नई दिल्ली: कोरोना महामारी के चलते किए गए देशव्यापी लॉकडाउन के बाद जैसे-जैसे जनजीवन सामान्य हो रहा है, वैसे-वैसे रेल परिचालन भी पटरी पर लौट रहा है. पिछले दिनों बंद हुए सभी काम एक बार फिर से चालू हो गए हैं.
इसमें जम्मू कश्मीर के रामबन जिले में बन रही सुरंग, चेनाब और अंजी पुल का निर्माण, चार धाम परियोजना आदि प्रोजेक्ट प्रमुख रूप से शामिल है. उत्तर रेलवे के जनरल मैनेजर राजीव चौधरी ने बीते दिन उत्तर रेलवे कार्यालय से सभी विभागाध्यक्षों के साथ चल रहे कामों की समीक्षा की.
बताया गया कि उत्तर रेलवे पथों की मरम्मत, सेक्शनों की गति सीमा में वृद्धि, विद्युतीकरण विस्तार और सिग्नल प्रणाली को बेहतर बनाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. नई रेल लाइनों को बिछाने जैसे ढांचागत कार्य फिर से गति पकड़ रहे हैं. रेलवे एक बार फिर अपनी पंक्चुअलिटी पर जोर दे रही है.
प्रोजेक्ट्स पर काम शुरू
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी ने कुछ प्रोजेक्ट के विषय में बताते हुए कहा कि पहाड़ी क्षेत्रों में चल रही उधमपुर-श्रीनगर-बारामुला रेल लिंक और उत्तराखंड में ऋषिकेश कर्णप्रयाग चारधाम परियोजना वापस पटरी पर लौट रही है.
जम्मू और कश्मीर के रामबन जिले में 12.75 किलोमीटर लंबी t40 सुरंग का काम फिर से शुरू हो गया है, जबकि चेनाब और अंजी पुल निर्माण स्थलों पर गतिविधियां भी फिर से शुरू हो गई है.
ऋषिकेश में नवनिर्मित वीरभद्र ऋषिकेश सेक्शन शुरू हो गया है और विश्वस्तरीय सुविधाओं वाला एक नया रेलवे स्टेशन योग नगरी बनकर तैयार हो गया है. इस मार्ग पर कई और सुरंगों और पुलों का काम तेजी पकड़ रहा है.
रोजाना चल रही 96 स्पेशल गाड़ियां
उत्तर रेलवे के जनरल मैनेजर राजीव चौधरी ने बताया कि अकेले दिल्ली एरिया में रोजाना देश के अलग-अलग शहरों के लिए औसतन 96 स्पेशल रेलगाड़ियां चलाई जा रही हैं रेलगाड़ियों की पंचर की बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है.
उत्तर रेलवे की पंचवटी स्थिति अभी के समय में 97 फीसदी है यह मई-जून 2020 में 92 फीसदी से ऊपर है. रेलगाड़ियों की स्पीड बढ़ाने पर भी ध्यान दिया जा रहा है. इसी के मद्देनजर रेल लाइनों की मरम्मत की जा रही है और विद्युतीकरण किए जा रहे हैं.
राजीव चौधरी ने कहा कि इस समय का उपयोग रेलवे अपनी प्रणाली को सुधारने और नया रूप देने के लिए कर रही है. आने वाले दिनों में इन सभी कामों का फायदा रेल यात्रियों को होगा.