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Delhi AIIMS: एम्स परिसर में 15 मिनट से ज्यादा ऑटो-कैब रोकी तो देना होगा शुल्क, हर घंटे के हिसाब से लगेगा इतना चार्ज

दिल्ली के AIIMS परिसर में 15 मिनट से ज्यादा ऑटो या कैब चालक नहीं रुक पाएंगे. अगर कोई वाहन 15 मिनट से अधिक देर तक वहां रुकता है तो 50 रुपये प्रति घंटे के दर से शुल्क देना पड़ेगा. इतना ही नहीं ऐसे सभी व्यावसायिक वाहनों को एम्स में 1 घंटे में केवल एक बार ही प्रवेश मिलेगा. Delhi AIIMS, AIIMS Hospital Delhi

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 11, 2023, 2:56 PM IST

नई दिल्ली: एम्स दिल्ली में मरीजों की सुविधा और कॉमर्शियल वाहनों के एम्स परिसर में एंट्री को नियमित और नियंत्रित करने के लिए शुल्क लगाने का निर्णय लिया है. साथ ही मुफ्त शटल की जानकारी देने के लिये हिंदी और अंग्रेजी में जगह-जगह साइनेज लगाने की पहल की है. एम्स परिसर में अब ऑटो व कैब जैसे व्यवसायिक वाहन 15 मिनट से अधिक देर तक नहीं रुक पाएंगे. 15 मिनट से अधिक देर रुकने पर एम्स व्यवसायिक वाहन चालकों से प्रति घंटे 50 रुपये की दर से शुल्क वसूल करेगा. इसके अलावा व्यवसायिक वाहनों को एम्स में 1 घंटे में केवल एक बार प्रवेश मिलेगा.

गौरतलब है कि, देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में प्रतिदिन लगभग 20 हजार मरीज ओपीडी में इलाज के लिए आते हैं. यहां मेट्रो स्टेशन और मेन रोड से लेकर अंदर न्यू राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी तक आने में काफी लंबा फासला तय करना होता है. इससे वहां बहुत भीड़ लग जाती है, सारे निजी टैक्सी चालक और ऑटो चालक मौजूद होते हैं, जो मरीजों से कम दूरी की यात्रा के लिये ज्यादा पैसे मांगते हैं.

इस समस्या को देखते हुए एम्स के डायरेक्टर प्रो. एम श्रीनिवास ने यह पहल की है. एम्स परिसर में प्रवेश करने वाले कमर्शियल वाहनों को नियमित और नियंत्रित करने का निर्णय लिया गया है. एम्स परिसर में कमर्शियल वाहनों का ठहराव 15 मिनट तक मुफ्त होगा, इसके बाद उन्हें निर्धारित शुल्क चुकाना होगा. उनका कहना है कि, मरीजों के साथ नियमित बातचीत के दौरान उन्हें यह पता चला कि कुछ ऑटोरिक्शा और टैक्सी चालक एम्स परिसर के भीतर कम दूरी की यात्राओं के लिए मरीजों से अधिक शुल्क ले रहे हैं. इस समस्या के समाधान और सीपीवी के प्रवेश को सुव्यवस्थित करने के लिए, यह कदम उठाये गये हैं.

यह भी पढ़ें- Ayushman Bharat Scheme: मासूम के दिल में छेद, पिता इलाज का खर्च नहीं उठा पाए, AIIMS में हुआ फ्री ऑपरेश

कमर्शियल वाहनों को नियमित करने और मरीजों की सुविधा के लिए उठाए गए कदम

  • एम्स के सभी प्रवेश द्वारों के अंदर और बाहर प्रमुख द्विभाषी साइनेज लगाए जाएंगे, जो शटल की उपलब्धता के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे.
  • नंबर प्लेट रीडर कैमरा लगाए जाएंगे. इसके लिये टिकटिंग सिस्टम शुरू किया जाएगा. निजी वाहनों के प्रवेश को विनियमित करने के लिए, एक अत्याधुनिक नंबर प्लेट रीडर कैमरा-आधारित टिकटिंग प्रणाली शुरू की जाएगी.
  • कमर्शियल वाहनों के प्रवेश के 15 मिनट के भीतर एम्स परिसर से बाहर निकलने वाले सीपीवीएस से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, जिससे उन्हें यात्रियों को लेने या छोड़ने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा.
  • यदि 15 मिनट से ज्यादा समय लगता है तो कमर्शियल वाहनों से निर्धारित शुल्क लिए जाएंगे. एम्स परिसर से बाहर निकलने के समय प्रति आधे घण्टे के लिये 50 रुपये शुल्क लिया जाएगा.
  • सीपीवी को हर घंटे एम्स परिसर से केवल एक प्रवेश और एक निकास की अनुमति होगी. अपने अंतिम निकास के 1 घंटे पहले प्रवेश करने वालों को यात्रियों को एम्स गेट के बाहर छोड़ना होगा और उन्हें एम्स परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.
  • स्वचालित प्रणाली टिकटिंग प्रणाली मानवीय हस्तक्षेप से मुक्त होगी, स्वचालित नंबर प्लेट रीडिंग कैमरा तकनीक पर निर्भर होकर प्रवेश और निकास का समय स्वचालित रूप से रिकॉर्ड किया जाएगा, और किराया की गणना और प्रदर्शित किया जाएगा. शुल्क भुगतान पर सीपीवी ड्राइवर को एक रसीद जारी की जाएगी.

