नई दिल्ली : दिल्ली एनसीआर के प्रदूषण स्तर में गुरुवार को गिरावट देखने को मिली है. एनसीआर के दर्जन भर से अधिक इलाकों के प्रदूषण स्तर वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) कम होते देखा गया है. बुधवार एनसीआर के 21 से अधिक इलाकों में प्रदूषण स्तर रेड जोन में दर्ज किया (reached in Red Zone) गया था. दिल्ली के 37 इलाके में से 9 को छोड़कर किसी भी इलाके का प्रदूषण स्तर सुबह 9 बजे Red Zone में दर्ज नहीं किया गया है जो अच्छा संकेत है. माना जा रहा है कि हवा की रफ्तार बढ़ने से प्रदूषण आसानी से छंट रहा है. प्रदूषण कम होने से GRAP 3 की पाबंदियां हट सकती (GRAP 3 restrictions may be removed) हैं.
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दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण स्तर खराब श्रेणी में : केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 283, गाज़ियाबाद का 304, नोएडा का 238 और ग्रेटर नोएडा का 304 AQI दर्ज किया गया है. फिलहाल दिल्ली एनसीआर का प्रदूषण स्तर खराब (air got worse) श्रेणी में है जबकि 100 से नीचे AQI को संतोषजनक और 50 से नीचे अच्छी श्रेणी में माना जाता है. एयर क्वालिटी इंडेक्स में आई गिरावट के चलते Grap 3 की पाबंदियां हटाए जाने की संभावना बढ़ गई है.
दिल्ली-एनसीआर के प्रमुख इलाकों का प्रदूषण स्तर-
आरके पुरम:- 293
सिरी फोर्ट:- 278
आईटीओ, दिल्ली 275
अलीपुर, दिल्ली 309
पंजाबी बाग, दिल्ली 287
आया नगर, दिल्ली 264
लोधी रोड, दिल्ली 190
CRRI मधुरा रोड, दिल्ली 283
पूसा, दिल्ली 218
जेएलएन स्टेडियम, दिल्ली 274
नेहरू नगर, दिल्ली 330
अशोक विहार, दिल्ली 299
लोनी, गाज़ियाबाद 277
इंदिरापुरम, गाज़ियाबाद 295
सेक्टर 62, नोएडा 194
सेक्टर 116, नोएडा 297
सेक्टर 125, नोएडा 223
एयर क्वालिटी इंडेक्स :- (Air Quality Index) जब 0-50 होता है तो इसे 'अच्छी' श्रेणी में माना जाता है. 51-100 को 'संतोषजनक', 101-200 को 'मध्यम', 201-300 को 'खराब', 301-400 को 'अत्यंत खराब', 400-500 को 'गंभीर' और 500 से ऊपर एयर क्वालिटी इंडेक्स को 'बेहद गंभीर' माना जाता है. विशेषज्ञों के मुताबिक हवा में मौजूद बारीक कण (10 से कम पीएम के मैटर), ओजोन, सल्फर डायऑक्साइड, नाइट्रिक ऑक्साइड, कार्बन मोनो और डायआक्साइड सभी सांस की नली में सूजन, एलर्जी और फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं.
घर पर तैयार करें कॉटन मास्क:- जो लोग अधिकतर समय खुले में बिताते हैं उन्हें प्रदूषण काफी नुकसान पहुंचाता है. ऐसे में प्रदूषण से बचने के लिए उपाय करना भी बेहद जरूरी है. खुले भी अधिकतर समय बिताने वाले लोग घर में कॉटन का 4 लेयर का मास्क तैयार कर सकते हैं. जिसे गीला करके वह अपने चेहरे पर लगा सकते हैं. जिससे कि पार्टिकुलेट मैटर सास के रास्ते शरीर में प्रवेश नहीं कर पाते हैं. गीला होने के चलते पार्टिकुलेट मैटर मास्क में चिपक जाते हैं. हालांकि मार्च को समय-समय पर धोने की आवश्यकता होती है.
बाहर निकलने से करें परहेज:- प्रदूषण का लेवल हाई हो तो एहतियात बरतें. प्रदूषण से सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्ग और बच्चों को होता है. जब प्रदूषण का स्तर सामान्य से काफी अधिक हो तो घर के बाहर जाने से बचें. खासकर वह लोग जिन की प्रतिरोधक क्षमता कम है. बच्चों और बुजुर्गों को भी बाहर जाने से परहेज करना चाहिए. एक्सरसाइज आदि भी घर के अंदर करें.
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