नई दिल्ली: ईटीवी भारत द्वारा कोरोना काल में दिल्ली के सबसे बड़े रेड लाइट एरिया (Red Light Area) जीबी रोड (GB Road) के हालात दिखाए जाने के बाद अलग-अलग संस्थाएं महिलाओं की मदद के लिए आगे आ रही हैं. महिलाओं से जुड़े अलग-अलग मुद्दों पर आवाज उठाने वाली परी संस्था (Pari Institution) की संस्थापक योगिता भयाना (Yogita Bhayana) ने ईटीवी भारत (ETV Bharat) की खबर देखने के बाद, जीबी रोड की महिलाओं से संपर्क किया. अब वो इन महिलाओं को आजीविका कमाने के लिए अन्य रोजगार दिलाने को लेकर कोशिश कर रही हैं.
अलग-अलग वर्ग की महिलाएं भी जूझ रही हैं
योगिता भयाना (Yogita Bhayana) ने बताया कि कि मौजूदा समय में न केवल जीबी रोड बल्कि अलग-अलग वर्ग की महिलाएं कई परेशानियों से जूझ रही हैं और बेहद अफसोस की बात है कि सरकार या प्रशासन इन महिलाओं के अधिकार व सुरक्षा के लिए कोई काम नहीं कर रहे हैं. योगिता ने कहा कि ईटीवी भारत द्वारा खबर दिखाए जाने के बाद उन्होंने और उनकी टीम ने महिलाओं से संपर्क किया और उनमें से यदि महिलाएं कोई दूसरा रोजगार करना चाहती हैं तो हम इसको लेकर काम कर रहे हैं. साथ ही जीबी रोड की महिलाओं को राशन, दवाओं आदि से जुड़ी मदद भी पहुंचा रहे हैं.
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आर्थिक समस्याओं से जुड़ी होती है परेशानी
योगिता भयाना ने बताया कि जीबी रोड (GB Road) की महिलाओं को आर्थिक समस्याओं के बीच स्वास्थ्य से जुड़ी कई परेशानियां होती हैं, जिसके लिए उन्हें समय पर बेहतर इलाज नहीं मिल पाता. आर्थिक मजबूरियों के चलते इलाज नहीं करवा पाती और जब मौजूदा समय में कोरोना के बचाव के लिए वैक्सीनेशन ड्राइव (Vaccination Drive) चलाई जा रही है. तब जीबी रोड की महिलाओं के लिए भी वैक्सीनेशन ड्राइव (Vaccination Drive) चलाई जानी चाहिए क्योंकि जीबी रोड की महिलाओं को कोरोना का ज्यादा खतरा है. उनकी इम्युनिटी कम होने के कारण वह जल्दी इसकी चपेट में आ सकती हैं, लेकिन उन महिलाओं के लिए वैक्सीन को लेकर क्या कुछ इंतजाम हैं प्रशासन की ओर से इसको लेकर कोई पहल नहीं है.
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