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कुछ ही देर में निर्भया केस की सुनवाई, वकील एमएल शर्मा दाखिल करेंगे वकालतनामा

आज दोपहर दो बजे निर्भया के माता-पिता की अर्जी पर पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई होगी. निर्भया के माता-पिता ने चारों दोषियों को जल्द फांसी की सजा देने की मांग की है.

nirbhaya case hearing
निर्भया केस की सुनवाई
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Published : Jan 7, 2020, 1:06 PM IST

नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप के दोषी मुकेश के वकील एमएल शर्मा पटियाला हाउस कोर्ट में आज वकालतनामा दाखिल करेंगे. एमएल शर्मा मुकेश की तरफ से पटियाला हाउस कोर्ट में बहस करेंगे. आज दोपहर दो बजे निर्भया के माता-पिता की अर्जी पर पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई होगी.

निर्भया के माता-पिता ने चारों दोषियों को जल्द फांसी की सजा देने की मांग की है. पिछले 18 दिसंबर को एडिशनल सेशंस जज सतीश अरोड़ा ने तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया था कि वे दोषियों को एक हफ्ते का नोटिस जारी करे कि उन्हें आगे कौन सा विकल्प चुनना है.

'जल्द फांसी दी जाए'

याचिका में मांग की गई है कि निर्भया कांड के चारों गुनहगारों के लिए फांसी की सजा पर तुरंत अमल किया जाए. याचिका में कहा गया है कि निर्भया कांड के चारों दोषी मुकेश कुमार, पवन, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को कानूनन मौत दी जाए.

ट्रायल कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक फांसी

गैंगरेप के चारों दोषियों मुकेश, अक्षय, पवन और विनय को साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. जिस पर 14 मार्च 2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी थी. हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए फांसी की सजा पर रोक लगाई थी.

9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश, पवन और विनय की रिव्यू पिटीशन को खारिज करते हुए उनकी फांसी की सजा पर मुहर लगाई थी. पिछले 18 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने चौथे दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था.

नई दिल्ली: निर्भया गैंगरेप के दोषी मुकेश के वकील एमएल शर्मा पटियाला हाउस कोर्ट में आज वकालतनामा दाखिल करेंगे. एमएल शर्मा मुकेश की तरफ से पटियाला हाउस कोर्ट में बहस करेंगे. आज दोपहर दो बजे निर्भया के माता-पिता की अर्जी पर पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई होगी.

निर्भया के माता-पिता ने चारों दोषियों को जल्द फांसी की सजा देने की मांग की है. पिछले 18 दिसंबर को एडिशनल सेशंस जज सतीश अरोड़ा ने तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया था कि वे दोषियों को एक हफ्ते का नोटिस जारी करे कि उन्हें आगे कौन सा विकल्प चुनना है.

'जल्द फांसी दी जाए'

याचिका में मांग की गई है कि निर्भया कांड के चारों गुनहगारों के लिए फांसी की सजा पर तुरंत अमल किया जाए. याचिका में कहा गया है कि निर्भया कांड के चारों दोषी मुकेश कुमार, पवन, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को कानूनन मौत दी जाए.

ट्रायल कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक फांसी

गैंगरेप के चारों दोषियों मुकेश, अक्षय, पवन और विनय को साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी. जिस पर 14 मार्च 2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी थी. हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी, जिस पर सुनवाई करते हुए फांसी की सजा पर रोक लगाई थी.

9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश, पवन और विनय की रिव्यू पिटीशन को खारिज करते हुए उनकी फांसी की सजा पर मुहर लगाई थी. पिछले 18 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने चौथे दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया था.

Intro:नई दिल्ली । निर्भया गैंग रेप के दोषी मुकेश के वकील एम एल शर्मा पटियाला हाउस में आज वकालतनामा दाखिल करेंगे। एम एल शर्मा की मुकेश की तरफ से पटियाला हाउस कोर्ट में बहस करेंगे। आज दोपहर दो बजे निर्भया के माता-पिता की अर्जी पर पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई होगी।



Body:दोषियों को नोटिस जारी करने का आदेश दिया था
निर्भया के माता-पिता ने चारो दोषियों को जल्द फांसी की सजा देने की मांग की है। पिछले 18 दिसंबर को एडिशनल सेशंस जज सतीश अरोड़ा ने तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया था कि वे दोषियों को एक हफ्ते का नोटिस जारी करे कि उन्हें आगे कौन सा विकल्प चुनना है।
जल्द फांसी दी जाए
याचिक में मांग की गई है कि निर्भया कांड के चारो गुनहगारों को फांसी की सजा पर तुरंत अमल किया जाए और उन्हें कानूनन मौत दी जाए । याचिका में कहा गया है कि निर्भया कांड के चारो दोषी मुकेश कुमार, पवन, विनय शर्मा और अक्षय ठाकुर को दी गई फांसी की सजा पर तुरंत अमल किया जाए और उन्हें कानूनन मौत दी जाए।



Conclusion:ट्रायल कोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक फांसी की सजा सुना चुका है
गैंगरेप के चारो दोषियों मुकेश, अक्षय, पवन और विनय को साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिस पर 14 मार्च  2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी थी । हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी जिस पर सुनवाई करते हुए फांसी की सजा पर रोक लगाई थी । 9 जुलाई 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने मुकेश, पवन और विनय के रिव्यू पिटीशन को खारिज करते हुए उनकी फांसी की सजा पर मुहर लगाई थी। पिछले 18 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने चौथे दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दिया था।
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