नई दिल्लीः दिल्ली हिंसा मामले में गिरफ्तार जेएनयू के पूर्व छात्र नेता उमर खालिद और शरजील इमाम को आज यूएपीए के तहत दर्ज मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये पेश किया गया. आज उमर खालिद ने कोर्ट से कहा कि उसे अपने सेल से बाहर निकलने और किसी से बात करने की अनुमति नहीं दी जाती है. उसके बाद कोर्ट ने कल यानि 23 अक्टूबर को जेल सुपरिंटेंडेंट को कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान आज जब वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये उमर खालिद पेश हुआ, तो उसने कोर्ट से शिकायत की कि मुझे अपने सेल से बाहर जाने की अनुमति नहीं दी जाती है और किसी को मुझसे बात करने की इजाजत नहीं दी जाती है. यह एकांत कारावास जैसा है. उमर खालिद ने कहा कि जब जेल सुपरिंटेंडेंट मुझसे मिले तो मैंने उनसे शिकायत की. उसके बाद उन्होंने मुझे दस मिनट के लिए निकलने की अनुमति दी और जब जेल सुपरिंटेंडेंट वापस चले गए तो मुझे फिर सेल में भेज दिया गया. उमर ने कहा कि मुझे सुरक्षा चाहिए लेकिन इस तरह की नहीं कि मैं बाहर भी नहीं निकल सकूं.
जेल सुपरिंटेंडेंट तलब
उमर खालिद की शिकायत के बाद कोर्ट ने जेल सुपरिंटेंडेंट को 23 अक्टूबर को पेश होने का निर्देश दिया. तब उमर खालिद के वकील ने कहा कि कहीं ऐसा नहीं हो कि कोर्ट में शिकायत करने का खामियाजा उमर खालिद को भुगतना पड़े. इसलिए इसे आज के आदेश में लिखवाएं. तब कोर्ट ने कहा कि आप कोर्ट पर भरोसा रखें, हमने कई आदेश पारित किए हैं जिसमें कहा गया है कि अगर विचाराधीन कैदी कोई शिकायत करता है तो उसे सजा मत दें.
30 दिनों की न्यायिक हिरासत बढ़ाने की मांग
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से वकील अमित प्रसाद ने कहा कि उन्होंने उमर खालिद, शरजील इमाम और फैजान खान की न्यायिक हिरासत अवधि तीस दिनों के लिए बढ़ाने के लिए अर्जी दाखिल किया है. तब कोर्ट ने कहा कि मैं फाइल देखे बिना तीस दिनों तक की न्यायिक हिरासत की अवधि नहीं बढ़ा सकता हूं. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा कि आप ये अर्जी आरोपियों के वकीलों को भी मेल कर दीजिए. उसके बाद कोर्ट ने शरजील इमाम, उमर खालिद और फैजान खान के मामले पर 23 अक्टूबर को सुनवाई करने का आदेश दिया.
'यूएपीए के तहत लगाए गए आरोप गलत'
आज उमर खालिद की न्यायिक हिरासत की अवधि खत्म हो रही थी. पिछले 24 सितंबर को कोर्ट ने उमर खालिद को आज तक की न्यायिक हिरासत में भेजा था. पिछले 14 सितंबर को कोर्ट ने उमर खालिद को 24 सितंबर तक की पुलिस हिरासत में भेजा था. सुनवाई के दौरान उमर खालिद की ओर वकील त्रिदिप पेस ने कहा था कि उसे झूठे तरीके से फंसाया गया है. दिल्ली में हुए दंगों के दौरान वह दिल्ली में नहीं था.
दिल्ली दंगों के दौरान उसने केवल एक जगह अमरावती में भाषण दिया था. उमर खालिद की ओर से कहा गया था कि वो पोपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया का सदस्य नहीं है. उमर खालिद ने कहा था कि उसके भाषणों का गलत मतलब निकाला गया. खालिद के वकील ने कहा था कि इस बात के कोई प्रमाण नहीं हैं कि उसने दिल्ली दंगाईयों को धन मुहैया कराया. खालिद ने कहा था कि उसके खिलाफ यूएपीए के तहत लगाए गए आरोप गलत हैं.
13 सितंबर को गिरफ्तार किया गया था
बता दें कि उमर खालिद को 13 सितंबर को करीब दस घंटे की पूछताछ के बाद स्पेशल सेल ने रात में गिरफ्तार कर लिया था. पिछले 17 सितंबर को कोर्ट ने दिल्ली दंगों को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से दायर चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. 16 सितंबर को स्पेशल सेल करीब 18 हजार पन्नों का चार्जशीट लेकर दो बक्सों में पहुंची थी.