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'देशद्रोह'! शरजील इमाम के खिलाफ जांच की अवधि बढ़ाने का आदेश

जामिया हिंसा के मामले में जेल में बंद शरजील इमाम के खिलाफ जांच की अवधि 90 दिन से बढ़ाकर 180 दिन कर दिया है. यह फैसला दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सुनाया है.

Patiala House Court Order to extend the period of investigation against Sharjeel Imam
पटियाला हाउस कोर्ट
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Published : May 1, 2020, 2:34 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने जामिया हिंसा के मामले में जेल में बंद शरजील इमाम के खिलाफ जांच की अवधि 90 दिन से बढ़ाकर 180 दिन कर दिया है. शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने UAPA के मामला दर्ज किया है. अब शरजील इमाम को जांच पूरी होने तक हिरासत में ही रहना होगा.

जांच की अवधि बढ़ाकर 180 दिन की गई

दिल्ली पुलिस की क्राईम ब्रांच ने कोर्ट से कहा कि कोरोना से लॉकडाउन के बाद जांच की गति पर काफी असर पड़ा है. इसलिए जांच की अवधि 90 दिन से बढ़ाकर 180 दिन कर दी जाए. दिल्ली पुलिस की अर्जी पर सुनवाई करते हुए स्पेशल जज गुरविंदर पाल सिंह ने क्राईम ब्रांच की रिपोर्ट पर गौर करते हुए पाया कि UAPA के तहत जांच की अवधि 90 दिन होती है. यूएपीए की धारा 43(डी)(2) के तहत जांच की अवधि 90 दिन और बढ़ाई जा सकती है.

गुवाहाटी जेल में बंद है शरजील इमाम

शरजील इमाम दिल्ली के जामिया युनिवर्सिटी में भड़काऊ भाषण देने के मामले में फिलहाल गुवाहाटी की जेल में बंद है. सुनवाई के दौरान पुलिस ने कहा कि वह शरजील इमाम के उस दोस्त से पूछताछ करना चाहता है, जिसने उसका भाषण देते हुए वीडियो बनाया था. पुलिस ने कहा कि उन लोगों से भी पूछताछ की जा रही है, जिन्होंने पोस्टर छपवाने के लिए पैसे ट्रांसफर करने के लिए अपना बैंक खाता नंबर दिया था.

पुलिस ने कहा-कई जांच है बाकी

पुलिस ने कहा कि बरामद किए गए हार्ड डिस्क, लैपटॉप और मोबाइल की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है. भाषण वाले कथित वीडियो की भी फोरेंसिक रिपोर्ट नहीं आई है. फेसबुक और ट्विटर से भी अभी कोई जवाब नहीं मिल पाया है. इसके अलावा केस चलाने के लिए जूरूरी अनुमति भी नहीं ली जा सकी है.

18 अप्रैल को दाखिल हुआ था पूरक चार्जशीट

पिछले 18 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली में दंगे भड़काने के मामले में साकेत कोर्ट में पूरक चार्जशीट दाखिल किया था. शरजील इमाम के खिलाफ देशद्रोह की धारा के तहत साकेत कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया गया. चार्जशीट में कहा गया है कि 13 दिसंबर 2019 को शरजील इमाम ने शाहीन बाग में देश को तोड़ने की बात कही थी. पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए और 153ए के तहत आरोप लगाया है.

हिंसा को भड़काने का आरोप

18 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल किया था, जिसमें शरजील इमाम पर हिंसा को भड़काने का आरोप लगाया गया है. शरजील इमाम को शाहीन बाग में आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में बिहार से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के मुताबिक जामिया हिंसा की जांच के दौरान एक आरोपी ने कहा कि उसने शरजील इमाम के भाषण से प्रभावित होकर हिंसा को अंजाम दिया.

सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

शरजील इमाम ने कई राज्यों में दर्ज एफआईआर की जांच एक जगह करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए आज केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है.

नई दिल्लीः दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने जामिया हिंसा के मामले में जेल में बंद शरजील इमाम के खिलाफ जांच की अवधि 90 दिन से बढ़ाकर 180 दिन कर दिया है. शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने UAPA के मामला दर्ज किया है. अब शरजील इमाम को जांच पूरी होने तक हिरासत में ही रहना होगा.

जांच की अवधि बढ़ाकर 180 दिन की गई

दिल्ली पुलिस की क्राईम ब्रांच ने कोर्ट से कहा कि कोरोना से लॉकडाउन के बाद जांच की गति पर काफी असर पड़ा है. इसलिए जांच की अवधि 90 दिन से बढ़ाकर 180 दिन कर दी जाए. दिल्ली पुलिस की अर्जी पर सुनवाई करते हुए स्पेशल जज गुरविंदर पाल सिंह ने क्राईम ब्रांच की रिपोर्ट पर गौर करते हुए पाया कि UAPA के तहत जांच की अवधि 90 दिन होती है. यूएपीए की धारा 43(डी)(2) के तहत जांच की अवधि 90 दिन और बढ़ाई जा सकती है.

गुवाहाटी जेल में बंद है शरजील इमाम

शरजील इमाम दिल्ली के जामिया युनिवर्सिटी में भड़काऊ भाषण देने के मामले में फिलहाल गुवाहाटी की जेल में बंद है. सुनवाई के दौरान पुलिस ने कहा कि वह शरजील इमाम के उस दोस्त से पूछताछ करना चाहता है, जिसने उसका भाषण देते हुए वीडियो बनाया था. पुलिस ने कहा कि उन लोगों से भी पूछताछ की जा रही है, जिन्होंने पोस्टर छपवाने के लिए पैसे ट्रांसफर करने के लिए अपना बैंक खाता नंबर दिया था.

पुलिस ने कहा-कई जांच है बाकी

पुलिस ने कहा कि बरामद किए गए हार्ड डिस्क, लैपटॉप और मोबाइल की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट अभी नहीं आई है. भाषण वाले कथित वीडियो की भी फोरेंसिक रिपोर्ट नहीं आई है. फेसबुक और ट्विटर से भी अभी कोई जवाब नहीं मिल पाया है. इसके अलावा केस चलाने के लिए जूरूरी अनुमति भी नहीं ली जा सकी है.

18 अप्रैल को दाखिल हुआ था पूरक चार्जशीट

पिछले 18 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ दिल्ली में दंगे भड़काने के मामले में साकेत कोर्ट में पूरक चार्जशीट दाखिल किया था. शरजील इमाम के खिलाफ देशद्रोह की धारा के तहत साकेत कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया गया. चार्जशीट में कहा गया है कि 13 दिसंबर 2019 को शरजील इमाम ने शाहीन बाग में देश को तोड़ने की बात कही थी. पुलिस ने शरजील इमाम के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए और 153ए के तहत आरोप लगाया है.

हिंसा को भड़काने का आरोप

18 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल किया था, जिसमें शरजील इमाम पर हिंसा को भड़काने का आरोप लगाया गया है. शरजील इमाम को शाहीन बाग में आपत्तिजनक भाषण देने के मामले में बिहार से गिरफ्तार किया गया था. पुलिस के मुताबिक जामिया हिंसा की जांच के दौरान एक आरोपी ने कहा कि उसने शरजील इमाम के भाषण से प्रभावित होकर हिंसा को अंजाम दिया.

सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया

शरजील इमाम ने कई राज्यों में दर्ज एफआईआर की जांच एक जगह करने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर किया है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए आज केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है.

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