नई दिल्ली: गाड़ियों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट और कलर कोडेड स्टीकर को लेकर दिल्ली सरकार का अभियान लगातार जारी है. इसे लेकर रोजाना 250-300 चालान किए जा रहे हैं. सरकार इसे लेकर एक दुरुस्त सिस्टम का दावा कर रही है. हालांकि लोगों को इस सिस्टम में परेशानियां हो रही हैं.
'चालानों को तुरंत किया जाए बंद'
ओला-उबर कंपनियों के तहत गाड़ियां चलाने वाले लोगों की यूनियन सर्वोदय ड्राइवर एसोसिएशन ने मांग की है कि सरकार का सिस्टम दुरुस्त नहीं है. इसलिए इसके लिए कट रहे चालानों को तुरंत बंद कर देना चाहिए.
ईटीवी भारत से खास बातचीत में सर्वोदय ड्राइवर एसोसिएशन के अध्यक्ष कमलजीत गिल ने कहा कि इससे जुड़ी एक नहीं कई परेशानियां हैं. वो कहते हैं कि सरकार का सिस्टम ठीक नहीं है. ऑनलाइन अपॉइंटमेंट नहीं मिल रहा है.
पहले जो प्लेट 250 रुपये की होती थी, उसे अब 2 हजार का कर दिया गया है. हजारों लोग हैं, एकदम से प्लेट और स्टीकर नहीं लगवाए जा सकते.वो बताते हैं कि पिछले दिनीं ही उन्होंने इसको लेकर एक विरोध प्रदर्शन भी निकाला है. वो आरोप लगाते हैं कि ये सब पैसे ऐंठने का तरीका है.
आर्थिक तंगी के बीच कैसे भरें चालान
कोरोना से निकलने के बाद लोगों के पास इतने पैसे नहीं हैं कि चालान राशि भुगती जाए. ऐसे में इसपर तुरंत रोक लगानी चाहिए. गाड़ियों पर हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट और कलर कोडेड स्टीकर नहीं होने के चलते राजधानी दिल्ली में चार पहिया वाहनों के चालान हो रहे हैं.
परिवहन विभाग की इंफोर्समेंट विंग लगातार इसमें कार्रवाई कर रही है. दिल्ली हाई कोर्ट पहले ही सरकार से इसमें थोड़ी और मोहलत देने की बात कह चुका है. वाहनों चालकों की भी अब यही मांग है.