नई दिल्ली: पटियाला हाउस कोर्ट ने टेरर फंडिंग के मामले में मसरत आलम, आसिया अंद्राबी और शबीर शाह को दस दिनों की एनआईए हिरासत में भेज दिया है. एनआईए ने इन तीनों को 15 दिनों की हिरासत की मांग की थी.
NIA ने मांगी थी 15 दिन की हिरासत
मसरत आलम को 3 जून को जम्मू की जेल से तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया था. एनआईए ने आज मसरत आलम को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया और 15 दिनों की हिरासत की मांग की. मसरत आलम पर पत्थरबाजी कराने और टेरर फंडिंग का आरोप है. एनआईए ने मसरत आलम के साथ ही आसिया अंद्राबी और शबीर शाह को भी पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया. इन पर देशद्रोह और जम्मू-कश्मीर में घृणा फैलाने वाले भाषण देने के लिए अप्रैल में एक मामला दर्ज किया गया था.
आसिया ने मनाया था पाकिस्तान दिवस
जम्मू-कश्मीर हाईकोर्ट ने श्रीनगर की जेल में बंद अंद्राबी की जमानत जून 2018 में खारिज कर दी थी. एनआईए ने अप्रैल 2018 में इनके साथ-साथ इनके संगठन के खिलाफ भी एक मामला दर्ज किया था. दुख्तरान-ए-मिल्लत गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 के तहत एक प्रतिबंधित संगठन है.आपको बता दें कि दुख्तरान-ए-मिल्लत ने 23 मार्च 2018 को पाकिस्तान दिवस के रूप में मनाया था.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आसिया अंद्राबी ने कहा था कि धर्म, विश्वास और पैगंबर से प्रेम के आधार पर भारतीय उपमहाद्वीप के सभी मुसलमान पाकिस्तानी हैं. इस दौरान पाकिस्तान का राष्ट्रगान भी गाया गया था.
शबीर शाह ने कबूला आतंकी कनेक्शन
पटियाला हाउस कोर्ट ने 15 नवंबर 2017 को शबीर शाह और उसके करीबी असलम वानी के खिलाफ आरोप तय किए थे. 23 सितंबर 2017 को ईडी ने कोर्ट में शबीर शाह के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. प्रवर्तन निदेशालय ने कहा था कि शबीर शाह ने प्रतिबंधित आतंकी संगठनों से अपने संबंध को स्वीकार किया है. जनवरी 2018 में उसने आतंकी सरगना हाफिज सईद से बात भी की थी. जानकारी के मुताबिक वो हाफिज से कश्मीर के मसले पर बात करता रहा है.
बड़ी मात्रा में हुई थी टेरर फंडिंग
शबीर शाह को 26 जुलाई 2017 को गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली पुलिस ने इससे पहले वानी को 26 अगस्त 2005 को गिरफ्तार किया था. वानी के पास से 63 लाख रुपये और बड़ी संख्या में हथियार बरामद किए गए थे. इन पैसों में से उसे पचास लाख रुपये शबीर शाह को पहुंचाने थे जबकि दस लाख रुपये जैश-ए-मोहम्मद के एरिया कमांडर अबु बकर को देने थे और बाकी पैसे उसकी कमीशन के थे.
वानी ने पुलिस को बताया था कि उसने सवा दो करोड़ रुपये शबीर शाह को पहुंचाए थे. जिसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने वानी और शबीर शाह के खिलाफ मनी लाउंड्रिंग का केस दर्ज किया.