नई दिल्ली : अगले साल होने वाले दिल्ली नगर निगम के प्रमुख चुनावों को लेकर सभी राजनीतिक दलों ने अपनी जमीन तैयार करना अभी से शुरू कर दिया है. इस बीच नॉर्थ एमसीडी में शासित भाजपा सरकार ने बीते दिनों दो बड़े फैसले लिये हैं. पहला नॉर्थ एमसीडी के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र में 50 वर्ग मीटर तक की सभी प्रकार की रिहायशी संपत्ति को कर मुक्त करने के प्रस्ताव को पारित किया है. वहीं ट्रेड लाइसेंस लेने को लेकर बढ़ाई गई 17 गुना तक की फीस को भी वापस ले लिया गया है.
इन दोनों ही फैसलों पर अब विपक्ष सवाल उठा रहा है. नेता विपक्ष और आप नेता विकास गोयल ने कहा कि भाजपा शासित निगम के यह फैसले आगामी निगम चुनावों को देखते हुए लिए गए हैं. यह दोनों ही फैसले सिर्फ ड्रामेबाजी और जुमलेबाजी हैं, इनका जमीनी स्तर पर कोई असर नहीं दिखने वाला है. उन्होंने बताया कि 50 वर्ग मीटर तक की रिहायशी संपत्ति पर संपत्ति कर माफ करने के प्रस्ताव को अभी तक कमिश्नर की मंजूरी नहीं मिली है और न ही नोटिफिकेशन आया है.
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वहीं कांग्रेस दल के नेता मुकेश गोयल का कहना है कि भाजपा शासित नगर निगम ने जब देखा कि ट्रेड लाइसेंस की फीस बढ़ाए जाने को लेकर हर तरफ से उनका विरोध हो रहा है और आगामी समय में चुनाव हैं. ऐसे में बीजेपी ने अपने निजी फायदे को देखते हुए और वोट बटोरने के लिये ट्रेड लाइसेंस की फीस वापस ली और 50 वर्ग मीटर तक की रिहायशी संपत्ति पर संपत्ति कर पूर्ण तरीके से माफ कर दिया है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने अपने पैरों के नीचे से खिसकते जनाधार की जमीन को बचाने के लिए उठाए हैं.