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ट्रैफिक चालान भरने के लिए नहीं जाना होगा कोर्ट, एक क्लिक पर होगा समाधान - Virtual Court

मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रुचि अग्रवाल इस वर्चुअल कोर्ट की पहली जज होंगी. जस्टिस मदन बी. लोकुर ने बताया कि तकनीक का इस्तेमाल कर यह वर्चुअल कोर्ट बनाई गई है. इसके जरिए लगभग 20 जजों का काम अकेले एक जज अपने कंप्यूटर के डेस्कटॉप पर बैठकर कर सकेंगे.

ट्रैफिक चालान भरने के लिए नहीं जाना होगा कोर्ट
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Published : Jul 27, 2019, 8:53 AM IST

नई दिल्ली: ट्रैफिक चालान भरने के लिए अब आपको दिल्ली की अदालतों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. आप घर बैठे वर्चुअल कोर्ट से किये गए जुर्माने का ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे.

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ट्रैफिक चालान भरने के लिए नहीं जाना होगा कोर्ट

रुचि अग्रवाल कोर्ट की पहली जज होंगी
तीस हजारी कोर्ट में आयोजित कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी. लोकुर और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डी.एन पटेल ने इसका उद्घाटन किया. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रुचि अग्रवाल इस वर्चुअल कोर्ट की पहली जज होंगी. जस्टिस मदन बी लोकुर के अनुसार यह वर्चुअल कोर्ट ना अकेले दिल्ली बल्कि देश की पहली ऐसी कोर्ट है, जिसमें ऑनलाइन ट्रैफिक चालान का निपटारा किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि कुछ माह पहले दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एक अभियान चलाया था. इसके बाद रोजाना लगभग 1500 ट्रैफिक चालान कोर्ट में आने लगे थे. इसके चलते काफी संख्या में लोगों को भी परेशानी हो रही थी. वहीं दूसरी तरफ काफी जजों को भी इन चालान का निपटारा करने के लिए लगाया गया.

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सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी. लोकुर और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डी.एन पटेल ने वर्चुअल कोर्ट का किया उद्घाटन

'एक जज करेंगे 20 जजों के काम'
जस्टिस मदन बी. लोकुर ने बताया कि इस परेशानी को ध्यान में रखते हुए तकनीक का इस्तेमाल कर यह वर्चुअल कोर्ट बनाई गई है. इसके जरिए लगभग 20 जजों का काम अकेले एक जज अपने कंप्यूटर के डेस्कटॉप पर बैठकर कर सकेंगे. वर्चुअल कोर्ट के जरिए चालान पर ऑनलाइन जुर्माना लगाया जाएगा. ऑनलाइन ही इसकी पेमेंट जमा हो जाएगी. उन्होंने बताया कि कंप्यूटर जज को यह जानकारी देगा कि ट्रैफिक का नियम तोड़ने वाले ने इससे पहले कितनी बार ऐसा किया है. इसकी वजह से जुर्माने की राशि को बढ़ाया भी जा सकता है.

ट्रैफिक चालान भरने के लिए नहीं जाना होगा कोर्ट

डेढ़ लाख से ज्यादा मामले निपटायेगी वर्चुअल कोर्ट
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल के अनुसार वर्चुअल कोर्ट में ट्रैफिक पुलिस द्वारा किए गए डिजिटल चालान की जानकारी तुरंत जज के कंप्यूटर पर सामने होगी. वहीं जिस शख्स का चालान किया जाएगा, उसके मोबाइल पर इसका मैसेज जाएगा. जज के पास यह अधिकार होगा कि वह अधिकतम जुर्माना लगा सकते हैं. इस जुर्माने का मैसेज उस शख्स के पास जाएगा जिसका चालान किया गया है. उसमें मौजूद लिंक पर क्लिक कर वह ऑनलाइन पेमेंट कर पाएंगे और उनके चालान का निपटारा हो जाएगा.


