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CAB: पाकिस्तानी शरणार्थियों में खुशी की लहर, कहा-अच्छी जिंदगी मिलने वाली है

पाकिस्तान से भारत आए शरणार्थी यहां कई वर्षों से सुख-सुविधाओं के अभाव में जी रहे हैं. अब नागरिकता संशोधन बिल आने के बाद इनकी मोदी सरकार से उम्मीदें जगी हैं.

Pakistani Hindu refugee
पाकिस्तानी हिन्दू परिवार
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Published : Dec 12, 2019, 10:28 PM IST

नई दिल्ली: मजनू का टीला स्थित पाकिस्तानी शरणार्थियों की बस्ती में सैकड़ों पाकिस्तानी हिन्दू परिवार रहते हैं. इनमें से कोई 10 साल पहले आया था, तो कोई 5 साल पहले. राज्य सभा में नागरिकता संशोधन बिल पास हो जाने के बाद ईटीवी भारत ने शरणार्थियों से बात कर इनकी राय जाननी चाही.

'हमारे बच्चों को अच्छी जिंदगी मिलेगी'

इन्हीं में शामिल हैं, लेखराम. लेखराम 2010 में भारत आए थे. वे अपना पाकिस्तानी पासपोर्ट दिखाते हुए कहते हैं कि अब हम सीना ठोक कर कह सकेंगे कि हम भारतीय हैं.

'हम हैं हिंदुस्तानी'

लेखराम को अब तक हर साल अपना इमीग्रेशन सर्टिफिकेट रीन्यू कराना पड़ता था, लेकिन अब इससे भी छुटकारा मिलेगा और वे भारत में सुकून की जिंदगी जी सकेंगे. लेखराम जैसे सैकड़ों लोग हैं, यहां पर जिन्हें अब इस झंझट से आजादी मिलने वाली है. इसके साथ-साथ उन्हें उम्मीद है कि उनकी सुख सुविधाओं का अभाव भी कम हो पाएगा.

'सुधर जाएंगे हालात'

भारत में 5 साल से रह रहीं मीरा ने खुशी जताई कि अब उन्हें भारत की नागरिकता मिले जा रही है और इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद भी किया. मीरा का परिवार जिस झुग्गी में रहता है, वो कई जगह से टूटी हुई है. हम जब वहां पहुंचे, तब मीरा मिट्टी के चूल्हे पर लकड़ी की मदद से पानी गर्म कर रहीं थीं. मीरा को उम्मीद है कि पीएम मोदी उनकी बाकी समस्याएं भी खत्म कर देंगे.

बच्चों की बेहतरी की उम्मीद

बेतरतीब से पड़े सामान और घर के अंदर से दिखता आसमान, घर की दयनीय दशा बयां कर रहा था. यहीं बगल में राम लगोरी भी रहती हैं. उनकी उम्मीदें भी मीरा की तरह ही हैं. उन्होंने कहा-

पाकिस्तान में अपने लिए ही कोई उम्मीद नहीं थी. हम भले ही अच्छी जिंदगी नहीं जी पाए, लेकिन अब हमारे बच्चों को अच्छी जिंदगी जरूर मिल जाएगी.

यहां हमें कुछ बच्चे भी खेलते दिखे. वहीं स्कूल जाने वाली एक बच्ची भी मिली. जिसने बताया कि दिल्ली सरकार के स्कूल में वो पढ़ाई करती है. दुनियादारी और सियासत के एहसास से दूर ये बच्चे भी भारत को अच्छा कहते सुने जा सकते हैं. इस अच्छाई की उनकी उम्मीद अब चिरस्थाई वास्तविकता में बदलने जा रही है.

नई दिल्ली: मजनू का टीला स्थित पाकिस्तानी शरणार्थियों की बस्ती में सैकड़ों पाकिस्तानी हिन्दू परिवार रहते हैं. इनमें से कोई 10 साल पहले आया था, तो कोई 5 साल पहले. राज्य सभा में नागरिकता संशोधन बिल पास हो जाने के बाद ईटीवी भारत ने शरणार्थियों से बात कर इनकी राय जाननी चाही.

'हमारे बच्चों को अच्छी जिंदगी मिलेगी'

इन्हीं में शामिल हैं, लेखराम. लेखराम 2010 में भारत आए थे. वे अपना पाकिस्तानी पासपोर्ट दिखाते हुए कहते हैं कि अब हम सीना ठोक कर कह सकेंगे कि हम भारतीय हैं.

'हम हैं हिंदुस्तानी'

लेखराम को अब तक हर साल अपना इमीग्रेशन सर्टिफिकेट रीन्यू कराना पड़ता था, लेकिन अब इससे भी छुटकारा मिलेगा और वे भारत में सुकून की जिंदगी जी सकेंगे. लेखराम जैसे सैकड़ों लोग हैं, यहां पर जिन्हें अब इस झंझट से आजादी मिलने वाली है. इसके साथ-साथ उन्हें उम्मीद है कि उनकी सुख सुविधाओं का अभाव भी कम हो पाएगा.

