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दिल्ली: रेजिडेंट डॉक्टरों की सैलरी को लेकर हाईकोर्ट ने जारी किया नोटिस - नगर निगम और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी

दिल्ली हाईकोर्ट ने नगर निगमों के अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों की बकाया सैलरी देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई की. कोर्ट ने नगर निगमों और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी भी किया है.

Notice issued for the demand of salary of resident doctors
रेजिडेंट डॉक्टर्स की सैलरी की मांग को लेकर नोटिस जारी
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Published : Dec 16, 2020, 7:50 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्वी और उत्तरी दिल्ली नगर निगमों के अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों की बकाया सैलरी देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दोनों नगर निगमों और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें हर महीने के बकाया वेतन के लिए कोर्ट आने पर मजबूर होना पड़ रहा है.



परिवार की जरूरतों के लिए होते हैं परेशान

कोर्ट ने पिछले 5 नवंबर को उत्तरी दिल्ली नगर निगम के शिक्षकों, डॉक्टरों, रिटायर्ड इंजीनियर्स और सफाईकर्मियों की सैलरी देने के मामले पर सुनवाई करते हुए नाराजगी जताई थी. कोर्ट ने कहा था कि नगर निगम के कर्मचारियों को अपने परिवार की मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है. पैसों की कमी सब जगह है, लेकिन इस वजह से इन लोगों को उनकी मूलभूत जरुरतों से वंचित नहीं रखा जा सकता है.

ये भी पढ़ें: SC में हुई सुनवाई के बाद बोले राकेश टिकैत, बातचीत होनी चाहिए



बैठक में केंद्र का प्रतिनिधि नहीं हुआ शामिल
कोर्ट ने पूछा था कि उसके आदेश के बावजूद इस समस्या के समाधान के लिए बुलाई गई. बैठक में केंद्र की ओर से क्यों कोई शामिल नहीं हुआ. कोर्ट ने नगर निगमों और दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वो सैलरी के लिए फंड को रिलीज करने के मामले पर ताजा स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने पूर्वी और उत्तरी दिल्ली नगर निगमों के अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों की बकाया सैलरी देने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दोनों नगर निगमों और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. डॉक्टरों के मुताबिक उन्हें हर महीने के बकाया वेतन के लिए कोर्ट आने पर मजबूर होना पड़ रहा है.



परिवार की जरूरतों के लिए होते हैं परेशान

कोर्ट ने पिछले 5 नवंबर को उत्तरी दिल्ली नगर निगम के शिक्षकों, डॉक्टरों, रिटायर्ड इंजीनियर्स और सफाईकर्मियों की सैलरी देने के मामले पर सुनवाई करते हुए नाराजगी जताई थी. कोर्ट ने कहा था कि नगर निगम के कर्मचारियों को अपने परिवार की मूलभूत जरूरतों को पूरा करने के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है. पैसों की कमी सब जगह है, लेकिन इस वजह से इन लोगों को उनकी मूलभूत जरुरतों से वंचित नहीं रखा जा सकता है.

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बैठक में केंद्र का प्रतिनिधि नहीं हुआ शामिल
कोर्ट ने पूछा था कि उसके आदेश के बावजूद इस समस्या के समाधान के लिए बुलाई गई. बैठक में केंद्र की ओर से क्यों कोई शामिल नहीं हुआ. कोर्ट ने नगर निगमों और दिल्ली सरकार को निर्देश दिया था कि वो सैलरी के लिए फंड को रिलीज करने के मामले पर ताजा स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें.

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