नई दिल्ली: दिल्ली में आयोजित भव्य कार्यक्रम जश्न-ए-रेख्ता का रविवार को समापन हुआ. जश्न-ए-रेख्ता उर्दू भाषियों के लिए एक बेहतरीन मंच है. हर बार की तरह इस बार भी जश्न-ए-रेख्ता में कुछ विशेष स्टॉल्स लगाए गए. 'पुरानी दिल्ली के लोगों की मन की बात' नाम के स्टॉल पर मिर्जा ग़ालिब की पुरानी तस्वीरों, बिल्लों, बेग आदि सामनों की खूब बिक्री हुई. इंडिया गेट स्थित मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम में आयोजित "जश्न ए रेख्ता" का आयोजन किया गया.
पुरानी दिल्ली उर्दू बोलने वालों का गढ़: स्टॉल के ओनर और दिल्ली यूथ वेलफेयर एसोसिएशन के सदस्य खलील अहमद ने बताया कि उनका एक वेब पेज है, जिसका नाम पुरानी दिल्ली के लोगों की मन की बात है. इसको लगभग 2 लाख लोग फॉलो करते हैं. पुरानी दिल्ली उर्दू बोलने और सुनने वालों का गढ़ है. उर्दू के प्रचार के लिए इस स्टॉल पर विशेष चीजे लेकर आते हैं ताकि लोगों में उर्दू की दिलचस्पी बनी रहे. एक आधुनिक तरीके से यह चीज़े लोगों के इस्तेमाल में आ सकें. फिलहाल यहां सब से ज्यादा लोगों का झुकाव उर्दू में नाम लिखवाने का नज़र आया. ऐसा इसलिए है क्योंकि लोग उर्दू को पसंद तो करते हैं है लेकिन पढ़ते नहीं है.
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लुप्त होती संस्कृतियों के लिए सजग: स्टॉल पर मौजूद सिंदर मिर्ज़ा चंगेजी ने बताया कि हमने अपना स्टाल दिल्ली की तहज़ीब और लुप्त होती संस्कृतियों को सजग रहने के लिए लगाया है. खास तौर पर केलीग्राफी को यहां बनाया जा रहा है. मिर्ज़ा ग़ालिब के पोस्टर हैं, जिसमें उनके शेर लिखे हुए हैं. इसके अलावा बैच हैं, जिसमें मशहूर शेर लिखे हुए हैं. स्टॉल में मुग़ल शासन की कई पुरानी तस्वीरों को भी लगाया गया है. वहीं कई मशहूर उर्दू कवियों के छात्रों को भी इस बार लाया गया है.
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