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हाथरस: कोर्ट में फिर आमने-सामने होंगे निर्भया केस के दोनों वकील सीमा और एपी सिंह

हाथरस गैंगरेप एवं हत्या के मामले में एक बार फिर निर्भया मामले के दोनों वकील आमने सामने होंगे. पीड़िता की तरफ से जहां सजा दिलवाने के लिए अधिवक्ता सीमा समृद्धि कुशवाहा होंगी, तो वहीं अधिवक्ता एपी सिंह आरोपियों के वकील होंगे. एपी सिंह से ईटीवी भारत ने की खास बातचीत.

nirbhaya accused advocate ap Singh
एडवोकेट एपी सिंह
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Published : Oct 6, 2020, 1:27 PM IST

नई दिल्ली: निर्भया कांड के दोषियों को बचाने के लिए कानून के दांव पेंच का बखूबी इस्तेमाल करने वाले एडवोकेट एपी सिंह अब हाथरस गैंगरेप के आरोपियों की पैरवी करेंगे. अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने उनसे इस केस की पैरवी के लिए संपर्क किया है. एपी सिंह का दावा है कि इस मामले में पकड़े गए युवकों को फंसाया गया है और वो अदालत में इस बात को साबित कर देंगे.

एडवोकेट एपी सिंह ने रखी अपनी 'दलील',
जानकारी के मुताबिक हाथरस गैंगरेप एवं हत्या के मामले में एक बार फिर निर्भया मामले के दोनों वकील आमने सामने होंगे. पीड़िता की तरफ से जहां सजा दिलवाने के लिए अधिवक्ता सीमा समृद्धि कुशवाहा होंगी, तो वहीं अधिवक्ता एपी सिंह आरोपियों के वकील होंगे.

ईटीवी भारत से बातचीत में जहां सीमा समृद्धि कुशवाहा ने आरोपियों को कड़ी सजा दिलवाने की बात कही है, तो वहीं अधिवक्ता केपी सिंह का कहना है कि वो इस मामले में साबित कर देंगे कि पकड़े गए सभी आरोपी निर्दोष हैं. पुरानी रंजिश के तहत उन्हें फंसाया गया है.


'हॉरर किलिंग का लग रहा है मामला'

एडवोकेट एपी सिंह का कहना है कि ये मामला हॉरर किलिंग का लग रहा है. युवती की आरोपी संदीप से पहले से दोस्ती थी. मोबाइल पर उनकी बातचीत होती थी. उन्हें ऐसा लगता है कि घटना वाले दिन युवती के भाई ने उन्हें एक साथ देख लिया. जिसके बाद उसने बहन की पिटाई कर दी.

इस मामले में खास बात ये है कि उसके भाई का नाम भी संदीप है. इसी पिटाई के चलते युवती की बाद में मौत हो गई. इसके बाद संदीप एवं उसके दोस्तों को फंसाने के लिए युवती के परिवार ने गैंगरेप की धारा जुड़वा दी और साजिश के तहत इन लड़कों को फंसा दिया.


'इस केस से विपक्ष लड़ना चाहता है 2022 का चुनाव'

एपी सिंह ने कहा कि हाथरस केस पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है. पहले दिन परिवार ने जब एफआईआर करवाई तो केवल हत्या प्रयास का मामला था. लेकिन बाद में इसे गैंगरेप बताया गया. विपक्ष के सभी नेता आज हाथरस जाना चाहते हैं. ये बात भी सामने आ चुकी है कि इस केस के जरिये बड़े पैमाने पर यूपी में हिंसा की साजिश थी. यूपी में हिंसा के जरिये सरकार को गिराने की साजिश रची गई. विपक्ष इस केस के जरिये 2022 में होने वाले यूपी चुनाव के लिए जमीन तैयार करना चाहता है. लेकिन जांच में सारी सच्चाई सामने आ जायेगी.


