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प्रधानमंत्री जी आपकी 'नागरिकता' परेशान है, कोरोना से ज्यादा मच्छरों से बेहाल है

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Published : May 16, 2021, 7:04 PM IST

दिल्ली कोरोना की चौथी लहर से उबर रही है. लेकिन इसी दिल्ली में एक बस्ती ऐसी भी है, जहां कोरोना तो नहीं पहुंचा, लेकिन मच्छरों के आतंक से लोग हलकान हैं. बिजली का कनेक्शन काटा जा चुका है, घर भी झुग्गियों वाले हैं और लॉक डाउन के कारण रोजी-रोटी पर संकट है, ऐसे में भीषण गर्मी में जिंदगी काटना बेहद मुश्किल है. देखिए यहां से ईटीवी भारत की यह खास रिपोर्ट.

pakistani hindu refugees in covid time
दिल्ली पाकिस्तानी शरणार्थी

नई दिल्ली: कोरोना से बचे रहना वर्तमान समय में एक बड़ी उपलब्धि की तरह है. लेकिन मजनूं टीला स्थित पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों की बस्ती में कोरोना से बचे रहने के बावजूद लोग काफी परेशान हैं. इनकी इस परेशानी का कारण है मच्छरों का आतंक. यमुना नदी के किनारे की इस बस्ती में यूं तो हमेशा ही मच्छरों से परेशानी होती है, लेकिन इन दिनों यह परेशानी इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि बिजली का कनेक्शन काटा जा चुका है.

कोरोना के समय में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों का हाल...

'ठप्प है कारोबार, दो समय के खाने का संकट'

इस बस्ती के ज्यादातर लोग बस्ती के सामने ही मुख्य सड़क पर ठेला लगाकर कुछ सामान बेचते हैं और इसके जरिए इनकी रोजी रोटी चलती है. लेकिन दिल्ली में जारी लॉकडाउन के कारण इनके ठेले भी नहीं लग पा रहे. मीरा ने अपने बेटे का ठेला दिखाते हुए कहा कि लॉकडाउन के कारण यह करीब 1 महीने से घर में ही बंद है. सरकार की तरफ से भी एक दो बार ही राशन मिली है, किसी तरह से दो समय के खाने का इंतजाम कर पा रहे हैं.

गर्मी और मच्छरों से परेशान है 'नागरिकता'

आपको बता दें कि मीरा और उनके बेटे बहू ने ही नागरिकता कानून में संशोधन के समय इनके घर पैदा हुई बच्ची का नाम 'नागरिकता' रखा था. 'नागरिकता' भी हमें मीरा की गोद में खेलती दिखी. लेकिन उदास शब्दों में मीरा ने कहा कि उस समय प्रधानमंत्री की घोषणा से लगा था कि हमें भी नागरिकता मिल जाएगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ. आज हाल यह है कि 'नागरिकता' बिना बिजली के गर्मी और मच्छरों से परेशान होने को मजबूर है.

'कोरोना से बच जाएंगे, मच्छरों से बचना मुश्किल'

मीरा ने प्रधानमंत्री से अपील की कि 'नागरिकता' की इस परेशानी को ध्यान में रखते हुए हमारे लिए कुछ करें. कुछ ऐसी ही अपील सीताराम और उनकी मां लक्ष्मी ने भी की. सीताराम ने कहा कि कोरोना से तो बचे हुए हैं और बच भी जाएंगे, लेकिन मच्छरों से बचना मुश्किल है. हाथ जोड़ते हुए लक्ष्मी ने कहा कि हमें अब तक कुछ नहीं मिला, लेकिन अभी सरकार से हमारी अपील है कि टेम्पररी ही सही, बिजली का कनेक्शन लगवा दें.

'केवल फोटो खिंचाने के लिए आते हैं लोग'

बता दें कि दिल्ली में करीब तीन हजार की संख्या में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी रहते हैं. इनकी एक बड़ी आबादी मजनूं टीला गुरुद्वारे के पास की झुग्गियों में रहती है. नागरिकता कानून में संशोधन के बाद इस पूरी बस्ती में जश्न का माहौल था. तब कई नेता इस जश्न में शामिल होने आए थे. लेकिन आज इस बस्ती कि लोग बिजली और राशन की राह देख रहे हैं. बस्ती के प्रमुख सोना दास ने कहा बहुत लोग तो केवल फोटो खिंचाने आते हैं.

'इस कोरोना लहर से बची हुई है बस्ती'

ईटीवी भारत से बातचीत में सोना दास ने बताया कि एसडीएम की तरफ से कुछ राशन मुहैया कराए गए थे, लेकिन इतने लोगों के परिवार में कुछ किलो राशन से क्या हो सकता है, उन्होंने राशन के लिए सरकार से अपील की.

उन्होंने कहा कि इस कोरोना लहर से तो बस्ती अब तक बची हुई है. पिछले साल दो-तीन लोग संक्रमित हुए थे, लेकिन अब तक कोई भी पॉजिटिव नहीं हुआ. सोना दास ने बताया कि लोगों को वैक्सीन भी दी जा रही है.

