नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने कोरोना संक्रमित मरीजों के फेफड़ों में संक्रमण की जांच के लिए जरूरी हाई रिजोल्यूशन कंप्युटराइज्ड टोमोग्राफी (एचआरसीटी) टेस्ट की कीमत तय करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये नोटिस जारी किया है.
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HRCT की फीस करीब 6 हजार रुपये
शिवलीन पसरीचा ने ये याचिका दायर की है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील अमरेश आनंद ने कहा कि आमतौर पर कोरोना संक्रमण के संदेहास्पद मरीज का एचआरसीटी टेस्ट कराया जाता है. भले ही उसका आरटी-पीसीआर टेस्ट निगेटिव आया हो. याचिका में कहा गया है कि कोरोना की दूसरी लहर में कई ऐसी मीडिया रिपोर्ट आई है, जिसमें आरटी-पीसीआर टेस्ट तो निगेटिव है, लेकिन उसके बाद भी एचआरसीटी टेस्ट कराया जाता है. दिल्ली में एचआरसीटी टेस्ट की फीस पर कोई नियंत्रण नहीं है और इसके लिए मरीजों से पांच हजार रुपये से लेकर साढ़े छह हजार रुपये तक लिए जा रहे हैं. इतनी रकम देना एक औसत आमदनी वाले व्यक्ति के लिए काफी कठिन है.
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HRCT टेस्ट की कीमत पर नियंत्रण की मांग
याचिका में कहा गया है कि वर्तमान स्थिति में दिल्ली सरकार एचआरसीटी टेस्ट को आवश्यक टेस्ट करार दे ताकि आम लोग रियायती दर पर टेस्ट करा सकें. याचिका में मांग की गई है कि कोर्ट दिल्ली सरकार को निर्देश जारी करे कि कोरोना के संक्रमित या संदिग्ध मरीजों के लिए एचआरसीटी टेस्ट की कीमत पर नियंत्रण करे.