'सजा से नहीं संस्कार से रुकेंगे दुष्कर्म के मामले'


एपी सिंह ने कहा कि निर्भया कांड में दोषियों को फांसी की सजा देने के बाद ये कहा गया था कि अब दुष्कर्म के मामले नहीं होंगे. लेकिन देशभर में इस सजा के बाद सैकड़ों हत्या एवं दुष्कर्म की घटनाएं हो चुकी हैं. जो सांसद एवं विधायक हाथरस जा रहे हैं, वो अपने क्षेत्र में जाकर दुष्कर्म एवं हत्या के आंकड़ों पर नजर डालें. उनके क्षेत्र में दुष्कर्म एवं हत्या की घटनाएं नहीं हो रही है? लेकिन अपना क्षेत्र छोड़कर उन्होंने हाथरस को राजनीति के लिए चुना है.


'न्यायिक प्रक्रिया पर होना चाहिए भरोसा'

अधिवक्ता एपी सिंह ने कहा कि आज ऐसे लोग न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा नहीं कर रहे हैं जिन्होंने सीट पर बैठने से पहले संविधान की शपथ ली है. वह मांग कर रहे हैं कि हैदराबाद की तरह इंसाफ मिलना चाहिए. विकास दूबे मामले की तरह इंसाफ मिले. अगर ऐसा ही होने लगेगा, तो न्यायिक प्रक्रिया खत्म हो जाएगी. ऐसा होने लगा तो कोर्ट की आवश्यकता ही नहीं रह जाएगी. इसलिए सबको कानून पर भरोसा होना चाहिए. इस मामले में राजनीति की जगह आपराधिक केस की तरह जांच एवं सुनवाई होगी तो सबको न्याय मिलेगा.


'बेटी के साथ ही बेटों को भी मिले न्याय'


अधिवक्ता एपी सिंह ने कहा कि वो चाहते हैं कि हाथरस की बेटी को न्याय मिले, लेकिन इसके साथ ही उन बेटों को भी न्याय मिलना चाहिए. जिन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया है. सभी मेडिकल रिपोर्ट एवं फॉरेंसिक रिपोर्ट इस बात का खुलासा कर रही हैं कि युवती से दुष्कर्म नहीं हुआ है. लेकिन परिजनों ने गैंगरेप के आरोप बाद में लगा दिए.

जिस तरह से निर्भया केस में मीडिया ट्रायल हुआ, उसी तरह से इस मामले में भी मीडिया ट्रायल चल रहा है जो गलत है. इससे फैसला तो आ जायेगा, लेकिन न्याय नहीं होगा. इसलिए जांच पूरी होने एवं मामले के जज के समक्ष आने तक इंतजार करना चाहिए. सीबीआई जांच कर रही है और वो एक विश्वसनीय जांच एजेंसी है. जल्द ही सच्चाई सबके सामने आ जायेगी.

नई दिल्ली: निर्भया कांड के दोषियों को बचाने के लिए कानून के दांव पेंच का बखूबी इस्तेमाल करने वाले एडवोकेट एपी सिंह अब हाथरस गैंगरेप के आरोपियों की पैरवी करेंगे. अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा ने उनसे इस केस की पैरवी के लिए संपर्क किया है. एपी सिंह का दावा है कि इस मामले में पकड़े गए युवकों को फंसाया गया है और वो अदालत में इस बात को साबित कर देंगे.

एडवोकेट एपी सिंह ने रखी अपनी 'दलील',
जानकारी के मुताबिक हाथरस गैंगरेप एवं हत्या के मामले में एक बार फिर निर्भया मामले के दोनों वकील आमने सामने होंगे. पीड़िता की तरफ से जहां सजा दिलवाने के लिए अधिवक्ता सीमा समृद्धि कुशवाहा होंगी, तो वहीं अधिवक्ता एपी सिंह आरोपियों के वकील होंगे.

ईटीवी भारत से बातचीत में जहां सीमा समृद्धि कुशवाहा ने आरोपियों को कड़ी सजा दिलवाने की बात कही है, तो वहीं अधिवक्ता केपी सिंह का कहना है कि वो इस मामले में साबित कर देंगे कि पकड़े गए सभी आरोपी निर्दोष हैं. पुरानी रंजिश के तहत उन्हें फंसाया गया है.


'हॉरर किलिंग का लग रहा है मामला'

एडवोकेट एपी सिंह का कहना है कि ये मामला हॉरर किलिंग का लग रहा है. युवती की आरोपी संदीप से पहले से दोस्ती थी. मोबाइल पर उनकी बातचीत होती थी. उन्हें ऐसा लगता है कि घटना वाले दिन युवती के भाई ने उन्हें एक साथ देख लिया. जिसके बाद उसने बहन की पिटाई कर दी.

