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म्युनिसिपल सेक्रेटरी अब तय करेंगे चुनाव की अगली तारीख, निर्वाचित पार्षदों की पहले होनी चाहिए थी शपथः विशेषज्ञ

एमसीडी मामलों के जानकार जगदीश ममगाई ने कहा कि डीएमसी एक्ट में शपथ को लेकर म्युनिसिपल काउंसलर्स एंड नॉमिनेटेड मेंबर्स का जिक्र है, जिसमें पहले चुनकर आए पार्षदों की ही शपथ ग्रहण होनी चाहिए, जबकि मनोनीत मेंबर्स को वोटिंग का अधिकार नहीं होता. (Municipal secretary will now decide next date of mcd mayor election)

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Published : Jan 6, 2023, 9:16 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में आज हुए आप और बीजेपी पार्षदों के बीच हंगामे के चलते सदन को अगली तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. पूरे मामले पर एमसीडी मामलों के जानकार जगदीश ममगाई ने कहा कि डीएमसी एक्ट में शपथ को लेकर म्युनिसिपल काउंसलर्स एंड नॉमिनेटेड मेंबर्स का जिक्र है, जिसमें पहले चुनकर आए पार्षदों की ही शपथ ग्रहण होनी चाहिए. जबकि, मनोनीत मेंबर्स को वोटिंग का अधिकार नहीं होता. (Municipal secretary will now decide next date of mcd mayor election)

जगदीश ममगई ने बताया कि डीएमसी एक्ट 1957 की बात करें तो उसमें स्पष्ट तौर पर यह लिखा हुआ है कि निर्वाचित पार्षद और मनोनीत मेंबर यानी कि सबसे पहले जनता द्वारा चुनकर आए पार्षदों का शपथ ग्रहण होगा और उसके बाद ही एलजी द्वारा मनोनीत किए गए मेंबर्स को शपथ दिलाई जाएगी, जिसे आज पीठासीन अधिकारी द्वारा अनदेखा करते हुए पहले मनोनीत मेंबर्स को शपथ दिलाई जाने की घोषणा की गई. इसके बाद पूरा विवाद शुरू हुआ.

नॉमिनेटेड मेंबर्स एमसीडी के जानकार होते हैं. हालांकि, इन्हें मेयर और डिप्टी चुनाव मेयर के चुनाव में मतदान के अधिकार नहीं होता है. एमसीडी के इंटरनल चुनाव कराने की जिम्मेदारी म्युनिसिपल सेक्रेटरी की होती है. ऐसे में अगली तारीख की घोषणा म्युनिसिपल सेक्रेटरी को ही करनी है. वहीं, आज हुए हंगामे के बाद अगर एलजी चाहे तो वह पीठासीन अधिकारी को बदल भी सकते हैं.

हाथापाई और धक्कामुक्की में घायल पार्षद
हाथापाई और धक्कामुक्की में घायल पार्षद

इस सबके बीच बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बयान जारी कर कहा कि दिल्ली नगर निगम के सदन में आज जो हिंसा का खेल देखा गया. वह कहीं न कहीं स्वयं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उकसाया हुआ था. गत दो दिन से जिस तरह मुख्यमंत्री स्वयं कानूनी प्रावधानों की अवहेलना कर एल्डरमैन के मुद्दे पर बयानबाजी एवं पत्राचार कर रहे थे. वह सीधा-सीधा अपने पार्षदों को हिंसा करने के लिए उकसा रहे थे.

आप नेता अपने पार्षदों को पीठासीन अधिकारी की मेज पर चढ़ने के लिए उकसाते देखा गया है. भाजपा के कई पार्षदों को चोंटे आईं हैं. एन्ड्रयूज गंज के पार्षद शरद कपूर को गंभीर चोट आई, जिसके लिए अस्पताल में इलाज करवाना पड़ा है. यह साफ दर्शाता है कि आज की हिंसा के लिए आम आदमी पार्टी ने पहले से सारी योजना बनाई हुई थी.

