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हॉलैंड से आई इस ख़ास चीज ने दिल्ली को बना दिया कश्मीर, स्पेशल रिपोर्ट

नई दिल्ली: कश्मीर घाटी जैसी खूबसूरती दिल्ली की सड़कों पर भी दिख रही है, यकीन करना मुश्किल है लेकिन हॉलैंड से मंगाए गए टयूलिप के फूल दिल्ली की सुंदरता में चार चांद लगा रहे हैं, NDMC की ओर से इसके लिए खास मेहनत की गई है. पढ़िए ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट

राजधानी में घाटी सी खूबसूरती !
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Published : Feb 8, 2019, 3:34 AM IST

राजधानी का एनडीएमसी का इलाका इन दिनों टयूलिप के फूलों से गुलजार है, सड़कों पर बैंगनी, गुलाबी रंग के फूल हर राहगीर को आकर्षितक कर रहे हैं इन फूलों को लगाने में एनडीएमसी को खास मशक्कत भी करनी पड़ी.

एनडीएमसी उद्यान विभाग के निदेशक एस. चिल्लैया ने बताया कि दिल्ली का तापमान ट्यूलिप फूलों की पैदावार के लिए अनुकूल नहीं है. ऐसे में इन फूलों को उगाना बहुत बड़ी चुनौती था. उन्होंने कहा कि हॉलैंड से टयूलिप के अलग-अलग रंगों जैसे कि जामुनी, लाल, सफेद, नारंगी, गुलाबी और पीले पौधे मंगवाए गए थे.

करवाया गया था मिट्टी का ट्रीटमेंट
इन पौधों को ट्री प्लांट और प्रिट्रीटेड करके भेजा गया था. इन पौधों को लगाने से पहले मिट्टी का ट्रीटमेंट करवाया गया था. चिल्लैया ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते उद्यान विभाग के सामने इन पौधों को लगाना बहुत बड़ी चुनौती बन गया था.इसके लिए बाकायदा मिट्टी के अंदर दवाई डालकर बैक्टीरिया खत्म किया गया. जिससे दिल्ली की मिट्टी को टयूलिप के पौधे के अनुकूल बनाया जा सके.

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TULIP को लगाने में आई 16 लाख की लागत
इन विदेशी फूलों की पैदावार एनडीएमसी के आसपास के इलाकों की रौनक बढ़ा रही है. बता दें कि एनडीएमसी के एरिया में इन विदेशी फूलों को लगाने के लिए करीब 16 लाख रुपए का खर्च आया है. उन्होंने बताया कि ये फूल अभी तक भारत में केवल कश्मीर घाटी में ही खेलते थे. जिसे दिल्ली में उगाना एक तरह से असंभव माना जाता था. वहीं एनडीएमसी के चेयरमैन नरेश कुमार ने इन फूलों को दिल्ली में उगाने के लिए चुनौती ली थी. जिसे पूरा करने में एनडीएमसी का पूरी तरह सफल रहे.

एस. चिल्लैया, उद्यान विभाग के निदेशक
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ऐसे उगता है ट्यूलिप
बता दें कि टयूलिप के फूल की पैदावार के लिए 5 से 10 डिग्री तक के तापमान की जरूरत होती है. अनुकूल तापमान ना मिलने पर ये पौधे खिल नहीं पाते, इस बात को ध्यान में रखते हुए एनडीएमसी के कर्मचारियों ने एक मास्टर प्लान तैयार किया था. जिसके तहत विभाग में काम करने वाले माली ने भी कड़ी मेहनत की.

एस. चिल्लैया, उद्यान विभाग के निदेशक
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किन इलाकों में लगे हैं ट्यूलिप
बता दें ये रंग बिरंगे टयूलिप के फूल शांति पथ, नेहरू पार्क, लोधी गार्डन, सत्य मार्ग, चिल्ड्रन पार्क और तालकटोरा गार्डन सहित कई अन्य गोल चक्कर सहित डिस्प्ले बोर्ड के नजदीक लगाया गया है. इसको लेकर एस. चिल्लैया ने बताया कि अनुकूल वातावरण और तापमान ना मिलने से टयूलिप के पौधे खिल नहीं पाते .साथ ही उन्होंने कहा कि टयूलिप के अलावा बबल्स प्लांट ,डैफोडिल आदि भी इस उद्यान में उगाए गए हैं.

राजधानी का एनडीएमसी का इलाका इन दिनों टयूलिप के फूलों से गुलजार है, सड़कों पर बैंगनी, गुलाबी रंग के फूल हर राहगीर को आकर्षितक कर रहे हैं इन फूलों को लगाने में एनडीएमसी को खास मशक्कत भी करनी पड़ी.

एनडीएमसी उद्यान विभाग के निदेशक एस. चिल्लैया ने बताया कि दिल्ली का तापमान ट्यूलिप फूलों की पैदावार के लिए अनुकूल नहीं है. ऐसे में इन फूलों को उगाना बहुत बड़ी चुनौती था. उन्होंने कहा कि हॉलैंड से टयूलिप के अलग-अलग रंगों जैसे कि जामुनी, लाल, सफेद, नारंगी, गुलाबी और पीले पौधे मंगवाए गए थे.

करवाया गया था मिट्टी का ट्रीटमेंट
इन पौधों को ट्री प्लांट और प्रिट्रीटेड करके भेजा गया था. इन पौधों को लगाने से पहले मिट्टी का ट्रीटमेंट करवाया गया था. चिल्लैया ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते उद्यान विभाग के सामने इन पौधों को लगाना बहुत बड़ी चुनौती बन गया था.इसके लिए बाकायदा मिट्टी के अंदर दवाई डालकर बैक्टीरिया खत्म किया गया. जिससे दिल्ली की मिट्टी को टयूलिप के पौधे के अनुकूल बनाया जा सके.

