नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना की दवाईयां और मेडिकल उपकरणों को आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3 के तहत लाने की मांग करने वाली याचिका पर दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. जस्टिस विपिन सांघी की अध्यक्षता वाली बेंच ने नोटिस जारी किया.
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दवाईयों और मेडिकल उपकरणों की हो रही है कालाबाजारी
याचिका मनीषा चौहान ने दायर की थी. याचिकाकर्ता की ओर से वकील संजीव सागर और नाजिया परवीन ने कहा कि कोरोना की दूसरी लहर के दौरान कोरोना दवाईयां, ऑक्सीजन सिलेंडर और कंसेंट्रेटर समेत दूसरे उपकरणों की जमाखोरी और कालाबाजारी हो रही है. इनकी कालाबाजारी होने से जरुरतमंद लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
इस कालाबाजारी को रोकने के लिए इन दवाईयों और उपकरणों को आवश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3 के तहत लाने का दिशानिर्देश जारी किया जाए.
फास्ट ट्रैक कोर्ट के गठन की मांग
याचिका में मांग की गई है कि कोरोना की दवाईयों और उसके इलाज के लिए जरुरी उपकरणों की कालाबाजारी से निपटने के लिए फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट का गठन किया जाए. याचिका में कहा गया है कि हाल के दिनों में दिल्ली पुलिस ने मेडिकल उपकरणों को काफी मात्रा में बरामद किया है. इस कालाबाजारी में वे लोग शामिल हैं जिनके पास इसका लाईंसेंस नहीं था.
याचिका में कहा गया है कि हाईकोर्ट ने हाल ही में अपने आदेश में कहा था कि जमाखोऱी और कालाबाजारी करनेवाले लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार ने पिछले 25 अप्रैल को एक नोटिफिकेशन में केवल दवाईयों का जिक्र किया गया है मेडिकल उपकरणों का नहीं.
520 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स जब्त
याचिका में कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर में देश में युद्ध की तरह के हालात बन गए हैं. ऐसी स्थिति में कोर्ट को सही समय पर दिशानिर्देश जारी करने की जरुरत है ताकि कालाबाजारी और जमाखोरी करनेवाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.
याचिका में हाल की उन घटनाओं का जिक्र किया गया है जिसमें दिल्ली पुलिस ने 520 ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स जब्त किया. इसका एक आरोपी नवनीत कालरा अभी फरार है. याचिका में कहा गया है कि नवनीत कालरा को मेडिकल व्यवसाय का कोई लाईसेंस नहीं है और वह अनाप-शनाप रेट पर ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स बेच रहा था.