नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय में तीन साल बाद छात्रसंघ चुनाव होने जा रहे हैं, जिसके लिए चुनाव प्रचार गुरुवार सुबह थम गया. इस दौरान छात्र संगठनों, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) और नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) की तरफ से एक दूसरे पर जमकर आरोप लगाया गया.
कांग्रेस मुख्यालय पर आयोजित प्रेस वार्ता में एनएसयूआई अध्यक्ष नीरज कुंदन ने प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि एबीवीपी की उत्पात मचाने वाले तमाम वीडियो आदि मौजूद होने के बावजूद भी पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है. प्रशासन ने एबीवीपी पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की है.
विश्वविद्यालय प्रशासन पर लगाया आरोप: वहीं, एनएसयूआई के प्रभारी कन्हैया कुमार ने कहा कि एबीवीपी के कार्यकर्ता पूर्वांचल, पूर्वोत्तर व दक्षिण भारत के छात्रों को डरा रहे हैं और विश्वविद्यालय के शिक्षकों के साथ बदतमीजी कर रहे हैं, जिससे पूरी दुनिया में दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रतिष्ठा कलंकित हो रही है. इतना ही नहीं, उन्होंने विश्वविद्यालय प्रशासन पर भी एबीवीपी का साथ देने का आरोप लगाया. साथ ही उन्होंने कहा कि इस साल का छात्रसंघ चुनाव जीतने का दावा करते हुए कहा कि एनएसयूआई द्वारा विश्वविद्यालय के छात्रों की समस्याओं को दूर किया जाएगा.
महिलाओं की रहेगी अहम भूमिका: शुक्रवार को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रसंघ चुनाव के लिए मतदान किया जाएगा. इसके बाद शनिवार को विजयी प्रत्याशी के नाम की घोषणा की जाएगी. कहा जा रहा है कि इस बार के छात्रसंघ चुनाव में महिला मतदाता अहम भूमिका निभाएंगी क्योंकि विश्वविद्यालय में छात्रों के मुकाबले छात्राओं का प्रवेश अधिक हुआ है.
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