उन्होंने बताया कि रोजाना दिल्ली की कोर्ट में लगभग1200 चालान ट्रैफिक के आते हैं. पूरे साल में लगभग 4.38 लाख चालान कोर्ट में आते हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से लगभग डेढ़ लाख चालान का निपटारा ऑनलाइन हो जाएगा. उन्होंने बताया कि केवल ऐसे मामले वर्चुअल कोर्ट के पास नहीं जाएंगे जिसमें गाड़ी जप्त की गई हो.

चालान भरने की पहले थी यह व्यवस्था
जानकारी के अनुसार अगर कोई शख्स मौके पर अपना चालान नहीं भरता है तो उसका कोर्ट का चालान किया जाता है. पहले उसे अदालत के समक्ष तय तारीख पर पेश होना पड़ता था. वहां जज उसके ऊपर जुर्माना तय करते थे. यह जुर्माना भरने के बाद उसके चालान का निपटारा हो जाता था. इसमें उसके आने-जाने के साथ ही पूरा दिन भी खराब होता था.

अब होगी यह व्यवस्था
अगर कोई मौके पर चालान नहीं भरता है तो इसकी जानकारी ट्रैफिक पुलिस की तरफ से वर्चुअल कोर्ट को चली जायेगी. वर्चुअल कोर्ट इस पर जुर्माना तय करेगा जो वाहन चालक के पास मैसेज के जरिये चला जायेगा. इस मैसेज पर मिले लिंक के जरिये वह अपने जुर्माने का भुगतान ऑनलाइन करेगा तो उसके मामले का निपटारा हो जाएगा. इसकी रसीद भी उसे ऑनलाइन मिल जाएगी. यह सुविधा 24×7 उपलब्ध रहेगी. वहीं अगर वह भुगतान नहीं करेगा तो उसे अदालत जाना पड़ेगा.

नई दिल्ली: ट्रैफिक चालान भरने के लिए अब आपको दिल्ली की अदालतों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. आप घर बैठे वर्चुअल कोर्ट से किये गए जुर्माने का ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे.

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ट्रैफिक चालान भरने के लिए नहीं जाना होगा कोर्ट

रुचि अग्रवाल कोर्ट की पहली जज होंगी
तीस हजारी कोर्ट में आयोजित कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी. लोकुर और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डी.एन पटेल ने इसका उद्घाटन किया. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रुचि अग्रवाल इस वर्चुअल कोर्ट की पहली जज होंगी. जस्टिस मदन बी लोकुर के अनुसार यह वर्चुअल कोर्ट ना अकेले दिल्ली बल्कि देश की पहली ऐसी कोर्ट है, जिसमें ऑनलाइन ट्रैफिक चालान का निपटारा किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि कुछ माह पहले दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एक अभियान चलाया था. इसके बाद रोजाना लगभग 1500 ट्रैफिक चालान कोर्ट में आने लगे थे. इसके चलते काफी संख्या में लोगों को भी परेशानी हो रही थी. वहीं दूसरी तरफ काफी जजों को भी इन चालान का निपटारा करने के लिए लगाया गया.

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सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी. लोकुर और हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डी.एन पटेल ने वर्चुअल कोर्ट का किया उद्घाटन

'एक जज करेंगे 20 जजों के काम'
जस्टिस मदन बी. लोकुर ने बताया कि इस परेशानी को ध्यान में रखते हुए तकनीक का इस्तेमाल कर यह वर्चुअल कोर्ट बनाई गई है. इसके जरिए लगभग 20 जजों का काम अकेले एक जज अपने कंप्यूटर के डेस्कटॉप पर बैठकर कर सकेंगे. वर्चुअल कोर्ट के जरिए चालान पर ऑनलाइन जुर्माना लगाया जाएगा. ऑनलाइन ही इसकी पेमेंट जमा हो जाएगी. उन्होंने बताया कि कंप्यूटर जज को यह जानकारी देगा कि ट्रैफिक का नियम तोड़ने वाले ने इससे पहले कितनी बार ऐसा किया है. इसकी वजह से जुर्माने की राशि को बढ़ाया भी जा सकता है.

