किल्लत नहीं है. 18 हजार किमी लंबे पानी के पाइप लाइन द्वारा दिल्ली के लगभग दो करोड़ लोगों तक पीने का पानी पहुंचाया जाता है. लेकिन पाइप लाइन में लीकेज के कारण हर साल दिल्ली जल बोर्ड को लाखों लीटर पानी का नुकसान उठाना पड़ता है.

दिल्ली जल बोर्ड की पाइप लाइन में लीकेज के कारण हो रही किल्लत
रोज मिलती है 30 शिकायतेंदिल्ली जल बोर्ड के पाइप लाइनों में होनी वाले लीकेज का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर साल दिल्ली जल बोर्ड औसतन करीब 11 हजार लीकेज पॉइंट की मरम्मत करता है. इससे साफ है कि पाइप लाइनों में 1 दिन में औसतन 30 जगहों पर लीकेज होती है. इनमें से कुछ पॉइंट को तो समय पर ठीक कर लिया जाता है. लेकिन कुछ लीकेज की जानकारी मिलने में जल बोर्ड को कई दिन लग जाते हैं, जिस कारण हजारों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है.

18 हजार किलोमीटर लंबी है पाइप लाइन

अगर बात दिल्ली में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा स्थापित पाइपलाइन की करें तो वर्तमान के समय में दिल्ली में लगभग 18 हजार किलोमीटर लंबी पाइपलाइन द्वारा दिल्ली की लगभग दो करोड़ आबादी तक पीने का पानी पहुंचाया जाता है. हालांकि अभी भी कई अनधिकृत कॉलोनियों में पानी की पाइप लाइन नहीं डाली गई है और वहां पानी का टैंकर ही लोगों का एकमात्र सहारा है.


कई इलाकों में पानी की समस्या

गौरतलब है कि दिल्ली में पानी की समस्या को देखते हुए कुछ महीने पहले दिल्ली जल बोर्ड द्वारा मास्टर प्लान लॉन्च किया गया था. जिसमें यह दावा किया गया था कि दिल्ली के प्रत्येक नागरिक तक पीने का पानी पहुंचाया जाएगा, लेकिन अभी भी दिल्ली के ऐसे कई इलाके हैं जहां पीने के पानी के लिए लोगों को जद्दोजहद करनी पड़ती है. पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर, चिल्ला, यमुना खादर, दक्षिणी दिल्ली के संगम विहार, देवली, पश्चिमी दिल्ली के नजफगढ़, बाहरी दिल्ली के बुराड़ी जैसे सैकड़ों इलाके हैं जहां पीने के पानी के लिए आज भी लोग टैंकर पर आश्रित है.


नहीं है कोई आधुनिक तकनीक

दिल्ली जल बोर्ड द्वारा पाइप लाइन में लीकेज होने से रोजाना हजारों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है. लेकिन हैरानी की बात यह है कि अभी तक दिल्ली जल बोर्ड के पास लीकेज का पता लगाने के लिए कोई विशेष आधुनिक तकनीक मौजूद नहीं है. जिससे लीकेज की जगह का समय पर पता लगाकर उसे समय पर ही ठीक किया जा सके ताकि पानी की बर्बादी ना हो.

नई दिल्ली: हर साल गर्मी बढ़ने के साथ ही राजधानी दिल्ली में पानी की किल्लत शुरू हो जाती है. हालांकि जल बोर्ड द्वारा लगातार यह दावा किया जाता रहा है कि दिल्ली में पानी की किल्लत नहीं है. 18 हजार किमी लंबे पानी के पाइप लाइन द्वारा दिल्ली के लगभग दो करोड़ लोगों तक पीने का पानी पहुंचाया जाता है. लेकिन पाइप लाइन में लीकेज के कारण हर साल दिल्ली जल बोर्ड को लाखों लीटर पानी का नुकसान उठाना पड़ता है.

दिल्ली जल बोर्ड की पाइप लाइन में लीकेज के कारण हो रही किल्लत
रोज मिलती है 30 शिकायतेंदिल्ली जल बोर्ड के पाइप लाइनों में होनी वाले लीकेज का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि हर साल दिल्ली जल बोर्ड औसतन करीब 11 हजार लीकेज पॉइंट की मरम्मत करता है. इससे साफ है कि पाइप लाइनों में 1 दिन में औसतन 30 जगहों पर लीकेज होती है. इनमें से कुछ पॉइंट को तो समय पर ठीक कर लिया जाता है. लेकिन कुछ लीकेज की जानकारी मिलने में जल बोर्ड को कई दिन लग जाते हैं, जिस कारण हजारों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है.

18 हजार किलोमीटर लंबी है पाइप लाइन

अगर बात दिल्ली में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा स्थापित पाइपलाइन की करें तो वर्तमान के समय में दिल्ली में लगभग 18 हजार किलोमीटर लंबी पाइपलाइन द्वारा दिल्ली की लगभग दो करोड़ आबादी तक पीने का पानी पहुंचाया जाता है. हालांकि अभी भी कई अनधिकृत कॉलोनियों में पानी की पाइप लाइन नहीं डाली गई है और वहां पानी का टैंकर ही लोगों का एकमात्र सहारा है.


कई इलाकों में पानी की समस्या

गौरतलब है कि दिल्ली में पानी की समस्या को देखते हुए कुछ महीने पहले दिल्ली जल बोर्ड द्वारा मास्टर प्लान लॉन्च किया गया था. जिसमें यह दावा किया गया था कि दिल्ली के प्रत्येक नागरिक तक पीने का पानी पहुंचाया जाएगा, लेकिन अभी भी दिल्ली के ऐसे कई इलाके हैं जहां पीने के पानी के लिए लोगों को जद्दोजहद करनी पड़ती है. पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर, चिल्ला, यमुना खादर, दक्षिणी दिल्ली के संगम विहार, देवली, पश्चिमी दिल्ली के नजफगढ़, बाहरी दिल्ली के बुराड़ी जैसे सैकड़ों इलाके हैं जहां पीने के पानी के लिए आज भी लोग टैंकर पर आश्रित है.


नहीं है कोई आधुनिक तकनीक

दिल्ली जल बोर्ड द्वारा पाइप लाइन में लीकेज होने से रोजाना हजारों लीटर पानी बर्बाद हो जाता है. लेकिन हैरानी की बात यह है कि अभी तक दिल्ली जल बोर्ड के पास लीकेज का पता लगाने के लिए कोई विशेष आधुनिक तकनीक मौजूद नहीं है. जिससे लीकेज की जगह का समय पर पता लगाकर उसे समय पर ही ठीक किया जा सके ताकि पानी की बर्बादी ना हो.

Last Updated : Jul 9, 2020, 10:35 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.