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Parma Ekadashi 2023: तीन साल में एक बार आती है परमा एकादशी, व्रत रखने से दूर होंगे धन संकट - इसके शुभ मुहूर्त और पूजन विधि

परमा एकादशी जिस साल अधिक मास लगता है, उस यह साल आती है. इस तरह यह तीन साल में एक बार आती है. ऐसी मान्यता है इस एकादशी का व्रत रखने से आर्थिक संकट खत्म होता है. आइए जानते हैं इसके शुभ मुहूर्त और पूजन विधि.

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Published : Aug 10, 2023, 6:48 AM IST

Updated : Aug 10, 2023, 7:02 AM IST

तीन साल में एक बार आती है परमा एकादशी

नई दिल्लीः हिन्दू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है. अधिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को परमा एकादशी कहते है. साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है जबकि जिस साल अधिक मास लगता है उस साल 26 एकादशी होती हैं. परमा एकादशी का व्रत शनिवार (12 अगस्त 2023) को रखा जाएगा. परमा एकादशी का व्रत रखना बेहद फलदाई बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि परमा एकादशी का व्रत रखने से सभी प्रकार के धन संकटों से मुक्ति मिलती है.

० महत्व
आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक अधिक मास भगवान विष्णु का महीना है. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए परमा एकादशी का व्रत उत्तम माना जाता है. भगवान विष्णु की कृपा- आशीर्वाद पाने और और जीवन में परम वैभव प्राप्त करने के लिए परमा एकादशी का व्रत रखा जाता है. परमा एकादशी तीन साल में एक बार आती है. ऐसे में परमा एकादशी के व्रत को श्रेष्ठ माना गया है. जीवन में आ रहे आर्थिक संकट दूर होते हैं. पुराणों में परमा एकादशी के व्रत का फल अश्वमेध यज्ञ के समान बताया गया है.

० पूजा विधि
परमा एकादशी के दिन प्रतकाल उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहने. घर के मंदिर में दीप जलाएं और भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें. एकादशी के व्रत का संकल्प करें. भगवान विष्णु का पूजा करें. विष्णु सहस्रनाम का जाप करें. दूध, दही, नैवेद्य आदि का भोग लगाएं. विष्णु सहस्रनाम, गोपाल सहस्रनाम, ॐ नमः भगवतेः वासुदेवाय आदि का जाप करें. ऐसा करने से परम कल्याण होता है.

० परमा एकादशी शुभ मुहूर्त

  1. परमा एकादशी प्रारंभ: 12 अगस्त (शनिवार) सुबह 07:28 मिनट
  2. परमा एकादशी समाप्त: 13 अगस्त (रविवार), सुबह 09:07 मिनट
  3. परमा एकादशी का व्रत 12 अगस्त को रखा जाएगा.

० इन बातों का रखें विशेष ध्यान
- परमा एकादशी के दिन मांस, प्याज और लहसुन का सेवन करने से बचना चाहिए. किसी भी तरह के नशीले पदार्थ जैसे शराब, गुटखा, सिगरेट आदि ना लें.
- पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक मकर संक्रांति, अमावस्या, चतुर्दशी, पूर्णिमा और एकादशी तिथि के दिन संबंध नहीं बनाने चाहिए. इस दिन ऐसा करना पाप माना गया है.
- हिंदू धर्म प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान और उससे प्रेम से व्यवहार करना सिखाता है. परमा एकादशी पर विशेष तौर पर ख्याल रखें कि किसी से गलत वाणी का प्रयोग ना करें. ना ही किसी पर गुस्सा करें. अपशब्द का प्रयोग करने से भी पूर्णता बचें.

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तीन साल में एक बार आती है परमा एकादशी

नई दिल्लीः हिन्दू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है. अधिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को परमा एकादशी कहते है. साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है जबकि जिस साल अधिक मास लगता है उस साल 26 एकादशी होती हैं. परमा एकादशी का व्रत शनिवार (12 अगस्त 2023) को रखा जाएगा. परमा एकादशी का व्रत रखना बेहद फलदाई बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि परमा एकादशी का व्रत रखने से सभी प्रकार के धन संकटों से मुक्ति मिलती है.

० महत्व
आध्यात्मिक गुरु और ज्योतिषाचार्य शिवकुमार शर्मा के मुताबिक अधिक मास भगवान विष्णु का महीना है. भगवान विष्णु को प्रसन्न करने के लिए परमा एकादशी का व्रत उत्तम माना जाता है. भगवान विष्णु की कृपा- आशीर्वाद पाने और और जीवन में परम वैभव प्राप्त करने के लिए परमा एकादशी का व्रत रखा जाता है. परमा एकादशी तीन साल में एक बार आती है. ऐसे में परमा एकादशी के व्रत को श्रेष्ठ माना गया है. जीवन में आ रहे आर्थिक संकट दूर होते हैं. पुराणों में परमा एकादशी के व्रत का फल अश्वमेध यज्ञ के समान बताया गया है.

० पूजा विधि
परमा एकादशी के दिन प्रतकाल उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे कपड़े पहने. घर के मंदिर में दीप जलाएं और भगवान विष्णु का गंगाजल से अभिषेक करें. एकादशी के व्रत का संकल्प करें. भगवान विष्णु का पूजा करें. विष्णु सहस्रनाम का जाप करें. दूध, दही, नैवेद्य आदि का भोग लगाएं. विष्णु सहस्रनाम, गोपाल सहस्रनाम, ॐ नमः भगवतेः वासुदेवाय आदि का जाप करें. ऐसा करने से परम कल्याण होता है.

० परमा एकादशी शुभ मुहूर्त

  1. परमा एकादशी प्रारंभ: 12 अगस्त (शनिवार) सुबह 07:28 मिनट
  2. परमा एकादशी समाप्त: 13 अगस्त (रविवार), सुबह 09:07 मिनट
  3. परमा एकादशी का व्रत 12 अगस्त को रखा जाएगा.

० इन बातों का रखें विशेष ध्यान
- परमा एकादशी के दिन मांस, प्याज और लहसुन का सेवन करने से बचना चाहिए. किसी भी तरह के नशीले पदार्थ जैसे शराब, गुटखा, सिगरेट आदि ना लें.
- पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक मकर संक्रांति, अमावस्या, चतुर्दशी, पूर्णिमा और एकादशी तिथि के दिन संबंध नहीं बनाने चाहिए. इस दिन ऐसा करना पाप माना गया है.
- हिंदू धर्म प्रत्येक व्यक्ति का सम्मान और उससे प्रेम से व्यवहार करना सिखाता है. परमा एकादशी पर विशेष तौर पर ख्याल रखें कि किसी से गलत वाणी का प्रयोग ना करें. ना ही किसी पर गुस्सा करें. अपशब्द का प्रयोग करने से भी पूर्णता बचें.

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Last Updated : Aug 10, 2023, 7:02 AM IST
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