नई दिल्ली: दिल्ली का दिल कहे जाने वाला कनॉट प्लेस वैसे तो अपने आप में ही इतिहास की गवाही देता है, इसकी बनावट सुंदरता के साथ-साथ ही प्राचीन वास्तु कला को भी संजोए हुए है. इसकी कुछ बिल्डिंग अपने निर्धारित समय सीमा पार चुकी हैं. ऐसे में इनकी देखरेख व जीर्णोद्धार का काम एनडीएमसी के हिस्से आता है, जिसके मद्देनजर एनडीएमसी ने कनॉट प्लेस बिल्डिंग के संरक्षण और जीर्णोद्धार के लिए एसबीआई और इंडियन नेशनल ट्रस्ट फॉर आर्ट एंड कल्चरल हेरिटेज (INTACH) के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.
इस समझौता ज्ञापन पर एनडीएमसी, एसबीआई और इनटैक के प्रतिनिधियों ने एनडीएमसी के अध्यक्ष अमित यादव, एनडीएमसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों, एसबीआई के मुख्य महाप्रबंधक - कल्पेश के. अवासिया और इनटैक की संयोजक अनिता सिंह की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए. इस समझौता ज्ञापन का उद्देश्य कनॉट प्लेस की इमारतों का मरम्मत कार्य, बाहरी सर्कल का बाहरी पेंटिंग कार्य, आंतरिक सर्कल और रेडियल सड़कों सहित मुखभाग का संरक्षण और इनका जीर्णोद्धार करना है. इस परियोजना के अंतर्गत कनॉट प्लेस के संरक्षण और जीर्णोद्धार के लिए भारतीय स्टेट बैंक ने अपनी कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व योजना (सीएसआर) के तहत वित्तीय सहायता प्रदान करने पर सहमति व्यक्त की है.
ये भी पढ़ें : गुरु अर्जुनदेव प्रकाश उत्सव और बैसाखी के मौके पर लंगर का आयोजन
नई दिल्ली नगरपालिका परिषद इस परियोजना के सुचारू निष्पादन के उद्देश्य के लिए पर्यवेक्षण, लॉजिस्टिक और प्रशासनिक सहायता प्रदान करेगी. एनडीएमसी कार्य की गुणवत्ता और सरकार के दिशानिर्देशों को सुनिश्चित करने के संदर्भ में INTACH द्वारा शुरू की गई परियोजना की निगरानी करने और संबंधित विभागों और अधिकारियों के अनुमोदन की शर्तों को भी लागू करेगी. भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय और विरासत संरक्षण समिति ने इस काम को करने के लिए एनओसी दे दी है. चूंकि भारत एक वर्ष के लिए जी20 देशों की अध्यक्षता कर रहा है, इस दौरान यह परियोजना एनडीएमसी को नई दिल्ली की अनूठी विरासत को प्रदर्शित करने में सक्षम बनाएगी.