नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार के खिलाफ केजरीवाल सरकार के ऐक्शन को दिल्ली भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने हताशा करार दिया है. सचदेवा ने बुधवार को कहा कि, "मुख्य सचिव नरेश कुमार के खिलाफ आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार की कार्रवाई हताशा से सामने आ रही है, क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी के शीर्ष नौकरशाह मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों के खिलाफ मामलों की जांच कर रहे हैं. हम दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार के खिलाफ दिल्ली सरकार और आम आदमी पार्टी की हताशा को अच्छी तरह से समझ सकते हैं क्योंकि वह शराब घोटाले और बंगला 'घोटाले' सहित मुख्यमंत्री या दिल्ली सरकार के मंत्रियों के खिलाफ विभिन्न मामलों की जांच कर रहे हैं."
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मुख्य सचिव के खिलाफ अरविंद केजरीवाल सरकार के अभियान के पीछे शराब और बंगला घोटाले की जांच का डर है।
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दिल्ली के लोग अच्छी तरह से समझते हैं कि मुख्य सचिव और वाई.वी.वी.जे. राजशेखर जैसे अधिकारियों के खिलाफ आम आदमी पार्टी का अभियान उन्हें जांच करने से रोकने के लिये है और जनता जानना… pic.twitter.com/DSCJCSzuH0
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— BJP Delhi (@BJP4Delhi) November 15, 2023
दिल्ली के लोग अच्छी तरह से समझते हैं कि मुख्य सचिव और वाई.वी.वी.जे. राजशेखर जैसे अधिकारियों के खिलाफ आम आदमी पार्टी का अभियान उन्हें जांच करने से रोकने के लिये है और जनता जानना… pic.twitter.com/DSCJCSzuH0मुख्य सचिव के खिलाफ अरविंद केजरीवाल सरकार के अभियान के पीछे शराब और बंगला घोटाले की जांच का डर है।
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दिल्ली के लोग अच्छी तरह से समझते हैं कि मुख्य सचिव और वाई.वी.वी.जे. राजशेखर जैसे अधिकारियों के खिलाफ आम आदमी पार्टी का अभियान उन्हें जांच करने से रोकने के लिये है और जनता जानना… pic.twitter.com/DSCJCSzuH0
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670 पन्नों की जांच रिपोर्ट में खुलासा: BJP का यह बयान दिल्ली की सतर्कता मंत्री आतिशी की उस जांच रिपोर्ट के बाद सामने आया है जिसमें भूमि अधिग्रहण के एक मामले में मुख्य सचिव नरेश कुमार की मिलीभगत होने का आरोप लगाया गया है. आतिशी ने जांच रिपोर्ट सीएम अरविंद केजरीवाल को सौंपी है. यह मामला नरेश कुमार के बेटे करण चौहान से जुड़ा है. सरकारी सूत्रों ने बताया कि, "670 पन्नों की इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हितधारकों को 897 करोड़ रुपये का अनुचित लाभ प्राप्त हुआ होगा."
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किस आधार पर ऐसे आरोप लगाए- नरेश: केजरीवाल सरकार के कदम पर दिल्ली के सचिव नरेश कुमार ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने पूछा है कि किस आधार पर ऐसे आरोप लगाए गए हैं, खासकर तब जबकि मुख्य सचिव ने पिछले साल यानी 2022 में ही कार्यभार संभाला था. रिपोर्ट की प्रति साझा नहीं की गई है. वहीं, आतिशी ने निष्पक्ष जांच के लिए मुख्य सचिव कुमार और संभागीय आयुक्त अश्विनी कुमार को उनके पदों से हटाने की सिफारिश की है.
अनुशासनात्मक कार्यवाही की सिफारिश: अपनी रिपोर्ट में, आतिशी ने नरेश कुमार (मुख्य सचिव) और अश्विनी कुमार (डिविजनल कमिश्नर) के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही की सिफारिश की. ''सतर्कता मंत्री ने मुख्यमंत्री को अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में नरेश कुमार को तत्काल हटाने की भी सिफारिश की और सूत्रों ने आगे कहा, अश्विनी कुमार (डिविजनल कमिश्नर) को उनके संबंधित पदों से हटा दिया जाए ताकि वे जांच को प्रभावित न करें.