नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में आवारा पशुओं की समस्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में उत्तरी दिल्ली नगर निगम (North MCD) लगातार इस समस्या को लेकर कई तरह के कदम उठा रही है. वहीं निगम केंद्र सरकार के जरिए जारी की गई गाइडलाइंस के तहत काम कर रहा है. निगम आवारा कुत्तों का लगातार स्टरलाइजेशन कर रहा है. ऐसे ही अगर निगम काम करता रहेगा तो दिल्लीवासियों को जल्द इस समस्या से निजात मिल सकेगी.
नॉर्थ एमसीडी ऐसे कर रही काम
वर्तमान समय में दिल्ली में लोगों को रोजमर्रा के जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. इन्हीं परेशानियों में से एक बड़ी समस्या आवारा पशुओं की भी है. जिसको देखते हुए दिल्ली की सिविक एजेंसीयों द्वारा लगातार कई सख्त और कड़े कदम उठाए जा रहे हैं.आवारा पशुओं की बात करें तो इनमें चार प्रकार के पशु सम्मिलित किए जाते हैं, जिसमें प्रमुख रूप से गाय, कुत्ते, बंदर और सूअर सम्मिलित है.
दिल्ली की सबसे बड़ी सिविक एजेंसियों में से एक नॉर्थ एमसीडी वर्तमान समय में केंद्र सरकार के द्वारा जारी की गई गाइडलाइंस के तहत काम करते हुए सात अलग-अलग एनजीओ के साथ मिलकर वर्तमान समय में आवारा पशुओं के समाधान को लेकर काम कर रही है. नॉर्थ एमसीडी ने अपने क्षेत्र में सात अलग-अलग जगह बकायदा आवारा पशुओं की समस्या के समाधान के लिए सेंटेंर भी बनाए हैं.
गैर सरकारी संगठन के साथ मिलकर निगम कर रहा काम
नॉर्थ एमसीडी के क्षेत्र में आवारा कुत्तों की समस्या विकराल रूप ले चुकी है. रोजाना आए दिन आवारा कुत्तों की वजह से दिल्लीवासियों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जिसको देखते हुए अब नॉर्थ एमसीडी ने उस परेशानी के समाधान के लिए कड़े कदम उठाना शुरू कर दिया है. निगम वर्तमान समय में सात गैर सरकारी संगठनों के साथ आवारा कुत्तों की परेशानी से निपटने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है. जिसके तहत लगातार आवारा कुत्तों का स्टरलाइजेशन किया जा रहा है.
सात अलग-अलग जगह बनाए गए सेंटर
नॉर्थ एमसीडी ने अपने क्षेत्र में सात अलग-अलग जगह विशेष सेंटर आवारा कुत्तों की समस्या से निपटने के लिए बनाए हैं.जहां पर ना सिर्फ इस समस्या का समाधान किया जाता है बल्कि आवारा कुत्तों के स्टरलाइजेशन भी किया जाता है. गाजीपुर, राजा गार्डन, रोहिणी सेक्टर-27, तिमारपुर, बेला रोड, तिलंगपुर कोटला कुछ ऐसे स्थान है. जहां पर नॉर्थ एमसीडी के द्वारा आवारा कुत्तों की समस्या के समाधान के लिए सेंटर खोले गए हैं.
1,27,720 आवारा कुत्तों का किया गया स्टरलाइजेशन
आवारा पशुओं में आवारा कुत्तों की वजह से वर्तमान समय में राजधानी दिल्ली वासी सबसे ज्यादा परेशान है. इसी कड़ी में नॉर्थ एमसीडी द्वारा आवारा कुत्तों का स्टरलाइजेशन लगातार किया जा रहा है. ताकि आवारा कुत्तों की लगातार बढ़ रही संख्या को रोकने के लिए उनके बर्थ रेट और ब्रीडिंग प्रोसेस पर रोक लगाई जा सके.
सड़क हादसों की प्रमुख वजह
हाल ही में निजी एजेंसी द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार, यह बात सामने आई है कि राजधानी दिल्ली के अंदर जितने भी सड़क हादसे होते हैं. उसमें से काफी मामलों के अंदर सड़क हादसों का प्रमुख कारण आवारा पशु होते हैं, जिसमें प्रमुख रूप से आवारा गाय और कुत्ते शामिल होते हैं. जिसकी वजह से सड़कों पर हादसे होते हैं और लोगों को भी गंभीर चोटें आती हैं.
आवारा कुत्तों से लगातार बढ़ रही समस्या को देखते हुए नॉर्थ एमसीडी आवारा कुत्तों के लिए डॉग होम और शेल्टर होम की योजना पर काम कर रही है. मेयर जयप्रकाश ने भी ईटीवी भारत को बातचीत के दौरान बताया कि जल्द ही आवारा कुत्तों की समस्या के समाधान को लेकर निगम जरूरी कदम उठाने जा रही है, जिससे कि दिल्लीवासियों को इस समस्या से निजात मिल सके.