नई दिल्ली: दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय के अंतर्गत आने वाले 12 वित्त पोषित कॉलेजों का फंड जारी कर दिया है. वहीं नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट (एनडीटीएफ) ने इस फंड को नाकाफी बताया है. उन्होंने कहा कि सरकार ने केवल आंशिक ग्रांट ही जारी किया है जिसमें शिक्षक व कर्मचारियों के केवल 2 महीने के वेतन का ही भुगतान किया जा सकेगा और मार्च के वेतन के भुगतान पर अनिश्चितता की तलवार लटक सकती है.
देरी से फंड जारी करने का सरकार का रवैया निंदनीय
वहीं एनडीटीएफ के पूर्व अध्यक्ष और एक्सक्यूटिव काउंसिल के पूर्व सदस्य डॉ. अजय कुमार भागी ने कहा कि प्रबंधन समिति के गठन से वेतन से जुड़े ग्रांट का कोई संबंध नहीं है फिर भी उन शिक्षकों और कर्मचारियों को दो-ढाई महीने तक अपने वेतन का इंतजार करना पड़ता है जिनका प्रबंधन समिति के गठन से कुछ लेना देना ही नहीं है.
उन्होंने कहा कि फंड देरी से जारी करने का दिल्ली सरकार का रवैया निंदनीय है और वेतन से जुड़ी सरकारी ग्रांट को प्रबंधन समिति के गठन की शर्तों से जोड़ना भविष्य के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
सरकार नियमित रूप से जारी करें ग्रांट
वहीं उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के देर से ग्रांट जारी किए जाने पर उन कर्मचारियों को भी नियमित रूप से वेतन नहीं मिल पाता जो बहुत निम्न वर्ग के होते हैं और जिनकी रोजी-रोटी इसी वेतन पर टिकी होती है.
डॉ. भागी ने कहा कि दिल्ली सरकार ने अभी केवल आंशिक फंड की जारी किया है जिससे जनवरी और फरवरी का वेतन ही दिया जा सकेगा. पर अगला फंड कब जारी होगा और शिक्षकों और कर्मचारियों की मार्च की सैलरी कब तक आएगी यह अनिश्चित कालीन है. उनका कहना है कि इस तरह की स्थिति भविष्य में ना हो और सरकार नियमित रूप से अपना फंड जारी करती रहें जिससे वहां पर कार्यरत लोगों को कोई वित्तीय परेशानी ना हो.