बिजली के लिए केंद्र-केजरीवाल से गुहार

सोना दास ने कहा कि कुछ लोगों के आधार कार्ड बन गए हैं, वहीं बाकी लोगों को पासपोर्ट के आधार पर वैक्सीन दी जा रही है. हालांकि उन्होंने कहा कि हमारे लिए अभी बड़ी समस्या बिजली का न होना और मच्छरों का आतंक है. सोना दास ने केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार से अपील की कि जल्द से जल्द बिजली का का कनेक्शन लगवाएं. उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले तक टेम्पररी मीटर था, उसे ही फिर से लगवा दें.

नई दिल्ली: कोरोना से बचे रहना वर्तमान समय में एक बड़ी उपलब्धि की तरह है. लेकिन मजनूं टीला स्थित पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों की बस्ती में कोरोना से बचे रहने के बावजूद लोग काफी परेशान हैं. इनकी इस परेशानी का कारण है मच्छरों का आतंक. यमुना नदी के किनारे की इस बस्ती में यूं तो हमेशा ही मच्छरों से परेशानी होती है, लेकिन इन दिनों यह परेशानी इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि बिजली का कनेक्शन काटा जा चुका है.

कोरोना के समय में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थियों का हाल...

'ठप्प है कारोबार, दो समय के खाने का संकट'

इस बस्ती के ज्यादातर लोग बस्ती के सामने ही मुख्य सड़क पर ठेला लगाकर कुछ सामान बेचते हैं और इसके जरिए इनकी रोजी रोटी चलती है. लेकिन दिल्ली में जारी लॉकडाउन के कारण इनके ठेले भी नहीं लग पा रहे. मीरा ने अपने बेटे का ठेला दिखाते हुए कहा कि लॉकडाउन के कारण यह करीब 1 महीने से घर में ही बंद है. सरकार की तरफ से भी एक दो बार ही राशन मिली है, किसी तरह से दो समय के खाने का इंतजाम कर पा रहे हैं.

गर्मी और मच्छरों से परेशान है 'नागरिकता'

आपको बता दें कि मीरा और उनके बेटे बहू ने ही नागरिकता कानून में संशोधन के समय इनके घर पैदा हुई बच्ची का नाम 'नागरिकता' रखा था. 'नागरिकता' भी हमें मीरा की गोद में खेलती दिखी. लेकिन उदास शब्दों में मीरा ने कहा कि उस समय प्रधानमंत्री की घोषणा से लगा था कि हमें भी नागरिकता मिल जाएगी, लेकिन कुछ नहीं हुआ. आज हाल यह है कि 'नागरिकता' बिना बिजली के गर्मी और मच्छरों से परेशान होने को मजबूर है.

'कोरोना से बच जाएंगे, मच्छरों से बचना मुश्किल'

मीरा ने प्रधानमंत्री से अपील की कि 'नागरिकता' की इस परेशानी को ध्यान में रखते हुए हमारे लिए कुछ करें. कुछ ऐसी ही अपील सीताराम और उनकी मां लक्ष्मी ने भी की. सीताराम ने कहा कि कोरोना से तो बचे हुए हैं और बच भी जाएंगे, लेकिन मच्छरों से बचना मुश्किल है. हाथ जोड़ते हुए लक्ष्मी ने कहा कि हमें अब तक कुछ नहीं मिला, लेकिन अभी सरकार से हमारी अपील है कि टेम्पररी ही सही, बिजली का कनेक्शन लगवा दें.

'केवल फोटो खिंचाने के लिए आते हैं लोग'

बता दें कि दिल्ली में करीब तीन हजार की संख्या में पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी रहते हैं. इनकी एक बड़ी आबादी मजनूं टीला गुरुद्वारे के पास की झुग्गियों में रहती है. नागरिकता कानून में संशोधन के बाद इस पूरी बस्ती में जश्न का माहौल था. तब कई नेता इस जश्न में शामिल होने आए थे. लेकिन आज इस बस्ती कि लोग बिजली और राशन की राह देख रहे हैं. बस्ती के प्रमुख सोना दास ने कहा बहुत लोग तो केवल फोटो खिंचाने आते हैं.

'इस कोरोना लहर से बची हुई है बस्ती'

ईटीवी भारत से बातचीत में सोना दास ने बताया कि एसडीएम की तरफ से कुछ राशन मुहैया कराए गए थे, लेकिन इतने लोगों के परिवार में कुछ किलो राशन से क्या हो सकता है, उन्होंने राशन के लिए सरकार से अपील की.

उन्होंने कहा कि इस कोरोना लहर से तो बस्ती अब तक बची हुई है. पिछले साल दो-तीन लोग संक्रमित हुए थे, लेकिन अब तक कोई भी पॉजिटिव नहीं हुआ. सोना दास ने बताया कि लोगों को वैक्सीन भी दी जा रही है.

बिजली के लिए केंद्र-केजरीवाल से गुहार

सोना दास ने कहा कि कुछ लोगों के आधार कार्ड बन गए हैं, वहीं बाकी लोगों को पासपोर्ट के आधार पर वैक्सीन दी जा रही है. हालांकि उन्होंने कहा कि हमारे लिए अभी बड़ी समस्या बिजली का न होना और मच्छरों का आतंक है. सोना दास ने केजरीवाल सरकार और केंद्र सरकार से अपील की कि जल्द से जल्द बिजली का का कनेक्शन लगवाएं. उन्होंने बताया कि कुछ समय पहले तक टेम्पररी मीटर था, उसे ही फिर से लगवा दें.

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