नई दिल्ली: मां दुर्गा की आठवीं शक्ति का नाम महागौरी है. दुर्गापूजा के आठवें दिन माता महागौरी की उपासना की जाती है. शारदीय नवरात्र में अष्टमी के दिन माता दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा का विशेष महत्व है.
माता का रूप
माता महागौरी की चार भुजाएं होती हैं. इनका वाहन वृषभ है. माता के ऊपर के दाहिने हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल होता है. ऊपर वाले बाएं हाथ में डमरू और नीचे के बाएं हाथ में वर मुद्रा होती है.
पूजा की विधि
झंडेवालान मंदिर के पुजारी अंबिका प्रसाद पंत ने बताया कि देवी महागौरी की पूजा की विधि नवरात्र के और दिनों की तरह है. जिस प्रकार सातवें नवरात्र तक दुर्गा मां की पूजा की गई है. उसी प्रकार अष्टमी के दिन भी देवी मां की मंत्रोच्चार से ही पूजा की जाती है.
भक्तों पर प्रभाव
ऐसा माना जाता है कि माता सीता ने श्रीराम को पाने के लिए महागौरी की पूजा की थी. अगर किसी की शादी होने में किसी भी तरह की रुकावट आ रही हो तो इस दिन उन लोगों को माता महागौरी की पूजा करनी चाहिए.
इनकी पूजा करने से शादी विवाह के कार्यों में आ रही बाधा खत्म हो जाती है. इनकी उपासना से भक्तों के सभी कष्ट खत्म हो जाते हैं. पहले से संचित पाप भी नष्ट हो जाते हैं. भविष्य में पाप, संताप देने दुख उसके पास कभी नहीं आते. महागौरी की आराधना से असंभव कार्य भी संभव हो जाते हैं.