नई दिल्ली: राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने 2022 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट जारी की, जिसमें पिछले वर्ष की तुलना में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में 4% की चिंताजनक वृद्धि हुई, जिसमें कुल 4,45,256 मामले दर्ज किए गए. 3 दिसंबर को जारी की गई रिपोर्ट में बच्चों, अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और साइबर अपराधों के खिलाफ अपराधों में चिंताजनक वृद्धि हुई है. देश भर के प्रमुख शहरों और राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के बारे में डेटा क्या कहता है जानिए.
दिल्ली के परेशान करने वाले आंकड़े: एनसीआरबी की रिपोर्ट ने भारत में महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित शहर के रूप में दिल्ली को प्रदर्शित किया है, यहां 2022 में 1,204 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए हैं. इसके अलावा, ये मामले देश में महिलाओं के खिलाफ दर्ज किए गए कुल अपराधों का 31.20% था. इस रिपोर्ट के अनुसार 2022 में एक दिन में दुष्कर्म के तीन मामले दर्ज किए गए हैं. वहीं, 20 लाख से अधिक आबादी वाले 19 महानगरों में 2022 के दौरान महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 48,755 मामले दर्ज किए गए. जिसमें दिल्ली में सबसे अधिक 14,158 मामले दर्ज किए गए. जो एक बड़ी चिंता का संकेत है.
महिलाओं से किए गए अपराध के प्रकार:
- 31.4% मामलों में पतियों या रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता है जो घरेलू हिंसा की श्रेणी में आता है.
- महिलाओं के अपहरण के 19.2% मामले सामने आए, जो सार्वजनिक स्थानों पर महिलाओं की सुरक्षा के बारे में चिंताओं को उजागर करता है.
- शील भंग करने के इरादे से हमला करने के 18.7% मामले सामने आए, जो महिलाओं की गरिमा को निशाना बनाने वाले अपराधों की व्यापकता को दर्शाता है.
- रिपोर्ट किए गए अपराधों में बलात्कार के मामले 7.1% हैं, जो इस जघन्य अपराध की निरंतरता पर जोर देते हैं.
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राज्यवार रुझान: एनसीआरबी के आंकड़ों से पता चला कि उत्तर प्रदेश महिलाओं के खिलाफ अपराध के सबसे अधिक 65,743 मामलों वाला राज्य है. इसके बाद 45,331 मामलों के साथ महाराष्ट्र और 45,058 मामलों के साथ राजस्थान का स्थान है.
बलात्कार के आंकड़े: रिपोर्ट में 2022 में आश्चर्यजनक रूप से 31,516 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए. राजस्थान में सबसे अधिक 5,399 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद उत्तर प्रदेश 3,690, और मध्य प्रदेश में 3,029 दर्ज किए गए.
बच्चों के साथ होने वाले अपराध: एनसीआरबी की इस रिपोर्ट में बच्चों के साथ होने वाले अपराध को लेकर भी चिंता जताई गई है. साथ ही रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रति लाख बच्चों की आबादी पर दर्ज अपराध दर 36.6 थी जो 2021 की तुलना में 3 प्रतिशत अधिक थी. रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में इसकी संख्या 33.6 प्रतिशत थी.