नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में 2 करोड़ से अधिक जनसंख्या में करीब डेढ़ करोड़ मतदाता हैं. इसकी जानकारी दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. रणबीर सिंह ने दी. उन्होंने बताया कि मतदाता सूची का विशेष सारांश संशोधन एक जनवरी 2023 योग्यता तिथि के रूप में दिल्ली में पूरा कर लिया गया है. आज प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची राजधानी के मतदाताओं में महत्वपूर्ण विकास को दर्शाती है. जैसे दिल्ली की मतदाता सूची में 85,545 मतदाताओं की शुद्ध वृद्धि देखी गई, जिसमें 42,275 पुरुष मतदाता और 43,178 महिला मतदाता और 92 ट्रांस जेंडर मतदाता शामिल हैं.
डॉ. रणबीर सिंह ने बताया कि अंतिम मतदाता सूची में पंजीकृत मतदाताओं का लिंग अनुपात बढ़कर 838 हो गया है, जो सभी के लिए अधिक समान अवसरों की दिशा में प्रगति का संकेत है. विशेष सारांश संशोधन के दौरान संभावित मतदाता जागरुकता के लिए की गई विभिन्न स्वीप गतिविधियां हमारे लोकतंत्र को मजबूत करने में फायदेमंद साबित हुई. उन्होंने कहा कि आज जारी अंतिम मतदाता सूची में मतदाताओं की कुल संख्या 1,47,76,301 है, जिसमें 80,38,676 पुरुष और 67,36,470 महिला और 1,155 तीसरे जेंडर मतदाता हैं.
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डेटा पर एक नजरः निर्वाचन आयोग द्वारा जारी डाटा के अनुसार, 5 जनवरी 2022 तक दिल्ली की कुल जनसंख्या 2,09,24,629 1 थी और 1,48,99,159 कुल मतदाता थे. गुरुवार को जारी नया डाटा के अनुसार, 5 जनवरी 2023 तक दिल्ली की कुल जनसंख्या 2,13,26,382 है और मतदाता 1,47,76,301 है. अगर आंकड़ों पर गौर करें तो साल 2022 में पुरुष मददाता 81,38,593, महिला मतदाता 67,59,534, थर्ड जेंडर मतदाता 1032, सेवा मतदाता 12116, 18 से 19 साल के मतदाता 115146, पीडब्ल्यूडी मतदाता 55581 रही. वहीं, 5 जनवरी 2023 तक पुरुष मतदाता 80,38,676, महिला मतदाता 67,36,470, थर्ड जेंडर मतदाता 1155, सेवा मतदाता, 12,042, 18 से 19 साल के मतदाता 1,34,076, पीडब्ल्यूडी मतदाता 73,724 हैं.
तीसरे जेंडर को पहचानेंः दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. रणबीर सिंह ने कहा कि यह आंकड़ा विशेष रूप से तीसरे जेंडर को पहचानने और उन्हें समान अधिकार और मतदान विशेषाधिकारों के साथ सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण है. सितंबर-अक्टूबर 2022 में विशेष सारांश पुनरीक्षण-2023 के लिए पूर्व संशोधन गतिविधि के रूप में मतदान केंद्रों के युक्तीकरण का एक विस्तृत अभ्यास भी किया गया था ताकि मौजूदा मतदान केंद्रों को कम किया जा सके और मतदाताओं की कम संख्या वाले मतदान केंद्रों को मर्ज किया जा सके. इस कवायद के परिणामस्वरूप मतदान केंद्रों की संख्या 13820 से घटकर 13649 हो गई है और मतदान केंद्रों की संख्या 2684 से घटकर 2656 हो गई है.
जागरुकता पैदा करने और पात्र नागरिकों को मतदाताओं के रूप में पंजीकरण करने के लिए प्रेरित करने के लिए एसएसआर-2023 के दौरान स्वीप गतिविधियां की गईं. 17+ आयु वर्ग में संभावित मतदाताओं पर विशेष ध्यान देने के साथ मतदाता पंजीकरण के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए आउटडोर मीडिया/इलेक्ट्रॉनिक मीडिया जैसे एफएम, इंटरनेट और डिजिटल स्क्रीन के माध्यम से मल्टीमीडिया अभियान शुरू किया गया था. सभी जिलों द्वारा आउटरीच गतिविधियों जैसे नुक्कड़ नाटक, मुनादी आदि का आयोजन किया गया.
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