पूरे मामले पर बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आप के विधायकों द्वारा आज अपने पार्षदों को हिंसा के लिए भड़काया गया, जिसकी तस्वीरें भी अब सामने आ गई हैं. क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री अपने विधायकों के खिलाफ अब कार्रवाई करेंगे?

नई दिल्लीः दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में आज हुए आप और बीजेपी पार्षदों के बीच हंगामे के चलते सदन को अगली तारीख तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. पूरे मामले पर एमसीडी मामलों के जानकार जगदीश ममगाई ने कहा कि डीएमसी एक्ट में शपथ को लेकर म्युनिसिपल काउंसलर्स एंड नॉमिनेटेड मेंबर्स का जिक्र है, जिसमें पहले चुनकर आए पार्षदों की ही शपथ ग्रहण होनी चाहिए. जबकि, मनोनीत मेंबर्स को वोटिंग का अधिकार नहीं होता. (Municipal secretary will now decide next date of mcd mayor election)

जगदीश ममगई ने बताया कि डीएमसी एक्ट 1957 की बात करें तो उसमें स्पष्ट तौर पर यह लिखा हुआ है कि निर्वाचित पार्षद और मनोनीत मेंबर यानी कि सबसे पहले जनता द्वारा चुनकर आए पार्षदों का शपथ ग्रहण होगा और उसके बाद ही एलजी द्वारा मनोनीत किए गए मेंबर्स को शपथ दिलाई जाएगी, जिसे आज पीठासीन अधिकारी द्वारा अनदेखा करते हुए पहले मनोनीत मेंबर्स को शपथ दिलाई जाने की घोषणा की गई. इसके बाद पूरा विवाद शुरू हुआ.

नॉमिनेटेड मेंबर्स एमसीडी के जानकार होते हैं. हालांकि, इन्हें मेयर और डिप्टी चुनाव मेयर के चुनाव में मतदान के अधिकार नहीं होता है. एमसीडी के इंटरनल चुनाव कराने की जिम्मेदारी म्युनिसिपल सेक्रेटरी की होती है. ऐसे में अगली तारीख की घोषणा म्युनिसिपल सेक्रेटरी को ही करनी है. वहीं, आज हुए हंगामे के बाद अगर एलजी चाहे तो वह पीठासीन अधिकारी को बदल भी सकते हैं.

हाथापाई और धक्कामुक्की में घायल पार्षद
हाथापाई और धक्कामुक्की में घायल पार्षद

इस सबके बीच बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने बयान जारी कर कहा कि दिल्ली नगर निगम के सदन में आज जो हिंसा का खेल देखा गया. वह कहीं न कहीं स्वयं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उकसाया हुआ था. गत दो दिन से जिस तरह मुख्यमंत्री स्वयं कानूनी प्रावधानों की अवहेलना कर एल्डरमैन के मुद्दे पर बयानबाजी एवं पत्राचार कर रहे थे. वह सीधा-सीधा अपने पार्षदों को हिंसा करने के लिए उकसा रहे थे.

आप नेता अपने पार्षदों को पीठासीन अधिकारी की मेज पर चढ़ने के लिए उकसाते देखा गया है. भाजपा के कई पार्षदों को चोंटे आईं हैं. एन्ड्रयूज गंज के पार्षद शरद कपूर को गंभीर चोट आई, जिसके लिए अस्पताल में इलाज करवाना पड़ा है. यह साफ दर्शाता है कि आज की हिंसा के लिए आम आदमी पार्टी ने पहले से सारी योजना बनाई हुई थी.

पूरे मामले पर बीजेपी प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आप के विधायकों द्वारा आज अपने पार्षदों को हिंसा के लिए भड़काया गया, जिसकी तस्वीरें भी अब सामने आ गई हैं. क्या दिल्ली के मुख्यमंत्री अपने विधायकों के खिलाफ अब कार्रवाई करेंगे?

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