नई दिल्लीः नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिल्ली के रिज इलाके में सेना मुख्यालय की ओर से पेड़ों को काटे जाने के मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए रक्षा मंत्रालय, दिल्ली सरकार के वन विभाग और दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को नोटिस जारी किया है. बुधवार को एनजीटी चेयरपर्सन जस्टिस प्रकाश श्रीवास्तव ने चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई 6 मार्च को होगी.
एनजीटी ने एक अखबार में छपी खबर पर स्वत: लिया है. अखबार की खबर में कहा गया है कि सेना मुख्यालय ने 8.78 हेक्टेयर रिज इलाके की सफाई के दौरान काफी पेड़ों को काटा. एनजीटी ने कहा कि खबर के मुताबिक पेड़ों को काटकर दिल्ली प्रिजर्वेशन ऑफ ट्री एक्ट, फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट और इंडियन फॉरेस्ट एक्ट का उल्लंघन किया गया है. पेड़ों को काटकर पर्यावरण मानदंडों का घोर उल्लंघन किया गया.
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एनजीटी ने रक्षा मंत्रालय के सचिव, दिल्ली के प्रिंसिपल चीफ कंजर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट एंड हेड ऑफ डिपार्टमेंट और डीडीए के उपाध्यक्ष को प्रतिवादी बनाने का आदेश दिया. सुनवाई के दौरान रक्षा मंत्रालय की ओर वकील गिगी सी जॉर्ज ने नोटिस प्राप्त किया और जवाब देने के लिए चार हफ्ते का समय देने की मांग की. कोर्ट ने बाकी दोनों प्रतिवादियों को ई-मेल के जरिए आदेश सूचित करने का आदेश दिया.
बता दें, रिज इलाके में पेड़ों की कटाई के मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट भी कड़ा एतराज जताते हुए दिल्ली सरकार के वन विभाग को कड़ी फटकार लगा चुका है. हाईकोर्ट ने कहा था कि दिल्ली के नागरिक वायु प्रदूषण के कारण जिस परेशानी में हैं, उसके लिए आप जिम्मेदार हैं. वन अधिकारियों में संवेदनशीलता की कमी है.