इस मामले में खास बात ये है कि उसके भाई का नाम भी संदीप है. इसी पिटाई के चलते युवती की बाद में मौत हो गई. इसके बाद संदीप एवं उसके दोस्तों को फंसाने के लिए युवती के परिवार ने गैंगरेप की धारा जुड़वा दी और साजिश के तहत इन लड़कों को फंसा दिया.


'इस केस से विपक्ष लड़ना चाहता है 2022 का चुनाव'

एपी सिंह ने कहा कि हाथरस केस पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित है. पहले दिन परिवार ने जब एफआईआर करवाई तो केवल हत्या प्रयास का मामला था. लेकिन बाद में इसे गैंगरेप बताया गया. विपक्ष के सभी नेता आज हाथरस जाना चाहते हैं. ये बात भी सामने आ चुकी है कि इस केस के जरिये बड़े पैमाने पर यूपी में हिंसा की साजिश थी. यूपी में हिंसा के जरिये सरकार को गिराने की साजिश रची गई. विपक्ष इस केस के जरिये 2022 में होने वाले यूपी चुनाव के लिए जमीन तैयार करना चाहता है. लेकिन जांच में सारी सच्चाई सामने आ जायेगी.


'सजा से नहीं संस्कार से रुकेंगे दुष्कर्म के मामले'


एपी सिंह ने कहा कि निर्भया कांड में दोषियों को फांसी की सजा देने के बाद ये कहा गया था कि अब दुष्कर्म के मामले नहीं होंगे. लेकिन देशभर में इस सजा के बाद सैकड़ों हत्या एवं दुष्कर्म की घटनाएं हो चुकी हैं. जो सांसद एवं विधायक हाथरस जा रहे हैं, वो अपने क्षेत्र में जाकर दुष्कर्म एवं हत्या के आंकड़ों पर नजर डालें. उनके क्षेत्र में दुष्कर्म एवं हत्या की घटनाएं नहीं हो रही है? लेकिन अपना क्षेत्र छोड़कर उन्होंने हाथरस को राजनीति के लिए चुना है.


'न्यायिक प्रक्रिया पर होना चाहिए भरोसा'

अधिवक्ता एपी सिंह ने कहा कि आज ऐसे लोग न्यायिक प्रक्रिया पर भरोसा नहीं कर रहे हैं जिन्होंने सीट पर बैठने से पहले संविधान की शपथ ली है. वह मांग कर रहे हैं कि हैदराबाद की तरह इंसाफ मिलना चाहिए. विकास दूबे मामले की तरह इंसाफ मिले. अगर ऐसा ही होने लगेगा, तो न्यायिक प्रक्रिया खत्म हो जाएगी. ऐसा होने लगा तो कोर्ट की आवश्यकता ही नहीं रह जाएगी. इसलिए सबको कानून पर भरोसा होना चाहिए. इस मामले में राजनीति की जगह आपराधिक केस की तरह जांच एवं सुनवाई होगी तो सबको न्याय मिलेगा.


'बेटी के साथ ही बेटों को भी मिले न्याय'


अधिवक्ता एपी सिंह ने कहा कि वो चाहते हैं कि हाथरस की बेटी को न्याय मिले, लेकिन इसके साथ ही उन बेटों को भी न्याय मिलना चाहिए. जिन्हें इस मामले में गिरफ्तार किया गया है. सभी मेडिकल रिपोर्ट एवं फॉरेंसिक रिपोर्ट इस बात का खुलासा कर रही हैं कि युवती से दुष्कर्म नहीं हुआ है. लेकिन परिजनों ने गैंगरेप के आरोप बाद में लगा दिए.

जिस तरह से निर्भया केस में मीडिया ट्रायल हुआ, उसी तरह से इस मामले में भी मीडिया ट्रायल चल रहा है जो गलत है. इससे फैसला तो आ जायेगा, लेकिन न्याय नहीं होगा. इसलिए जांच पूरी होने एवं मामले के जज के समक्ष आने तक इंतजार करना चाहिए. सीबीआई जांच कर रही है और वो एक विश्वसनीय जांच एजेंसी है. जल्द ही सच्चाई सबके सामने आ जायेगी.

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