इनके अलावा वैसे यात्रियों की संख्या तो हर महीने करीब 2 लाख है, जो पैसे बचाने के लालच में कम दूरी की यात्रा टिकट लेकर लंबी दूरी की यात्रा करते हैं. उत्तर रेलवे ने ऐसे यात्रियों से 108.10 करोड़ रुपये की कमाई की है. सभी आंकड़े अप्रैल 2018 से जनवरी 2019 के बीच के हैं. पूरे भारतीय रेल में ये आंकड़े और भी बढ़ सकते हैं.
ट्रेनों में चेकिंग के बाद पकड़े गए यात्री
इस मामले में उत्तर रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी दीपक कुमार कहते हैं कि बिना टिकट यात्रा करने वालों के खिलाफ हम नियमित रूप से अभियान चलाते रहते हैं. ये अभियान कई तरह के होते हैं जिनमें ट्रेन में पहले से चेकिंग दस्ता मौजूद होता है और ट्रेन के चलने पर चेकिंग अभियान शुरू करता है. दूसरा सड़क मार्ग से किसी निर्धारित रेलवे स्टेशन पर जाकर टिकट की चेकिंग करता है. उसी तरह प्लेटफार्म पर भी चेकिंग की जाती है. इन सभी तरह के चेकिंग अभियान हम नियमित रूप से चलाते रहते हैं. अभी जो आंकड़े हमारे पास आए हैं उसमें ईएमयू, डीईएमयू, मेल और एक्सप्रेस समेत सभी तरह की ट्रेनों में चेकिंग के बाद पकड़े गए यात्री हैं.
22.87 लाख यात्रियों के खिलाफ हुई चालान
दीपक कुमार बताते हैं कि अप्रैल 2018 से जनवरी 2019 के बीच 11.46 लाख यात्री बिना टिकट यात्रा करते पकड़े गए. जिन पर जुर्माना किया गया और 53.31 करोड़ रुपये की कमाई उत्तर रेलवे को हुई है. इनके अलावा 108.10 करोड़ रुपये की कमाई हमें वैसे 22.87 लाख यात्रियों के खिलाफ चालान करने से हुई है, जो निर्धारित स्टेशन से ज्यादा दूरी की यात्रा कर रहे थे. उन्होंने बताया कि उत्तर रेलवे में आने वाले दिल्ली, अम्बाला, लखनऊ, फिरोजपुर और मुरादाबाद मंडल में कई ऐसे सेक्शन हैं, जिन पर बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या अधिक होती है.
उत्तर रेलवे ने इस तरह के यात्रियों पर कार्रवाई तेज कर दी है. बिना टिकट यात्रा करने से रेलवे को राजस्व का नुकसान होता है और पकड़े जाने पर यात्रियों को आर्थिक नुकसान के साथ जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है. ऐसे में यात्रियों को खुद ही समझदारी दिखानी चाहिए.