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दिल्ली हाईकोर्ट: विशेष शिक्षा के लिए बने राष्ट्रीय नीति, केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस

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Published : Jan 28, 2021, 5:50 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने देश भर के स्पेशल छात्रों को स्किल और वोकेशनल ट्रेनिंग मुहैया कराने के लिए राष्ट्रीय योजना बनाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने 12 मार्च तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

Notice issued to central and Delhi government on demand for national policy
दिल्ली हाईकोर्ट

नई दिल्ली: याचिका 12वीं कक्षा की एक छात्रा कनिका गुप्ता ने दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि जिन छात्रों को विशेष शिक्षा की जरूरत है, उन्हें वोकेशनल और स्किल ट्रेनिंग देने के लिए एक राष्ट्रीय नीति की जरूरत है. इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जाए जो ड्राफ्ट मसौदा तैयार करे. याचिका में कहा गया है कि जो बच्चे अल्प-विकसित हैं उन्हें खास तौर पर प्रशिक्षण देने की जरूरत है.


स्पेशल छात्रों को रोजगार देने में प्राथमिकता मिले

याचिकाकर्ता की ओर से वकील अंशुमान साहनी ने कहा कि सामाजिक और अधिकारिता मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए, जो स्पेशल छात्रों को स्किल ट्रेनिंग उपलब्ध कराने के लिए ड्राफ्ट तैयार करे. याचिका में कहा गया है कि ड्राफ्ट में ये शामिल किया जाए कि जिन स्पेशल बच्चों को ट्रेनिंग दी जाए उन्हें रोजगार देने में प्राथमिकता दी जाए ताकि वे अपनी जिंदगी में बेहतर कर सकें.


हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं हुआ

याचिकाकर्ता ने 2019 में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि वो कमेटी गठित करने पर विचार करे. लेकिन एक साल से ज्यादा बीत जाने के बावजूद ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कोई कमेटी गठित नहीं की गई.

ये भी पढ़ें:-सुप्रीम कोर्ट ने जताई नाराजगी, केंद्र को कहा- आपने आंखें क्यों मूंद रखी हैं

याचिका में कहा गया है कि स्पेशल बच्चों को गरिमापूर्ण जिंदगी और आर्थिक रूप से स्वतंत्र जीवन नहीं जी पाते हैं. जो सिलेबस बने हुए हैं वे सामान्य छात्रों के लिए होते हैं, जिसकी वजह से स्पेशल बच्चे कुछ नहीं सीख पाते.

नई दिल्ली: याचिका 12वीं कक्षा की एक छात्रा कनिका गुप्ता ने दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि जिन छात्रों को विशेष शिक्षा की जरूरत है, उन्हें वोकेशनल और स्किल ट्रेनिंग देने के लिए एक राष्ट्रीय नीति की जरूरत है. इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जाए जो ड्राफ्ट मसौदा तैयार करे. याचिका में कहा गया है कि जो बच्चे अल्प-विकसित हैं उन्हें खास तौर पर प्रशिक्षण देने की जरूरत है.


स्पेशल छात्रों को रोजगार देने में प्राथमिकता मिले

याचिकाकर्ता की ओर से वकील अंशुमान साहनी ने कहा कि सामाजिक और अधिकारिता मंत्रालय के सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाने का दिशा-निर्देश जारी किया जाए, जो स्पेशल छात्रों को स्किल ट्रेनिंग उपलब्ध कराने के लिए ड्राफ्ट तैयार करे. याचिका में कहा गया है कि ड्राफ्ट में ये शामिल किया जाए कि जिन स्पेशल बच्चों को ट्रेनिंग दी जाए उन्हें रोजगार देने में प्राथमिकता दी जाए ताकि वे अपनी जिंदगी में बेहतर कर सकें.


हाईकोर्ट के आदेश का पालन नहीं हुआ

याचिकाकर्ता ने 2019 में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी जिस पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को आदेश दिया था कि वो कमेटी गठित करने पर विचार करे. लेकिन एक साल से ज्यादा बीत जाने के बावजूद ड्राफ्ट तैयार करने के लिए कोई कमेटी गठित नहीं की गई.

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याचिका में कहा गया है कि स्पेशल बच्चों को गरिमापूर्ण जिंदगी और आर्थिक रूप से स्वतंत्र जीवन नहीं जी पाते हैं. जो सिलेबस बने हुए हैं वे सामान्य छात्रों के लिए होते हैं, जिसकी वजह से स्पेशल बच्चे कुछ नहीं सीख पाते.

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