ट्रैफिक चालान भरने के लिए नहीं जाना होगा कोर्ट

डेढ़ लाख से ज्यादा मामले निपटायेगी वर्चुअल कोर्ट
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल के अनुसार वर्चुअल कोर्ट में ट्रैफिक पुलिस द्वारा किए गए डिजिटल चालान की जानकारी तुरंत जज के कंप्यूटर पर सामने होगी. वहीं जिस शख्स का चालान किया जाएगा, उसके मोबाइल पर इसका मैसेज जाएगा. जज के पास यह अधिकार होगा कि वह अधिकतम जुर्माना लगा सकते हैं. इस जुर्माने का मैसेज उस शख्स के पास जाएगा जिसका चालान किया गया है. उसमें मौजूद लिंक पर क्लिक कर वह ऑनलाइन पेमेंट कर पाएंगे और उनके चालान का निपटारा हो जाएगा.


उन्होंने बताया कि रोजाना दिल्ली की कोर्ट में लगभग1200 चालान ट्रैफिक के आते हैं. पूरे साल में लगभग 4.38 लाख चालान कोर्ट में आते हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से लगभग डेढ़ लाख चालान का निपटारा ऑनलाइन हो जाएगा. उन्होंने बताया कि केवल ऐसे मामले वर्चुअल कोर्ट के पास नहीं जाएंगे जिसमें गाड़ी जप्त की गई हो.

चालान भरने की पहले थी यह व्यवस्था
जानकारी के अनुसार अगर कोई शख्स मौके पर अपना चालान नहीं भरता है तो उसका कोर्ट का चालान किया जाता है. पहले उसे अदालत के समक्ष तय तारीख पर पेश होना पड़ता था. वहां जज उसके ऊपर जुर्माना तय करते थे. यह जुर्माना भरने के बाद उसके चालान का निपटारा हो जाता था. इसमें उसके आने-जाने के साथ ही पूरा दिन भी खराब होता था.

अब होगी यह व्यवस्था
अगर कोई मौके पर चालान नहीं भरता है तो इसकी जानकारी ट्रैफिक पुलिस की तरफ से वर्चुअल कोर्ट को चली जायेगी. वर्चुअल कोर्ट इस पर जुर्माना तय करेगा जो वाहन चालक के पास मैसेज के जरिये चला जायेगा. इस मैसेज पर मिले लिंक के जरिये वह अपने जुर्माने का भुगतान ऑनलाइन करेगा तो उसके मामले का निपटारा हो जाएगा. इसकी रसीद भी उसे ऑनलाइन मिल जाएगी. यह सुविधा 24×7 उपलब्ध रहेगी. वहीं अगर वह भुगतान नहीं करेगा तो उसे अदालत जाना पड़ेगा.

Intro:पहले बोलने वाले सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त जज मदन बी लोकुर की है। बाद वाले हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल हैं.
नई दिल्ली
ट्रैफिक चालान भरने के लिए अब आपको दिल्ली की अदालतों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. आप घर बैठे वर्चुअल कोर्ट से किये गए जुर्माने का ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे. तीस हजारी कोर्ट में आयोजित कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस मदन बी. लोकुर और हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डी.एन पटेल ने इसका उद्घाटन किया. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रुचि अग्रवाल इस वर्चुअल कोर्ट की पहली जज होंगी.


Body:जस्टिस मदन बी लोकुर के अनुसार यह वर्चुअल कोर्ट ना अकेले दिल्ली बल्कि देश की पहली ऐसी कोर्ट है जिसमें ऑनलाइन ट्रैफिक चालान का निपटारा किया जाएगा. उन्होंने बताया कि कुछ माह पहले दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने एक अभियान चलाया था. इसके बाद रोजाना लगभग 1500 ट्रैफिक चालान कोर्ट में आने लगे थे. इसके चलते काफी संख्या में लोगों को भी परेशानी हो रही थी. वहीं दूसरी तरफ काफी जजों को भी इन चालान का निपटारा करने के लिए लगाया गया.




