नई दिल्ली: निशुल्क कर्ज मुक्ति मांगों को लेकर बुधवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर सैकड़ों की संख्या में देशभर के अलग-अलग राज्यों से लोग जुटे. इस दौरान लोगों ने केंद्र सरकार से निशुल्क कर्ज मुक्ति को लेकर गुहार लगाई है. लोगों का कहना है कि जब बड़े-बड़े उद्योगपतियों का कर्जा माफ किया जा सकता है, तो फिर आम लोगों का कर्जा क्यों माफ नहीं किया जा सकता है. दिल्ली के अलावा कई जगहों से ऐसी खबरें सामने आई थी कि कुछ लोगों ने अपने ऊपर कर्जा होने की वजह से, उसे ना चुका पाने के कारण आत्महत्या कर ली थी.
निशुल्क कर्ज मुक्ति भारत अभियान के तहत धरना प्रदर्शन में शामिल हुए लोगों ने आज एक दिन की सांकेतिक भूख हड़ताल रखी. इस दौरान इस अभियान का नेतृत्व कर रहे शाहनवाज चौधरी ने बताया कि देश में कर्जा मुक्त अभियान से 10 महीनों से चल रहा है. लाखों लोग इस अभियान से जुड़ चुके हैं. उन्होंने बताया कि अब तक सात बार वित्त मंत्रालय और चार बार प्रधानमंत्री कार्यालय को ज्ञापन भेजा जा चुका है. परंतु अभी तक सरकार की ओर से कोई संतोषजनक जवाब नहीं आया है.
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केंद्र सरकार के आंकड़ों के मुतबाकि, पिछले 5 वर्षों में 50 से अधिक लोगों ने कर्ज के कारण आत्महत्या की हैं. जंतर मंतर से सैकड़ों की संख्या में लोगों ने सरकार से कहा कि हमारे ऊपर कर्जा है. सरकार को अमीरों की तरह आम लोगों, किसानों, व्यापारियों और नौकरी करने वाले लोगों को हर तरह का लोन माफ होना चाहिए. जिनका लोन माफ नहीं हो सकता है, उनको कम से कम 2 वर्ष का समय दिया जाना चाहिए. बता दें, 3.5 लाख से अधिक लोग इस अभियान में जुड़ चुके हैं. लोगों ने रजिस्ट्रेशन फॉर्म भी भरा है, जिनके ऊपर कर्जा है.
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