नई दिल्ली: मणिपुर में हो रही हिंसा को लिकर सियासत गरमाई हुई है. विपक्ष इस मुद्दे को लेकर मौजूदा सरकार और केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साध रहा है. वहीं, बुधवार को मणिपुर में हो रही हिंसा के विरोध में दिल्ली में भी प्रदर्शन देखा गया है. यह प्रदर्शन दिल्ली में एनसीपी की महिला कार्यकर्ताओं और नेताओं ने पार्टी ऑफिस के बाहर किया. इस दौरान एनसीपी के सांसद, विधायक और कई बड़े कार्यकर्ता और नेता भी मौजूद रहे.
दिल्ली में एनसीपी दफ्तर के बाहर पैदल मार्च किया गया. एनसीपी कार्यकर्ताओं ने हाथ में पोस्टर बैनर लेकर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए एनसीपी की सांसद विद्या चौहान ने कहा कि मणिपुर के हालात तो पूरे देश को पता है. राज्य की सरकारें भी हालात पर काबू पाने में नाकाम है. केंद्र सरकार भी पूरी तरह से इस मामले पर विफल हुई है.
सांसद विद्या चौहान ने कहा कि केंद्र और राज्य दोनों में बीजेपी की सरकार है, फिर भी उसके बावजूद वहां पर हालात पर कोई काबू नहीं पाया गया है. सरकार ने कोई जरूरी कदम नहीं उठाया. आज मणिपुर में लोग पलायन करने पर मजबूर है. हजारों लोग बेघर हो गए. बहुत सारे मासूम लोगों ने अपनी जान गवा दी, लेकिन प्रधानमंत्री के मुंह से एक शब्द तक नहीं निकला.
50 दिन से ज्यादा वक्त बीत जाने के बाद जब विपक्ष ने इस पूरे मामले को लेकर सरकार को घेरा तब सरकार जागी है. हालांकि अभी भी वहां पर हालात काबू में नहीं है. डबल इंजन की सरकार पूरी तरह से विफल है. अभी तक देश के प्रधानमंत्री मोदी के मुंह से एक शब्द तक इस हिंसा के बारे में नहीं निकला है, जबकि, उन्होंने कई जगह प्रचार प्रसार किया है. वह घूमने में लगे हुए हैं, लेकिन मणिपुर जल रहा है. इनकी गलत नीतियों की वजह से मणिपुर में हिंसा हुई. लोग बेघर हुए. 50 दिन बीत जाने के बाद भी अभी तक मणिपुर में हिंसा पर सरकार का कोई काम नहीं है.
-सीमा मलिक, एनसीपी नेता
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