नई दिल्ली : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने महाराष्ट्र सरकार को आदेश दिया है कि वे पालघर में विशाल फायरवर्क्स नामक पटाखा फैक्ट्री में पिछले 17 जून को हुए ब्लास्ट (Palghar fireworks Factory Blast) में घायल नौ मजदूरों को मुआवजा दे. एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की अध्यक्षता वाली बेंच ने महाराष्ट्र राज्य विधिक सेवा प्राधिकार को निर्देश दिया कि वो ये सुनिश्चित करें कि मुआवजा वास्तविक पीड़ित को बिना किसी बाधा के मिले.
एक महीने में मुआवजा देने का आदेश
एनजीटी (NGT) ने कहा कि पटाखा फैक्ट्री में ब्लास्ट घायल मजदूरों में जो 50 फीसदी से ज्यादा जले हैं, उन्हें 15 लाख रुपये का मुआवजा, जो 25 फीसदी से 50 फीसदी तक जले हैं, उन्हें 10 लाख रुपये, जो पांच से 25 फीसदी तक जले हैं, उन्हें 5 लाख रुपये और जिनका ओपीडी में इलाज हुआ उन्हें 2 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा. एनजीटी ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार पालघर के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट के जरिये ये रकम एक महीने के अंदर पीड़ितों को दें.
17 जून को हुआ था हादसा
बता दें कि एनजीटी (NGT) ने एक अखबार की खबर पर संज्ञान लेते हुए 18 जून को केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, पालघर के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट, महाराष्ट्र के औद्योगिक सुरक्षा और स्वास्थ्य के महानिदेशक और विशाल फायरवर्क्स से स्टेटस रिपोर्ट तलब किया था. पिछले 24 जून को पालघर के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने NGT को रिपोर्ट सौंपी. रिपोर्ट के मुताबिक 17 जून को सुबह दस बजकर 35 मिनट पर वेल्डिंग करते वक्त पटाखों तक पहुंची चिंगारी से ये हादसा हुआ.
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इस घटना में घायल आठ मजदूरों को दहानू के सेवा नर्सिंग होम और संकल्प नर्सिंग होम में इलाज के लिए भर्ती किया गया था. ये आठ मजदूर 20 से 50 फीसदी तक जले हुए थे. इन आठों के अलावा एक और मजदूर संकल्प नर्सिंग होम में भर्ती हुआ था जो आठ फीसदी जला हुआ था और उसे डिस्चार्ज कर दिया गया था.
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