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TULIP को लगाने में आई 16 लाख की लागत
इन विदेशी फूलों की पैदावार एनडीएमसी के आसपास के इलाकों की रौनक बढ़ा रही है. बता दें कि एनडीएमसी के एरिया में इन विदेशी फूलों को लगाने के लिए करीब 16 लाख रुपए का खर्च आया है. उन्होंने बताया कि ये फूल अभी तक भारत में केवल कश्मीर घाटी में ही खेलते थे. जिसे दिल्ली में उगाना एक तरह से असंभव माना जाता था. वहीं एनडीएमसी के चेयरमैन नरेश कुमार ने इन फूलों को दिल्ली में उगाने के लिए चुनौती ली थी. जिसे पूरा करने में एनडीएमसी का पूरी तरह सफल रहे.

एस. चिल्लैया, उद्यान विभाग के निदेशक
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ऐसे उगता है ट्यूलिप
बता दें कि टयूलिप के फूल की पैदावार के लिए 5 से 10 डिग्री तक के तापमान की जरूरत होती है. अनुकूल तापमान ना मिलने पर ये पौधे खिल नहीं पाते, इस बात को ध्यान में रखते हुए एनडीएमसी के कर्मचारियों ने एक मास्टर प्लान तैयार किया था. जिसके तहत विभाग में काम करने वाले माली ने भी कड़ी मेहनत की.

एस. चिल्लैया, उद्यान विभाग के निदेशक
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किन इलाकों में लगे हैं ट्यूलिप
बता दें ये रंग बिरंगे टयूलिप के फूल शांति पथ, नेहरू पार्क, लोधी गार्डन, सत्य मार्ग, चिल्ड्रन पार्क और तालकटोरा गार्डन सहित कई अन्य गोल चक्कर सहित डिस्प्ले बोर्ड के नजदीक लगाया गया है. इसको लेकर एस. चिल्लैया ने बताया कि अनुकूल वातावरण और तापमान ना मिलने से टयूलिप के पौधे खिल नहीं पाते .साथ ही उन्होंने कहा कि टयूलिप के अलावा बबल्स प्लांट ,डैफोडिल आदि भी इस उद्यान में उगाए गए हैं.

Intro:हॉलैंड से मंगाए गए टयूलिप के फूल दिल्ली की सुंदरता में चार चांद लगा रहे हैं फूलों की घाटी कहे जाने वाले कश्मीर की रौनक अब दिल्ली में ही नजर आएगी. बता दें कि नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ( एनडीएमसी ) के उद्यान विभाग समेत कई इलाके टयूलिप के फूलों से गुलजार हो रहे हैं.


Body:बता दें कि टयूलिप के फूल की पैदावार के लिए 5 से 10 डिग्री तक के तापमान की जरूरत होती है. अनुकूल तापमान ना मिलने पर यह पौधे खिल नहीं पाते हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए एनडीएमसी के कर्मचारियों ने एक मास्टर प्लान तैयार किया था. जिसके तहत विभाग में काम करने वाले माली ने भी कड़ी मेहनत की.

वहीं एनडीएमसी उद्यान विभाग के निदेशक एस. चिल्लैया ने बताया कि दिल्ली का तापमान ट्यूलिप फूलों की पैदावार के लिए अनुकूल नहीं है. ऐसे में इन फूलों को उगाने बहुत बड़ा चुनौती था. उन्होंने कहा कि हॉलैंड से टयूलिप के अलग-अलग रंगों जैसे कि जामुनी, लाल, सफेद, नारंगी, गुलाबी और पीले पौधे मंगवाए गए थे. जिन्हें ट्री प्लांट व प्रिट्रीटेड करके भेजा गया था. इन पौधों को लगाने से पहले मिट्टी का ट्रीटमेंट करवाया गया था. चिल्लैया ने बताया कि ग्लोबल वार्मिंग के चलते उद्यान विभाग के सामने इन पौधों को लगाना बहुत बड़ी चुनौती बन गया था. इसके लिए बाकायदा मिट्टी के अंदर दवाई डालकर बैक्टीरिया खत्म किया गया. जिससे दिल्ली की मिट्टी को टयूलिप के पौधे के अनुकूल बनाया जा सके. इन विदेशी फूलों की पैदावार एनडीएमसी के आसपास के इलाकों की रौनक बढ़ा रही है. बता दें कि एनडीएमसी के एरिया में इन विदेशी फूलों को लगाने के लिए करीब 16 लाख रुपए का खर्च आया है. उन्होंने बताया कि यह फूल अभी तक भारत में केवल कश्मीर की घाटी में ही खेलते थे. जिसे दिल्ली में उगाना एक तरह से असंभव माना जाता था. वहीं एनडीएमसी के चेयरमैन नरेश कुमार ने इन फूलों को दिल्ली में उगाने के लिए चुनौती ली थी. जिसे पूरा करने में एनडीएमसी का पूरी तरह सफल रहे.


बता दें कि यह रंग बिरंगे टयूलिप के फूल शांति पथ, नेहरू पार्क, लोधी गार्डन, सत्य मार्ग, चिल्ड्रन पार्क और तालकटोरा गार्डन सहित कई अन्य गोल चक्कर सहित डिस्प्ले बोर्ड के नजदीक लगाया गया है. इसको लेकर एस. चिल्लैया ने बताया कि अनुकूल वातावरण व तापमान ना मिलने से टयूलिप के पौधे सुप्त अवस्था में रहते हैं और खिल नहीं पाते .साथ ही उन्होंने कहा कि टयूलिप के अलावा बबल्स प्लांट ,डैफोडिल आदि भी इस उद्यान में उगाए गए हैं.


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