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हरियाणा DGP केस: खट्टर सरकार और UPSC को नोटिस जारी

हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव की नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार और यूपीएससी को नोटिस जारी जवाब मांगा है.

खट्टर सरकार और UPSC को नोटिस जारी
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Published : Apr 12, 2019, 1:15 PM IST

नई दिल्ली: हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव की नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार और यूपीएससी को नोटिस जारी जवाब मांगा है. जस्टिस सुरेश कैत ने 11 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. जस्टिस सुरेश कैत की बेंच ने डीजीपी मनोज यादव को भी नोटिस जारी किया है.

आईपीएस अधिकारी ने दायर की याचिका
सुनवाई के दौरान संघ लोक सेवा आयोग के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता ने गलत फोरम में याचिका दाखिल की है. उन्हें सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्युनल का दरवाजा खटखटाना चाहिए था क्योंकि उसे सर्विस मामलों पर देश भर के मामलों की सुनवाई का अधिकार है. आईपीएस अधिकारी प्रभात रंजन देव ने याचिका दायर की है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

सीनियरिटी के नियमों का उल्लंघन
उनका कहना है कि वे वरिष्ठतम आईपीएस अफसर हैं और मनोज यादव से वरिष्ठ हैं. प्रभात रंजन देव की ओर से वकील ऐश्वर्या सिन्हा ने कहा कि मनोज यादव की नियुक्ति यूपीएससी की सीनियरिटी के नियमों का उल्लंघन करता है. उन्होंने डीजीपी की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट के प्रकाश सिंह केस के फैसले में तय सिद्धांतों के उल्लंघन का आरोप लगाया है.

डीजीपी के पद की लड़ाई
याचिका में कहा गया है कि प्रभात रंजन देव 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और उन्हें हरियाणा कैडर दिया गया था. उनका सर्विस रिकॉर्ड विशिष्ट रहा है और उन्हें 2006 में पुलिस मेडल और 2013 में राष्ट्रपति पुलिस मेडल से सम्मानित किया जा चुका है. उन्होंने 33 साल सेवा की है और वे सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के मुताबिक हरियाणा के डीजीपी पद के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार हैं.

नई दिल्ली: हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव की नियुक्ति के खिलाफ दायर याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार और यूपीएससी को नोटिस जारी जवाब मांगा है. जस्टिस सुरेश कैत ने 11 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. जस्टिस सुरेश कैत की बेंच ने डीजीपी मनोज यादव को भी नोटिस जारी किया है.

आईपीएस अधिकारी ने दायर की याचिका
सुनवाई के दौरान संघ लोक सेवा आयोग के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता ने गलत फोरम में याचिका दाखिल की है. उन्हें सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्युनल का दरवाजा खटखटाना चाहिए था क्योंकि उसे सर्विस मामलों पर देश भर के मामलों की सुनवाई का अधिकार है. आईपीएस अधिकारी प्रभात रंजन देव ने याचिका दायर की है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

सीनियरिटी के नियमों का उल्लंघन
उनका कहना है कि वे वरिष्ठतम आईपीएस अफसर हैं और मनोज यादव से वरिष्ठ हैं. प्रभात रंजन देव की ओर से वकील ऐश्वर्या सिन्हा ने कहा कि मनोज यादव की नियुक्ति यूपीएससी की सीनियरिटी के नियमों का उल्लंघन करता है. उन्होंने डीजीपी की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट के प्रकाश सिंह केस के फैसले में तय सिद्धांतों के उल्लंघन का आरोप लगाया है.

डीजीपी के पद की लड़ाई
याचिका में कहा गया है कि प्रभात रंजन देव 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और उन्हें हरियाणा कैडर दिया गया था. उनका सर्विस रिकॉर्ड विशिष्ट रहा है और उन्हें 2006 में पुलिस मेडल और 2013 में राष्ट्रपति पुलिस मेडल से सम्मानित किया जा चुका है. उन्होंने 33 साल सेवा की है और वे सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के मुताबिक हरियाणा के डीजीपी पद के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार हैं.

Intro:नई दिल्ली । हरियाणा के डीजीपी के पद पर मनोज यादव की नियुक्ति को चुनौती देनेवाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने संघ लोक सेवा आयोग और हरियाणा सरकार से जवाब तलब किया है। जस्टिस सुरेश कैत ने 11 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। जस्टिस सुरेश कैत की बेंच ने डीजीपी मनोज यादव को भी नोटिस जारी किया है।


Body:आज सुनवाई के दौरान संघ लोक सेवा आयोग के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता ने गलत फोरम में याचिका दाखिल की है। उन्हें सेंट्रल एडमिनिस्ट्रेटिव ट्रिब्युनल का दरवाजा खटखटाना चाहिए था क्योंकि उसे सर्विस मामलों पर देश भर के मामलों की सुनवाई का अधिकार है।

आईपीएस अधिकारी प्रभात रंजन देव ने याचिका दायर की है। उनका कहना है कि वे वरिष्ठतम आईपीएस अफसर हैं और मनोज यादव से वरिष्ठ हैं। प्रभात रंजन देव की ओर से वकील ऐश्वर्या सिन्हा ने कहा कि मनोज यादव की नियुक्ति यूपीएससी की सीनियरिटी के नियमों का उल्लंघन करता है। उन्होंने डीजीपी की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट के प्रकाश सिंह केस के फैसले में तय सिद्धांतों के उल्लंघन का आरोप लगाया है।



Conclusion:याचिका में कहा गया है कि प्रभात रंजन देव 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं और उन्हें हरियाणा कैडर दिया गया था। उनका सर्विस रिकॉर्ड विशिष्ट रहा है और उन्हें 2006 में पुलिस मेडल और 2013 में राष्ट्रपति पुलिस मेडल से सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने 33 साल सेवा की है और वे सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के मुताबिक हरियाणा के डीजीपी पद के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार हैं।
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