एक जज करेंगे 20 जजों के काम
जस्टिस मदन बी. लोकुर ने बताया कि इस परेशानी को ध्यान में रखते हुए तकनीक का इस्तेमाल कर यह वर्चुअल कोर्ट बनाई गई है. इसके जरिए लगभग 20 जजों का काम अकेले एक जज अपने कंप्यूटर के डेस्कटॉप पर बैठकर कर सकेंगे. वर्चुअल कोर्ट के जरिए चालान पर ऑनलाइन जुर्माना लगाया जाएगा. ऑनलाइन ही इसकी पेमेंट जमा हो जाएगी. उन्होंने बताया कि कंप्यूटर जज को यह जानकारी देगा कि ट्रैफिक का नियम तोड़ने वाले ने इससे पहले कितनी बार ऐसा किया है. इसकी वजह से जुर्माने की राशि को बढ़ाया भी जा सकता है.


डेढ़ लाख से ज्यादा मामले निपटायेगी वर्चुअल कोर्ट
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल के अनुसार वर्चुअल कोर्ट में ट्रैफिक पुलिस द्वारा किए गए डिजिटल चालान की जानकारी तुरंत जज के कंप्यूटर पर सामने होगी. वहीं जिस शख्स का चालान किया जाएगा, उसके मोबाइल पर इसका मैसेज जाएगा. जज के पास यह अधिकार होगा कि वह अधिकतम जुर्माना लगा सकते हैं. इस जुर्माने का मैसेज उस शख्स के पास जाएगा जिसका चालान किया गया है. उसमें मौजूद लिंक पर क्लिक कर वह ऑनलाइन पेमेंट कर पाएंगे और उनके चालान का निपटारा हो जाएगा. उन्होंने बताया कि रोजाना दिल्ली की कोर्ट में लगभग 1200 चालान ट्रैफिक के आते हैं. पूरे साल में लगभग 4.38 लाख चालान कोर्ट में आते हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि इस वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से लगभग डेढ़ लाख चालान का निपटारा ऑनलाइन हो जाएगा. उन्होंने बताया कि केवल ऐसे मामले वर्चुअल कोर्ट के पास नहीं जाएंगे जिसमें गाड़ी जप्त की गई हो.





Conclusion:चालान भरने की पहले थी यह व्यवस्था
जानकारी के अनुसार अगर कोई शख्स मौके पर अपना चालान नहीं भरता है तो उसका कोर्ट का चालान किया जाता है. पहले उसे अदालत के समक्ष तय तारीख पर पेश होना पड़ता था. वहां जज उसके ऊपर जुर्माना तय करते थे. यह जुर्माना भरने के बाद उसके चालान का निपटारा हो जाता था. इसमें उसके आने-जाने के साथ ही पूरा दिन भी खराब होता था.

अब होगी यह व्यवस्था
अगर कोई मौके पर चालान नहीं भरता है तो इसकी जानकारी ट्रैफिक पुलिस की तरफ से वर्चुअल कोर्ट को चली जायेगी. वर्चुअल कोर्ट इस पर जुर्माना तय करेगा जो वाहन चालक के पास मैसेज के जरिये चला जायेगा. इस मैसेज पर मिले लिंक के जरिये वह अपने जुर्माने का भुगतान ऑनलाइन करेगा तो उसके मामले का निपटारा हो जाएगा. इसकी रसीद भी उसे ऑनलाइन मिल जाएगी. यह सुविधा 24×7 उपलब्ध रहेगी. वहीं अगर वह भुगतान नहीं करेगा तो उसे अदालत जाना पड़ेगा.
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