'सुधर जाएंगे हालात'

भारत में 5 साल से रह रहीं मीरा ने खुशी जताई कि अब उन्हें भारत की नागरिकता मिले जा रही है और इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद भी किया. मीरा का परिवार जिस झुग्गी में रहता है, वो कई जगह से टूटी हुई है. हम जब वहां पहुंचे, तब मीरा मिट्टी के चूल्हे पर लकड़ी की मदद से पानी गर्म कर रहीं थीं. मीरा को उम्मीद है कि पीएम मोदी उनकी बाकी समस्याएं भी खत्म कर देंगे.

बच्चों की बेहतरी की उम्मीद

बेतरतीब से पड़े सामान और घर के अंदर से दिखता आसमान, घर की दयनीय दशा बयां कर रहा था. यहीं बगल में राम लगोरी भी रहती हैं. उनकी उम्मीदें भी मीरा की तरह ही हैं. उन्होंने कहा-

पाकिस्तान में अपने लिए ही कोई उम्मीद नहीं थी. हम भले ही अच्छी जिंदगी नहीं जी पाए, लेकिन अब हमारे बच्चों को अच्छी जिंदगी जरूर मिल जाएगी.

यहां हमें कुछ बच्चे भी खेलते दिखे. वहीं स्कूल जाने वाली एक बच्ची भी मिली. जिसने बताया कि दिल्ली सरकार के स्कूल में वो पढ़ाई करती है. दुनियादारी और सियासत के एहसास से दूर ये बच्चे भी भारत को अच्छा कहते सुने जा सकते हैं. इस अच्छाई की उनकी उम्मीद अब चिरस्थाई वास्तविकता में बदलने जा रही है.

Intro:पाकिस्तान में अपना सब कुछ छोड़कर आए शरणार्थी भारत में कई वर्षों से सुख सुविधाओं के अभाव में जी रहे हैं. लेकिन अब जबकि उन्हें नागरिकता मिलने वाली है, उनकी उम्मीदें इसे लेकर भी बलवती हो गईं हैं कि सुख सुविधाओं का अभाव भी अब खत्म हो जाएगा.


Body:नई दिल्ली: मजनू का टीला स्थित पाकिस्तानी शरणार्थियों की बस्ती में सैकड़ों पाकिस्तानी हिन्दू परिवार रहते हैं. इनमें से कोई 10 साल पहले आया था, तो कोई 5 साल पहले. इन्हीं में शामिल हैं, लेखराम. लेखराम 2010 में भारत आए थे. वे अपना पाकिस्तानी पासपोर्ट दिखाते हुए कहते हैं कि अब हम सीना ठोक कर कह सकेंगे कि हम भारतीय हैं.

सीना ठोककर कहेंगे हिंदुस्तानी हैं

लेखराम को अब तक हर साल अपना इमीग्रेशन सर्टिफिकेट रिन्यू कराना पड़ता था, लेकिन अब इससे भी छुटकारा मिलेगा और वे भारत में सुकून की जिंदगी जी सकेंगे. लेखराम जैसे सैकड़ों लोग हैं, यहां पर जिन्हें अब इस झंझट से आजादी मिलने वाली है. लेकिन इसके साथ साथ क्या उन्हें उम्मीद है कि उनकी सुख सुविधाओं का अभाव भी कम हो पाएगा, इसे लेकर भी हमने कई लोगों से बातचीत की.

हालात भी सुधर जाएंगे

भारत में 5 साल से रह रहीं मीरा ने खुशी जताई कि अब उन्हें भारत की नागरिकता मिले जा रही है और इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी का धन्यवाद भी किया और उनसे यह भी उम्मीद पाली की कि वे इनकी अन्य समस्याएं भी दूर कर देंगे. मीरा का परिवार जिस झुग्गी में रहता है, वो कई जगह से टूटी हुई है. हम जब वहां पहुंचे, तब मीरा मिट्टी के चूल्हे पर लकड़ी की मदद से टिन के डब्बे में पानी गर्म कर रहीं थीं.

बच्चों की बेहतरी की उम्मीद

बेतरतीब से पड़े सामान और घर के अंदर से दिखता आसमान घर की दयनीय दशा बयां कर रहा था, लेकिन मीरा को उम्मीद है कि नागरिकता मिलने के साथ ही उनकी सब समस्याएं भी समाप्त हो जाएंगी. यहीं बगल में राम लगोरी भी रहती हैं, उनकी उम्मीदें भी मीरा की तरह ही हैं. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान में अपने लिए ही कोई उम्मीद नहीं थी, यहां पर इतना तो है कि हम भले अच्छी जिंदगी नहीं जी पाए, हमारे बच्चे अच्छी जिंदगी जरूर जिएंगे.


Conclusion:यहां हमें कुछ बच्चे भी खेलते दिखे, वहीं स्कूल जाने वाली एक बच्ची भी मिली, जिसने बताया कि दिल्ली सरकार के स्कूल में वो पढ़ाई करती है. दुनियादारी और सियासत के अहसास से दूर ये बच्चे भी भारत को अच्छा कहते सुने जा सकते हैं और इस अच्छाई की उनकी उम्मीद अब चिरस्थाई वास्तविकता में बदलने जा रही है.
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