नई दिल्ली: लंबे इंतजार के बाद निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर विकसित हो रहा नया प्लेटफॉर्म फरवरी से शुरू हो जाएगा. मिली जानकारी के मुताबिक, इसे लेकर पहले फेज का काम पूरा कर लिया गया है. इसकी शुरुआत के साथ ही वेस्ट और साउथ बाउंड रेलगाड़ियों के लिए ये ऑरिजिनेट और टर्मिनेट होने की एक नई जगह होगा, जिसका सीधा फायदा रेलयात्रियों को मिलेगा.
निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर हैं 7 प्लेटफॉर्म
दरअसल मौजूदा समय में हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन पर कुल प्लेटफॉर्म की संख्या 7 है. लॉकडाउन से पहले तक स्टेशन से करीब 300 रेलगाड़ियों का आवागमन और प्रस्थान होता था. ये दिल्ली के चार बड़े स्टेशनों में से एक है, लेकिन अन्य स्टेशनों की तुलना में यहां प्लैटफॉर्म सबसे कम थे. इसी जरूरत को देखते हुए पिछले दिनों स्टेशन पर बने यार्ड को प्लेटफॉर्म की तरह विकसित करने की प्लानिंग की गई, जिसे अब पूरा कर लिया गया है.
क्या होगा फायदा..?
सराय काले खां एंट्री की तरफ से यहां प्लेटफॉर्म नंबर 8 पर जाया जा सकेगा. इसके साथ ही झांसी, आगरा, मुंबई, तमिलनाडु, बैंगलोर और चेन्नई जैसी अलग-अलग जगहों को जाने वाली गाड़ियां यहां से खुल सकेंगी. मिली जानकारी के मुताबिक, बेसिक सुविधाओं के साथ अभी प्लेटफॉर्म शुरू किया जाएगा और बाद में यहां पर सुविधाओं का विस्तार होगा.
क्यों थी प्लेटफॉर्म की जरूरत..?
स्टेशन के डायरेक्टर संजय कुमार घोष बताते हैं कि जरूरत को देखते हुए इस प्लेटफॉर्म का बनना बहुत जरूरी था. उन्होंने कहा कि कम प्लेटफॉर्म्स पर इतनी गाड़ियों को मैनेज करना बहुत मुश्किल था, लेकिन अब ये आसान हो जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी यहां पर फेज-2 का काम भी होगा, जिसके बाद यात्रियों की सहूलियत और सुविधा के लिए यहां पर अन्य चीजों की भी शुरुआत होगी.
'A1 श्रेणी का स्टेशन है निजामुद्दीन'
गौरतलब है कि नई दिल्ली पुरानी दिल्ली और आनंद विहार स्टेशन के साथ ही दिल्ली का हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन A1 श्रेणी के स्टेशनों में शामिल है. नई दिल्ली और पुरानी दिल्ली से शहरों की तुलना में यहां पर प्लेटफॉर्म की संख्या आधी से भी कम है. नए प्लेटफॉर्म से न सिर्फ यात्री सुविधाएं बढ़ेंगी, बल्कि ऑपरेशन और प्लानिंग को भी सहायता मिलेगी.
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