बता दें कि, नई टिकटिंग प्रणाली 31 दिसंबर 2023 तक चालू हो जाएगी. इन उपायों के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी एम्स में यातायात प्रबंधन समिति के प्रभारी प्रोफेसर की है. समिति से अपेक्षा की जाती है कि वह परेशानी मुक्त और निष्पक्षता सुनिश्चित करते हुए योजना के प्रभावी कार्यान्वयन की निगरानी करेगी.

नई दिल्ली: एम्स दिल्ली में मरीजों की सुविधा और कॉमर्शियल वाहनों के एम्स परिसर में एंट्री को नियमित और नियंत्रित करने के लिए शुल्क लगाने का निर्णय लिया है. साथ ही मुफ्त शटल की जानकारी देने के लिये हिंदी और अंग्रेजी में जगह-जगह साइनेज लगाने की पहल की है. एम्स परिसर में अब ऑटो व कैब जैसे व्यवसायिक वाहन 15 मिनट से अधिक देर तक नहीं रुक पाएंगे. 15 मिनट से अधिक देर रुकने पर एम्स व्यवसायिक वाहन चालकों से प्रति घंटे 50 रुपये की दर से शुल्क वसूल करेगा. इसके अलावा व्यवसायिक वाहनों को एम्स में 1 घंटे में केवल एक बार प्रवेश मिलेगा.

गौरतलब है कि, देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में प्रतिदिन लगभग 20 हजार मरीज ओपीडी में इलाज के लिए आते हैं. यहां मेट्रो स्टेशन और मेन रोड से लेकर अंदर न्यू राजकुमारी अमृत कौर ओपीडी तक आने में काफी लंबा फासला तय करना होता है. इससे वहां बहुत भीड़ लग जाती है, सारे निजी टैक्सी चालक और ऑटो चालक मौजूद होते हैं, जो मरीजों से कम दूरी की यात्रा के लिये ज्यादा पैसे मांगते हैं.

इस समस्या को देखते हुए एम्स के डायरेक्टर प्रो. एम श्रीनिवास ने यह पहल की है. एम्स परिसर में प्रवेश करने वाले कमर्शियल वाहनों को नियमित और नियंत्रित करने का निर्णय लिया गया है. एम्स परिसर में कमर्शियल वाहनों का ठहराव 15 मिनट तक मुफ्त होगा, इसके बाद उन्हें निर्धारित शुल्क चुकाना होगा. उनका कहना है कि, मरीजों के साथ नियमित बातचीत के दौरान उन्हें यह पता चला कि कुछ ऑटोरिक्शा और टैक्सी चालक एम्स परिसर के भीतर कम दूरी की यात्राओं के लिए मरीजों से अधिक शुल्क ले रहे हैं. इस समस्या के समाधान और सीपीवी के प्रवेश को सुव्यवस्थित करने के लिए, यह कदम उठाये गये हैं.

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कमर्शियल वाहनों को नियमित करने और मरीजों की सुविधा के लिए उठाए गए कदम

  • एम्स के सभी प्रवेश द्वारों के अंदर और बाहर प्रमुख द्विभाषी साइनेज लगाए जाएंगे, जो शटल की उपलब्धता के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे.
  • नंबर प्लेट रीडर कैमरा लगाए जाएंगे. इसके लिये टिकटिंग सिस्टम शुरू किया जाएगा. निजी वाहनों के प्रवेश को विनियमित करने के लिए, एक अत्याधुनिक नंबर प्लेट रीडर कैमरा-आधारित टिकटिंग प्रणाली शुरू की जाएगी.
  • कमर्शियल वाहनों के प्रवेश के 15 मिनट के भीतर एम्स परिसर से बाहर निकलने वाले सीपीवीएस से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा, जिससे उन्हें यात्रियों को लेने या छोड़ने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा.
  • यदि 15 मिनट से ज्यादा समय लगता है तो कमर्शियल वाहनों से निर्धारित शुल्क लिए जाएंगे. एम्स परिसर से बाहर निकलने के समय प्रति आधे घण्टे के लिये 50 रुपये शुल्क लिया जाएगा.
  • सीपीवी को हर घंटे एम्स परिसर से केवल एक प्रवेश और एक निकास की अनुमति होगी. अपने अंतिम निकास के 1 घंटे पहले प्रवेश करने वालों को यात्रियों को एम्स गेट के बाहर छोड़ना होगा और उन्हें एम्स परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी.
  • स्वचालित प्रणाली टिकटिंग प्रणाली मानवीय हस्तक्षेप से मुक्त होगी, स्वचालित नंबर प्लेट रीडिंग कैमरा तकनीक पर निर्भर होकर प्रवेश और निकास का समय स्वचालित रूप से रिकॉर्ड किया जाएगा, और किराया की गणना और प्रदर्शित किया जाएगा. शुल्क भुगतान पर सीपीवी ड्राइवर को एक रसीद जारी की जाएगी.

बता दें कि, नई टिकटिंग प्रणाली 31 दिसंबर 2023 तक चालू हो जाएगी. इन उपायों के कार्यान्वयन की जिम्मेदारी एम्स में यातायात प्रबंधन समिति के प्रभारी प्रोफेसर की है. समिति से अपेक्षा की जाती है कि वह परेशानी मुक्त और निष्पक्षता सुनिश्चित करते हुए योजना के प्रभावी कार्यान्वयन की निगरानी करेगी.

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