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ठंड से नोएडा का जनजीवन हुआ अस्त व्यस्त, अस्थमा के रोगी रहें सावधान

नोएडा में ठंड का सितम जारी है. तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है और लोग घरों से निकलने से परहेज कर रहे हैं. इस वजह से नोएडा का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. कोहरा और प्रदूषण की वजह से अस्थमा के मरीजों की भी समस्या बढ़ रही है.

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Published : Jan 12, 2023, 6:39 PM IST

ठंड से बचने के लिए जिला अस्पताल के सीएमएस ने दी सलाह

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा में कड़ाके की ठंड और सर्द भरी हवाओं के बीच कोहरा और प्रदूषण का सितम जारी है. इस वजह से वो लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं, जो सांस की बीमारियों से ग्रसित हैं या फिर अस्थमा रोगी हैं.

कड़ाके की ठंड में जरा सी भी लापरवाही अगर किसी ने बरती तो वह बीमार पड़ सकता है. यह जानकारी देते हुए जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. पवन कुमार ने बताया कि घरों से तभी निकले जब आवश्यक हो. बेवजह घरों से बाहर न निकले और गर्म कपड़े पहन कर निकले, खासतौर से कान और गला जरूर ढक्क कर रखें. जो लोग पुरानी बीमारियों से ग्रसित हैं, उनको इन बातों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है.

ठंड ने सभी को किया प्रभावित

कड़ाके की पड़ रही ठंड ने सभी को प्रभावित किया है. वहीं, जनजीवन भी अस्त-व्यस्त हुआ है. छोटे-मोटे रोजगार से लेकर कमर्शियल वाहन चलाने वालों तक पर ठंड का असर दिख रहा है. ठंड को लेकर जहां डॉक्टर की तरफ से तमाम तरह की परामर्श दी जा रही है. वहीं ठंड में ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा चलाने वालों का कहना है कि सवारियों पर भी ठंड का पूरा असर देखने को मिल रहा है.

ऑटो चालाक का कहना है कि घंटों तक इंतजार करने के बाद भी कोई सवारी नहीं आ रही है. लोग घरों से निकलने में परहेज कर रहे हैं, जिसके चलते सवारी ढोने वाले चालक भी हाथ पर हाथ रखे ठंड में ठिठुर रहे हैं. उनका कहना है कि पूरे दिन में 2 से 3 अधिक से अधिक चार से पांच सवारी ही मिल पा रही है, वह भी दिन निकलने के बाद. पूरा दिन और रात खाली बीत रहा है. वहीं, आम पब्लिक का कहना है कि तमाम गर्म कपड़े पहनने के बावजूद पूरी तरह से खुद को कंफर्टेबल नहीं कर पा रहे हैं और ठंड ने हिला कर रख दे रही है.

जिला अस्पताल के सीएमएस की सलाह

ठंड को लेकर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर पवन कुमार का कहना है कि अस्पताल में ठंड से प्रभावित सबसे अधिक मरीज आ रहे हैं. इसमें खांसी, बुखार, जुकाम के साथ ही अस्थमा के मरीज भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि जिन लोगों को सांस व अस्थमा की बीमारी पहले से है वह इस मौसम में और अधिक प्रभावित हो रहे हैं. जिन के इलाज के लिए अस्पताल में सभी उपकरण और दवाओं की व्यवस्था की गई है.

इसे भी पढ़ें: दिल्ली: AIIMS के बाहर ठंड में रात बिताने को मजबूर मरीज और उनके परिजन, रैनबसेरों में जगह नहीं

ठंड से बचने के लिए जिला अस्पताल के सीएमएस ने दी सलाह

नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा में कड़ाके की ठंड और सर्द भरी हवाओं के बीच कोहरा और प्रदूषण का सितम जारी है. इस वजह से वो लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं, जो सांस की बीमारियों से ग्रसित हैं या फिर अस्थमा रोगी हैं.

कड़ाके की ठंड में जरा सी भी लापरवाही अगर किसी ने बरती तो वह बीमार पड़ सकता है. यह जानकारी देते हुए जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. पवन कुमार ने बताया कि घरों से तभी निकले जब आवश्यक हो. बेवजह घरों से बाहर न निकले और गर्म कपड़े पहन कर निकले, खासतौर से कान और गला जरूर ढक्क कर रखें. जो लोग पुरानी बीमारियों से ग्रसित हैं, उनको इन बातों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है.

ठंड ने सभी को किया प्रभावित

कड़ाके की पड़ रही ठंड ने सभी को प्रभावित किया है. वहीं, जनजीवन भी अस्त-व्यस्त हुआ है. छोटे-मोटे रोजगार से लेकर कमर्शियल वाहन चलाने वालों तक पर ठंड का असर दिख रहा है. ठंड को लेकर जहां डॉक्टर की तरफ से तमाम तरह की परामर्श दी जा रही है. वहीं ठंड में ऑटो रिक्शा और ई-रिक्शा चलाने वालों का कहना है कि सवारियों पर भी ठंड का पूरा असर देखने को मिल रहा है.

ऑटो चालाक का कहना है कि घंटों तक इंतजार करने के बाद भी कोई सवारी नहीं आ रही है. लोग घरों से निकलने में परहेज कर रहे हैं, जिसके चलते सवारी ढोने वाले चालक भी हाथ पर हाथ रखे ठंड में ठिठुर रहे हैं. उनका कहना है कि पूरे दिन में 2 से 3 अधिक से अधिक चार से पांच सवारी ही मिल पा रही है, वह भी दिन निकलने के बाद. पूरा दिन और रात खाली बीत रहा है. वहीं, आम पब्लिक का कहना है कि तमाम गर्म कपड़े पहनने के बावजूद पूरी तरह से खुद को कंफर्टेबल नहीं कर पा रहे हैं और ठंड ने हिला कर रख दे रही है.

जिला अस्पताल के सीएमएस की सलाह

ठंड को लेकर जिला अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर पवन कुमार का कहना है कि अस्पताल में ठंड से प्रभावित सबसे अधिक मरीज आ रहे हैं. इसमें खांसी, बुखार, जुकाम के साथ ही अस्थमा के मरीज भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि जिन लोगों को सांस व अस्थमा की बीमारी पहले से है वह इस मौसम में और अधिक प्रभावित हो रहे हैं. जिन के इलाज के लिए अस्पताल में सभी उपकरण और दवाओं की व्यवस्था की गई है.

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